औरंगाबाद: देवकुंड मठ की जमीन का नही रुक रहा अवैध कब्जा , न्यास बोर्ड के आदेश को सिस्टम के अधिकारी और माफिया दिखा रहे अंगूठा, महंथ ने फेसबुक पोस्ट कर दी आत्मदाह की चेतावनी

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Magadh Express:औरंगाबाद /अरवल जिले के सीमापवर्ती इलाको में अवस्थित गोह प्रखंड के शिव नगरी देवकुंड धाम में बाबा दूधेश्वरनाथ च्यवन आश्रम मठ के महँथ कन्हैया नंद पूरी ने आज सोशल मीडिया के फेसबुक पर एक आत्महत्या करने की पोस्ट कर जिले में माहौल को गर्म कर दिया है ।

देवकुंड मठाधीश महंथ श्री कन्हैयानंद पूरी जी महाराज ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि धार्मिक न्यास परिषद के आदेश के बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा अतिक्रमणकारियो पर करवाई नहीं हो रही है। आज लगभाग 4 महिने से मैं कभी न्यास बोर्ड तो कभी डीएम, अधिकारी या एसडीओ दाउद नगर के पास चक्कर काट रहा हू लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है । अगर एक सप्ताह के अंदर जमीन पर कब्ज़ा करने पर रोक नहीं लगाई गई तो मैं उसी मंदिर के अंदर आत्मदाह करुंगा जिसका जबाबदेह जिला प्रशासन या धार्मिक न्यास बोर्ड होगा।

ज्ञात हो कि पहले भी मठ की जमीन की भूमि को कब्जा करने को लेकर भूमाफियाओ द्वार कई महंतो की हत्या की जा चुकी है। सीओ गोह के द्वार फर्जी तरिके से मठ की भूमि पर डिमांड खोल दिया गया है, मैं जब रोक लगाने की बात करता हूं तो मुझे कोर्ट जाने की मुफ्त में सलाह पदाधिकारियो द्वारा दिया गया ।अगर इनलोगो के द्वार कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता है तो मंदिर का दरवाजा आम लोगो के लिए बंद रहेगा जब तक मैं आत्मा दह न करलू ।


बताते चलें कि देवकुंठ मठाधीश के पिता महंथ श्री अखिलेश्वरानंद पूरी जी महाराज की हत्या मठ की संपति को लेकर हुआ था ।इसके पूर्व भी महंथ को मठ की जमीन को लेकर हत्या हुआ था । देवकुंड मठाधीश कन्हैयानंद पूरी जी महाराज ने बात करते हुए कहा कि बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड को बिहार के सभी मठ मंदिरों को संरक्षित करने के लिए मान्यता दी गई है ।न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के आदेश को लेकर मैं लगातार अधिकारियों के पास मठ की जमीन को लेकर दौड़ रहा हू लेकिन कोई भी अधिकारी नही सुन रहे है जबकि स्थानीय प्रशासन इस मामले में दलालों के चंगुल में है ।

महंथ ने कहा की मठ की जमीन समाज की संपति है ,सरकार की संपति है ,मैं इस जमीन के लिए लगातार दौड़ रहा हू लेकिन सरकार के अधिकारी जो जिला प्रशासन में बैठे है उनका किसी तरह का सहयोग नही मिला पा रहा है ।लोग न्यायालय जाने की परामर्श देते है जबतक मैं न्यायालय जाऊंगा और वहां से आदेश लाऊंगा तबतक सभी जमीन पर सीओ की निगरानी में कब्जा हो चुका होगा ।जिस मठ का मैं मंहथ हू अगर मैं वहां की संपति को सुरक्षित और संरक्षित नही कर पाया तो मेरा जीवन व्यर्थ है ।

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