गया : विष्णुपद में साफ सफाई के लिए जिलाधिकारी ने नगर निगम को दिए निर्देश
गया : गया जिलाधिकारी ने विष्णुपद क्षेत्र में घाटो की साफ-सफाई तथा मेला क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से संबंधित पदाधिकारियों ए पंडा समाज के पुरोहितों के साथ जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में विचार विमर्श किया गया है।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि गयाजी डैम निर्माण होने के पश्चात फल्गु नदी के देवघाट में सालों भर पानी रखने का उद्देश्य है। इसे लेकर नदी का पानी स्वच्छ रहे इसके लिए नगर निगम और कार्यपालक अभियंता गयाजी डैम को निर्देश दिया कि साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अब लगभग सालों भर तीर्थयात्री अपने पूर्वजों के पिंड दान करने देवघाट विष्णुपद आते हैं और फल्गु नदी में तर्पण करते हैं। तर्पण के पश्चात पूजा सामग्री नदी में ही प्रवाहित करते हैं जिसे लेकर नदी का पानी प्रदूषित होने की संभावना है।
पंडा समाज के पुरोहितों से अपील किया है कि पितृपक्ष जैसे महान अवसर को छोड़ कर अन्य सामान्य दिनों में जो भी तीर्थयात्री तर्पण करने फल्गु नदी में आते हैं तो उन्हें प्रेरित करे की यत्र तत्र नदी में प्रवाहित ना करते हुए केवल पिंडदान की सामग्री ही नदी में प्रवाहित करें, जिससे आसानी से नदी के पानी को जाल के माध्यम या अन्य माध्यमों से साफ करवाया जा सके।
तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए देवघाट एवं गयाजी डैम से श्मशान घाट तक 20 सफाई कर्मी नगर निगम द्वारा लगाया गया है।जो पूरे घाटों का निरंतर साफ सफाई करते हैं। यत्र तत्र गंदगी ना फैले तथा पिंडदान की सामग्रियों को नदी में प्रवाहित ना करें, इसके लेकर पर्याप्त संख्या में स्टील डस्टबिन लगाया गया है। घाटों पर सफाई निरंतर हो इसके लिए अलग से सफाई पर्यवेक्षक भी रखा गया है। विशेष पूजा वाले दिनों में अतिरिक्त सफाई कर्मी लगाते हुए घाटों की सफाई करवाएं। जिला पदाधिकारी ने पंडा समाज के पुरोहितों से अपील किया कि अपने अपने पंडा समाज के अन्य लोगों से भी अपील करे की घाटों पर लगाये गए डस्टबिन का प्रयोग करते हुए पूजा सामग्री को पूजा के पश्चात डस्टबिन में ही डालने हेतु प्रेरित करे।
जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता गयाजी डैम को निर्देश दिया कि गयाजी डैम में अधिक संख्या में पानी है। इसे देखते हुए कोई घटना ना हो इसके लिए वैसा स्थान जहां पर नदी में उतरने के लिए सीढ़ी नहीं है वहां पर रेलिंग लगाया जाए ताकि कोई भी घटना ना हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में 260 मीटर ही सीढ़ी का निर्माण हो चुका है अतिरिक्त 100 मीटर और सीढ़ी का निर्माण कार्य कराया जाए। जिससे तीर्थ यात्रियों के साथ साथ गया जिले वासियों को भी पर्व के दिनों में नदी में उतारने में और सहूलियत मिल सके। इसके अलावा कार्यपालक अभियंता गयाजी डैम को निर्देश दिया कि अपने स्तर से भी आधुनिक तकनीक से बने डैम को किस तरह पानी को कैसे साफ रखा जाए, इस पर भी एक कार्य योजना बनाते हुए साफ सफाई कराएं।
तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए उन्होंने नगर निगम को स्पष्ट निर्देश दिया कि हर 15 से 20 दिन के अंतराल पर कॉउ कैचर टीम द्वारा आवारा पशुओं को पकड़ने का कार्य करें और फाइन की वसूली करें।
मेला क्षेत्र में पार्किंग व्यवस्था को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से जिला पदाधिकारी ने कहा कि सीता कुंड के समीप एवं फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट के समीप खाली जमीन को पार्किंग स्थल बनाने के लिए स्थल निरीक्षण किया गया है । एल०ए०ई०ओ०-1 के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के अंदर संबंधित दोनों पार्किंग स्थलों का एस्टीमेट तैयार कर उपलब्ध करावे। बड़े वाहनों एवं छोटे वाहनों के व्यवस्थित रूप से पार्किंग के लिए सभी व्यवस्थाओं को देखते हुए एस्टीमेट तैयार करें।कार्यपालक अभियंता आरसीडी को निर्देश दिया कि कोयरीबारी, जीबी रोड, नादरगंज, रामसागर, विष्णुपद नारायणी पुल एवं अक्षय वट रोड वाली सड़कों को हर हाल में 15 नवंबर तक समतल करावे।
गुरुवार के इस बैठक में उप विकास आयुक्त, वरीय उप समाहर्ता अमित पटेल, कार्यपालक अभियंता गंगा जलापूर्ति योजना, कार्यपालक अभियंता गयाजी डैम, कार्यपालक अभियंता बुडको, उप नगर आयुक्त, गया नगर निगम के सफाई अभियंता सहित अन्य पदाधिकारी गण एवं पंडा समाज के पुरोहित गण उपस्थित थे।