औरंगाबाद :दानिका ने कथक नर्तक देवबली सिंह को अनमोल रत्न घोषित किया

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिला मुख्यालय औरंगाबाद की महत्वपूर्ण सांगीतिक संस्था दानिका संगीत महाविद्यालय के प्रांगण में मगध अनमोल रत्न कार्यक्रम के निमित्त नृत्य एवं संगीत के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त करने वाले जम्होर निवासी देवबली सिंह चंचल जी को अनमोल रत्न चुना गया।संस्था के डायरेक्टर डा रविंद्र कुमार के नेतृत्व में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष सुरेश विद्यार्थी के उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम का सफल संचालन उद्घोषिका शिवांगी सिंह द्वारा की गई।
मौके पर गजल गायक कुमार संजीव एवं नूतन कुमारी की गरिमामई उपस्थिति रही।दानिका परिवार द्वारा अनमोल रत्न के तय किए गए मानक से संबंधित पूछे गए सवाल के क्रम में देवबली सिंह ने बताया कि वे 12 वर्ष की उम्र में दरभंगा रामलीला मंडली में भर्ती हुए थे। गोपी कृष्ण एवं बिरजू महाराज के साथ कत्थक नृत्य में संगत किया।उसके बाद फिल्मी दुनिया में गया वहां जाकर भोजपुरी फिल्मों में काम किया।
विशेष सफलता नहीं मिलने पर औरंगाबाद में ही संगीत से जुड़ गए दानिका परिवार के मुखन दास एवं यमुना राम जी के सान्निध्य में बहुत से मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।पूरा जीवन संघर्षमय बीता।संगीत के क्षेत्र में आने में कारण गोतिया परिवार वालों ने विवाद भी किया। इतना के बावजूद भी लगातार संगीत के क्षेत्र में बढ़ते रहें।दानिका संगीत महाविद्यालय के स्थापना में सराहनीय भूमिका निभाई। उम्र के अंतिम पड़ाव में धार्मिक कार्यों से जुड़े।मोक्षदायिनी पुनपुन एवं पुण्यदायिनी बटाने के संगम तट पर आदि गंगा पुनपुन माता का मंदिर का स्थापना कराया व।2004 से लगातार 20 वर्षों तक अपने निजी खर्चे से आदि गंगा पुनपुन का महोत्सव कराया और इस कार्य में निरंतर लगे हुए हैं।
अपने निजी जमीन पर ही स्थापित मंदिर में दर्जन देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। दानिका के डायरेक्टर रविंद्र कुमार ने बताया कि उनका ये अनमोल रत्न कार्यक्रम मगध प्रमंडल के सभी जिलों के लोगों को जो अपनी प्रतिभा से मुखातिब किए हैं उन्हें दी जाएगी। इसी कड़ी में आज इन्हें अनमोल रत्न की उपाधि दी जा रही है। मौके पर अंजनी कुमारी,नंदनी कुमारी,निधि,पल्लवी कुमारी, निहारिका कुमारी, अमीषा गायकवाड,रवि शंकर किशन परवाल सहित अन्य उपस्थित थे।