औरंगाबाद :मानवाधिकार की रक्षा हेतु प्रखर पहरी बने जिला विधिक सेवा प्राधिकार – सचिव
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में अन्तर्राट्रीय मानवाधिकार दिवस पर मंडल कारा, औरंगाबाद के परिसर में एक विस्त्त जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम, मंडल कारा अधीक्षक डॉ दीपक कुमार, पुलिस उपाधीक्षक, मुख्यालय श्री विजय कुमार सिंह, मुख्य कानुनी प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रमुख युगेश किशोर पाण्डेय, उप प्रमुख अभिनंदन कुमार, सहायक रंधीर कुमार, पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार सिंह एवं रौशन कुमार, जेलर सरोज कुमार, ने संयुक्त रूप से दीप प्रजवल्लित कर कार्यक्रम का औपचारिक उदघाटन किया ।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सचिव नें कहा कि भारत की प्रकृति में ही बसा है भले ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसम्बर, 1948 को मानवाधिकार दिवस घोषित किया परन्तु भारत का इतिहास एवं स्वाभाव वसुधैव कुटुम्बकम की रही है जो प्राचीन काल से मानव सभ्यता में रची बसी है, फिर भी सामाजिक कुरीतियों के कारण जो समस्याऐं सामने आई उसे प्रबुद्ध समाज न्यायपालिका एवं सरकारों ने उन कुरीतियों को कानून के माध्यम से समाप्त करने का प्रयास किया गया है तथा आगे भी हम सबको इसके लिए निरंतर प्रयास करते रहना है जिन्हें जरूरत हो जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से उनके अधिकारों को दिलाने में हर संभव प्रयास करेगा।
मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम में उपस्थित जन समुह को सम्बोधित करते हुए इतिहास के कई तथ्य रखे जो प्रेम के साथ-साथ भारतीय परम्परा को इंगित करता है जो मानवाधिकार का सर्वोतम उदाहरण है। पुलिस उपाधिक्षक मुख्यालय ने अपने संबोधन में कहा कि पुलिस विभाग सुधार की ओर अग्रसर हैं एवं अपने स्तर से मानवाधिकार के प्रति लोगो को कोई परेशानी न हो इस संबंध में कारवाई करते हैं उन्होनें बंदियो के समक्ष यह कहा कि अगर किसी बंदी के पास उनके निर्दोष होने का पुख्ता प्रमाण हैं और वाद में आरोप पत्र समर्पित नही हुआ हैं तो किसी भी माध्यम से हमें अपने निर्दोष होने का प्रमाण उपलब्ध कराये मैं स्वयं विस्वास दिलाता हूँ कि आपको निर्दोष साबित कराकर कारा मुक्ति कराया जाएगा। कार्यक्रम मे जेल अधिक्षक ने कहा कि मानवाधिकार दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के अनुसार मानव को समानता का अधिकार दिलाने हेतु मानवाधिकार दिवस की शुरूआत 10 दिसम्बर 1948 को की गई थी परंतु जहा व्यक्तियों का अधिकार की बात होती हैं वहां उनके कर्तव्यों की बात जरूर होनी चाहिए दोनों एक दूसरे के पूरक हैं मानवाधिकार दिवस के अवसर पर अपने कर्तव्य के प्रति अनुसासित होने का संकल्प हमें लेनी चाहिए।
योगेश किशोर पाण्डेय ने अपने संबोधन में मानवाधिकार के साथ-साथ बंदियो को अपराध मुक्त समाज के स्थापना में योगदान देने हेतु प्रोत्साहित किया एवं अपराध को व्यवसायिक रूप मे नही करने हेतु बंदियो से अपील किया। पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार सिंह एवं रौशन कुमार ने बंदियों को मिलने वाले अधिकार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा किये जाने वाले कार्यो की जानकारी बंदियो को दिया। कार्यक्रम का संचालन करत हुए श्री अभिनन्दन कुमार द्वारा बंदियो को विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के संबंध में बंदियों को बताया एवं उससे मिलने वाले लाभ के संबंध में बताया । कार्यक्रम मे धन्यवाद ज्ञापन जेलर सरोज कुमार ने किया। इस अवसर पर सैकडो की संख्या में बंदी उपस्थित थे।