औरंगाबाद : पुनपुन महोत्सव का शानदार आगाज और समापन , सांस्कृतिक कार्यक्रम की रही धूम
औरंगाबाद के नवीनगर प्रखण्ड के टंडवा में दो दिवसीय पुनपुन महोत्सव का आगाज और समापन दोनो ही काफी धूम धाम के साथ हुआ । नवीनगर प्रखंड के ग्राम पंचायत टंडवा में पुन पुन तट पर आयोजित दो दिवसीय पुन पुन महोत्सव पुन पुन आरती व देर रात सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। जिसमें स्थानीय तथा दानिका संगीत संस्थान औरंगाबाद के कलाकारों तथा विभिन्न विधालय के बच्चों के द्वारा एक से बढकर एक प्रस्तुति से दर्शको का मन मोह लिया।
भव्य शोभायात्रा के साथ महोत्सव का शुभारंभ
वही कार्यक्रम में शामिल कलाकारों को अंग वस्त्र देकर तथा बच्चों को प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। महोत्सव का आयोजन भव्य शोभा यात्रा के साथ आरम्भ हुआ। शोभा यात्रा सूर्य मंदिर परिसर से निकलर पुनपुन उद्गम स्थल पहुँची जहाँ वैदिक मंत्रोचार के साथ पुनपुन पूजन किया गया। पुनपुन महोत्सव समिति द्वारा भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। जिसमें गाजे बाजे के साथ नगर परिक्रमा किया गया। सैकड़ो की संख्या में लोग जयकारा करते नगर भ्रमण किया।नगर का भ्रमण कर शोभा यात्रा आयोजन स्थल पुनपुन तट पंहुचा।जिसके बाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुखिया सहित संस्था के पदाधिकारियों ने किया पुनपुन महोत्सव का उद्घाटन
महोत्सव का उद्घाटन दिप प्रज्ज्वलित कर और फीता काटकर किया गया। जिसका विधिवत उद्घाटन मुखिया राम प्रसाद राम, समिति संरक्षक सिध्देश्वर विद्यार्थी, राजेश कुमार अग्रवाल, शिव शंकर प्रसाद गुप्ता,समिति अध्यक्ष राम जन्म सिंह, उमेश प्रसाद,अरविंद कुमार,राजकुमार रजक,अशोक मेहता,विश्वनाथ तिवारी,सीता राम वैध,सत्यनारायण सिंह,राधे श्याम सोनी,चंदन कुमार,सत्येंद्र सिंह के साथ-साथ समिति के सभी वरीय पदाधिकारी एवं प्रबुद्ध नागरिकों के द्वारा संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष राम जन्म सिंह ने किया तथा संचालन उमेश प्रसाद ने किया।
नवीनगर प्रखंड के दक्षिणी इलाके में कुडवां पर्वत से निकलती है पुनपुन
वही कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत माला पहनाकर और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। वही कार्यक्रम को सम्बोधित करते मौजूद वक्ताओं सहित महँथ अवध बिहारी दास ने कहा कि पुनपुन नदी हम सबों के प्राकृतिक धरोहर है। इनके अस्तित्व की रक्षा करना हम सबों का सामूहिक दायित्व है। धार्मिक ग्रंथों व पुराणों में भी पुनपुन नदी का वर्णन है।मंच से संबोधित करते हुए उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि नदी का उद्गम स्थल कुंडवा पर्वत जो टंडवा के दक्षिणी इलाके की पहाड़ियों पर प्राकृतिक रूप से विद्यमान है। पुनपुन नदी की गरिमा और महिमा अपरंपार है। धार्मिक ग्रंथों पुराणों में भी वर्णन मिलता है पुनपुन नदी अपने में अनेक छोटी-बड़ी नदियों के जल लेते हुए पटना के समीप फतुहा में मिलती है।धार्मिक ग्रंथों व पुराणों में भी पुनपुन नदी का वर्णन है।वही जल, जीवन, हरियाली से जोड़ने की अपील की।
वही वक्ताओं ने कहा कि पुनपुन हमारी पितरों के तारने वाली तारणहार नदी है। नदी को जल जीवन हरियाली से जोड़कर टंडवा से नवीनगर तक नदी के मिटते हुए अस्तित्व को बचाए। सरकार हमारी पुनपुन की रक्षा नहीं करती तबतक हम सब महोत्सव या कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार प्रसार करते रहेंगे।वही वक्तागण -भृगुनाथ सिंह , शंकर प्रसाद, राजकुमार रजक, चंदन कुमार पंचायत समिति सदस्य,कमलेश सिंह,अशोक मेहता, शिवशंकर प्रसाद गुप्ता आदि लोगों ने पुनपुन नदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की और जिला प्रशासन और बिहार सरकार से मांग किया कि पुनपुन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराये ताकि पुनपुन नदी में अविरल धारा बह सके।
पितरों को तारने वाली नदी है पुनपुन
वही महोत्सव में स्थानीय कलाकरों ने अपनी गीत संगीत की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम का आरम्भ स्वागत गान से किया गया। कार्यक्रम में स्वागत गान विजन कोचिंग सेंटर मुनगा मोड़ टंडवा के द्वारा प्रस्तुत किया गया।जिसमें संजना कुमारी,किरण कुमारी ,रूबी कुमारी ने प्रस्तुति दी। वहीं सरस्वती शिशु मंदिर टंडवा के द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया जिसमें नेहा कुमारी, छोटी कुमारी, खुशी कुमारी ,विजयंती कुमारी, नेहा कुमारी ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। भक्ति गीत कार्यक्रम मध्य विद्यालय टंडवा पूर्वी की छात्रा गुड़िया कुमारी ,प्रीति कुमारी ,अन्नू कुमारी ,मनु कुमारी, खुशी कुमारी सोनी कुमारी ने मानो तो मैं पुनपुन मां हूं मानो तो बहता पानी की प्रस्तुति देकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। वही विजन कोचिंग सेंटर मुनग मोड़ टंडवा के छात्रा द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया जिसमें छोटी कुमारी ने तेरी नदियों में बह जावा तथा रेशमी कुमारी ने देशभक्ति हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर जानी की प्रस्तुति देकर दर्शकों की वाहवाही लूटी। वही विजन कोचिंग सेंटर की छात्रा रुखसार, जिया कुमारी, रानी कुमारी, प्रतिमा कुमारी, गुनगुन कुमारी ने नृत्य प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।वहीं स्थानीय कलाकार अंजली आनंद रंजन बिहारी चिंटू रंगीला मनीष राज अवध बिहारी आदित्य राहुल सिंह रोहित कुमार ने अपनी प्रस्तुति दी प्रस्तुति से दर्शक झूमने लगे। वही विद्यालय के बच्चों के द्वारा एक से बढ़कर एक कलाकारों द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जहां उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।स्थानीय कलाकारों ने गीत संगीत अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।कलाकारों ने ऐसा समां बांधा कि हर कोई मुग्ध हो गया। स्थानीय कलाकरों के द्वारा प्रस्तुत किये गए कार्यक्रम को दर्शको ने खूब सराहा। वही औरंगाबाद दानिका संगीत संसथान के कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तूत किया गया। जिसमें देर रात दर्शको ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का आंनद लिया। वही कार्यक्रम में शामिल कलाकार तथा बच्चों को प्रसस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिसके साथ ही दो दिवसीय पुन पुन महोत्सव कार्यक्रम संपन्न हुआ।
संदीप कुमार