औरंगाबाद :ग्रामीण स्तर तक न्याय पहुॅचाने में पारा विधिक स्वयं सेवकों की महती भूमिका:- प्रधान जिला जज

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मगध एक्सप्रेस :-प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री राज कुमार द्वारा अनुमति प्रदान किये जाने के उपरान्त पारा विधिक स्वयं सेवकों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार अन्तर्गत विधिक सेवा सदन में दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम तथा पाॅक्सो न्यायालय के लोक अभियोजक श्री शिवलाल मेहता तथा पारिवारिक मामलो के प्रसिध अधिवक्ता राना सरोज कुमार द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों से कहा कि प्रशिक्षण सत्र का आयोजन प्राधिकार में इसलिए किया गया है कि आप तमाम अर्द्ध विधिक स्वयं सेवक समाज के प्रति अपने दायित्वों का शत-प्रतिशत निर्वहन कर सके क्योंकि प्राधिकार के आॅंख और कान आप सब है इसलिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कराया जा रहा है जिनका आपके कार्यो में प्रतिदिन जरूरत पड़ेगी। इसमें लोक अभियोजक, प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी, पारिवारिक मामलो से जुड़े अधिवक्ता उप मुख्य कानूनी सहायता परामर्षदाता जैसे संसथाओं से जुड़े लोगों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षण सत्र में वक्ताओं द्वारा कहा गया जितना हो सके आप सभी इसका लाभ उठायें और समाज के प्रति खासकर कमजोर और शोषित व्यक्तियों के उत्थान तथा विधिक सहायता उपलब्ध कराने में अपना योगदान दें। विदित हो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा नव चयनित अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों के प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया जिससे अपने-अपने क्षेत्रों में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार पारा विधिक स्वयं सेवकों के माध्यम से ग्रामीण स्तर तक हो सके।सरकार के द्वारा चलाये जा रहे कल्याणकारी योजनाओं के विषय पर प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी ने अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण दिया तथा बताया कि सरकार के द्वारा ऐसी अनेकों योजनाऐं हैं जिसका लाभ जागरूकता एवं जानकारी के अभाव में समाज को नहीं मिल पा रही है, अर्द्ध विधिक स्वयं सेवक का दायित्व है कि उन सारी योजनाओं का लाभ समाज को दिलवाने में अपनी भूमिका अदा करें उन्होनें उन सारी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों को महिलाओं की सुरक्षा, उनके अधिकार, खासकर घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न तथा महिलाओं से जुड़े साईबर अपराध के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों को कहा कि अगर उनके नजर में ऐसे अपराध होतें है और उन्हें इसकी जानकारी होती है तो वे तत्काल उन्हें अथवा प्राधिकार को सूचना दें ताकि ससमय कार्रवाई हो सके। उन्होंने यह भी बतलाया कि घरेलू हिंसा अधिनियम वेहद ही प्रभावी कानून है जिसमें कोई भी महिला को न्याय 60 दिनों के भीतर मिल जाती है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों के द्वारा प्राथमिकी दर्ज करवाने से लेकर कई तरह के कार्यो को विस्तार से बतलायें जो समाज के लिए लाभकारी हो। बाल कल्याण, बाल अधिकार, बाल श्रम विषय पर पर भी अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षण दिया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम में अर्द्ध विधिक स्वयं सेवकों बाल श्रम, बाल अपराध आदि समाज की कुरीतियों के विषय में विस्तार से बताते हुए उन्होंने बताया कि अगर पारा विधिक स्वयं सेवकों को अपने आस-पास इस तरह की घटनाऐं होने पर तत्काल सम्बन्धित प्राधिकार या विभाग के पदाधिकारियों को सूचित कर समाज से इस कुरीति को खत्म करने में अपना योगदान देना दायित्व है।

उप कानूनी सहायता रक्षा परामर्षदाता श्री अभिनन्दन कुमार सहायक कानूनी सहायता रक्षा परामर्शदाता श्री रंधीर कुमार द्वारा इस प्रशिक्षण सत्र में प्ली वार्गेनिंग, लोक अदालत, वैकल्पिक समाधान केन्द्र, साईबर अपराध जैसे महत्वपूर्ण विषय पर उपस्थित पारा विधिक स्वयं सेवकों को प्रषिक्षित किया गया। आज के परिवर्तित समय में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा टेली लाॅ के माध्यम से भी लोगो को विधिक सहायता पहुॅचाने का कार्य किया जा रहा है इस विषय पर रिटेनर अधिवक्ता श्री सुजीत कुमार सिंह ने उपस्थित सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों को विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराया। प्रशिक्षण सत्र समाप्ति के उपरान्त सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों को प्राधिकार द्वारा पहचान-पत्र भी जारी किया गया।


इस प्रशिक्षण के अन्तिम सत्र में उपस्थित पारा विधिक स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि आज के प्रशिक्षण सत्र से आप सभी काफी लाभान्वित हुए हैं। प्रधान जिला जज द्वारा प्रशिक्षण सत्र में उपस्थित पारा विधिक स्वयं सेवकों से कहा गया कि आज भी ग्रामाीण स्तर के लोग निःषुल्क न्याय से ज्यादातर अनभिज्ञ हैं। आप सभी पारा विधिक स्वयं सेवकों को यह परम दायित्व होना चाहिए कि उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यो को उन तक पहुॅचायें जिससे कि उन्हें भी मुफ्त कानूनी सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से मुहैया जा सके। आपकी पहुॅच ग्रामीण स्तर तक है और आप सभी लोग प्राधिकार से जुडें है इसलिए आपका दायरा और दायित्व दोनों व्यापक हो जाता है। आप अपने कर्तव्य का ईमानदारीपूर्वक पालन करें लोगो को आपके माध्यम से सहज सुलभ और नि‘ःषुल्क न्याय प्राप्त होगा और इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े पुरे तंत्र आपका सहयोग करेंगें।

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