गया :दिव्यांगजनो की मुलभूत अधिकारों को ‘’दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’’ में वर्णित सुसंगत धाराओ को बिहार सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर उतारने हेतु पूरे बिहार के दिव्यांगजन आज 11 फरवरी 2023 से अनिश्चितकालीन सत्याग्रह पर
धीरज गुप्ता
मगध एक्सप्रेस :- पटना जिला P.W.D संघ के नेतृत्व में बिहार P.W.D संघ एवं ऑलइंडिया P.W.D संघ के सहयोग से दिव्यांगजनो कि मुलभूत अधिकारों को ‘’दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016’’ में वर्णित सुसंगत धाराओ को बिहार सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर लागु करवाने हेतु अनिश्चितकालीन सत्याग्रह महा आन्दोलन का आयोजन आजसुवह 10 बजे से गांधी स्मारक, गांधी मैदान, पटना में किया गया है। इस सत्याग्रह महा आन्दोलन में पूरे बिहार के 38 जिलों से हजारों दिव्यांगजन अनिश्चितकालीन सत्याग्रह महा आंदोलन पर बैठे हैं। आज के सत्याग्रह महा आंदोलन में पूरे बिहार के 38 जिलों से 10,000 से अधिक दिव्यांग शामिल हुए। इस सत्याग्रह महा आंदोलन मे आए। सभी बिहार एसोसिएशन ऑफ पर्सन विथ डिसेबिलिटी द्वारा इस सत्याग्रह में सरकार से मांग की जा रही है , दिव्यांग आयोग का गठन हो , दिव्यांगजन को रोजगार से जोड़ा जाए तथा दिव्यांगता पेंशन 3000 किया जाए , दिव्यांगजन के राशन कार्ड को अंत्योदय से जोड़ा जाए, राज्य नि:शक्तता आयुक्त कार्यालय में पद खाली है दिव्यांगजन के समस्या दिल और मन से सुनने समझने वाले जानकार व्यक्ति को कमिश्नर पद पर बहाल किया जाए साथ ही 46 सूत्रीय अनुरोध पत्र विभिन्न राज्य स्तरीय तथा जिला स्तरीय प्रशासनिक पदाधिकारी को दिया जा चुका है।
सभी उपस्थित अतिथियों एवं सदस्यों ने बताया कि हमारी मांगे दिव्यांगजनों के लिए है, उन्हे समाज के मुख्य धारा से जोड़ने, पुनर्वास एवं सम्मानित जीवन यापन के लिए हैं। हमारी मांगे दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के सुसंगत धाराओं को सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर लागू करवाने के लिए है। जब तक हमारी 46 सूत्रीय मांगो को सरकार द्वारा मानी नही जायेगी तबतक पूरे बिहार के 51 लाख दिव्यांगजनों द्वारा अनिश्चितकालीन सत्याग्रह महा आंदोलन जारी रहेगा।आज के अनिश्चितकालीन सत्याग्रह महा आंदोलन में श्री प्रवीण कुमार मिश्रा (अध्यक्ष, ऑल इण्डिया पी.डब्लू.डी. संघ) श्री ह्रदय यादव (कार्यकारी अध्यक्ष, ऑल इण्डिया पी.डब्लू.डी. संघ) संजीव कुमार (अध्यक्ष, पटनाजिला पी.डब्लू.डी. संघ), सुगन्ध नारायण प्रसाद (सचिव, बिहार एसोसिएशन ऑफ पी.डब्लू.डी.), श्री मोती लाल (कोषाध्यक्ष, बिहार पी.डब्लू.डी. संघ) लालु तुराहा (मिडिया प्रभारी, बिहार पी.डब्लू.डी. संघ), शबनम खातून, पोशान सिंह, अगस्त कुमार उपाध्याय उर्फ छोटू बाबा बक्सर जिलाध्यक्ष एवं महिला प्रभारी अंजू कुमारी सहित 188 दिव्यांजन, बख्तियारपुर प्रखंड से शिशुपाल यादव सहित 100 से अधिक दिव्यांगजन, बेतिया जिला अध्यक्ष श अजीत कुमार गुप्ता एवं कोऑर्डिनेटर रुदल कुमार सहित 275 दिव्यांगजन, पटना जिला अध्यक्ष संजीव कुमार सहित 600 दिव्यांगजन, नलांदा जिला अध्यक्ष रौशन लाल सहित 700 से अधिक दिव्यांगजन, औरंगाबाद के 500 से अधिक दिव्यांगजन, मुंगेर जिला के जिलाध्यक्ष हरिमोहन सिंह सहित 756 दिव्यांगजन, कैमूर जिलाध्यक्ष जितेंद्र यादव एवं जिला सचिव बबन राम सहित 200 दिव्यांगजन , जहानाबाद 500 दिव्यांगजन, रोहतास के 486 दिव्यांगजन, कैमूर के 389 दिव्यांगजन, आरा के 403 दिव्यांगजन, बक्सर के 500 दिव्यांगजन, सहरसा के 489 दिव्यांगजन, सारण के 568 दिव्यांगजन, सिवान के 292 दिव्यांगजन, जमुई के 516 दिव्यांगजन, शेखपुरा के 413 दिव्यांगजन, लखीसराय के 532 दिव्यांगजन, बेगूसराय के 360 दिव्यांगजन, भभुआ के 497 दिव्यांगजन, बेतिया के 527 दिव्यांगजन, मुजफ्फरपुर के 689 दिव्यांगजन, नवादा के 428 दिव्यांगजन, भागलपुर के 539 दिव्यांगजन, वैशाली के 653 दिव्यांगजन, अरवल के 509 दिव्यांगजन, गोपालगंज के 359 दिव्यांगजन, पूर्णिया के 298 दिव्यांगजन, बांका के 593, मधुबनी के 496, सीतामढ़ी के 683, सुपौल के 358, शिवहर के 529, पूर्वी चंपारण 491, पश्चिम चंपारण के 598 दिव्यांगजन, दरभंगा के 413 दिव्यांगजन, खगड़िया के 618 दिव्यांगजन, किशनगंज के 308 दिव्यांगजन, कटिहार के 509 दिव्यांगजन, अररिया के 429 दिव्यांगजन, गया के धीरज अनाथ और 596 दिव्यांगजन साथ ही पूरे बिहार से दस हजार से अधिक दिव्यांगजन शामिल होकर अपने जिला से आते गए।
बिहार एसोसिएशन ऑफ पर्सन विथ डिसएबिलिटी के द्वारा दिव्यांगजनों के हित के लिए सरकार से 46 सूत्रीय मांग पत्र निम्न प्रकार है: दिव्यांग जनों का पेंशन अन्य राज्यों की तरह 3000 / प्रति माह किया जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 24 के तहत। दिव्यांग जनों के सामस्यो के समाधान हेतु राज्य में “राज्य आयुक्त नि:शक्तता ” की नियुक्ति को जल्द से जल्द करे सरकार बीस महीनों से यह पद प्रभारी पदाधिकारी के भरोसे चल रहा है। जिससे बिहार के दिव्यांगजनो को अपनी समस्याओं के समाधान में काफी समस्या आ रही है।आपको ज्ञात करवा दूं की पिछले बीस महीनों से एक भी कोर्ट नहीं लगा (स्थानीय या चलंत) और राज्य आयुक्त कार्यालय से दिव्यांग जनों के हित के लिए एक भी पत्र जारी नहीं हुआ। दिव्यांगों के समस्याओं एवं परिवाद पत्रों का अंबार लगा हुआ है उस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 79 के तहत)। 40% से ऊपर सभी लोकोमोटीव दिव्यांगजनों को बैट्री चलित मोटराइज्ड तिपहिया प्रदान किया जाय। वित्तिय वर्ष 2022-23 में दस हजार बैट्री चालित मोट्राईज्ड तिपहिया देने की लक्ष्य था परन्तु सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना के अनुसार अभी तक केवल 2400 ही गाड़ी बांटी गई है। इसे जल्द से जल्द 40- प्रतिशत बाले दिव्यांग को भी जोड़कर पूरा किया जाये। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 27 के तहत)। प्रत्येक दिव्यांगजनों को अंतोदय योजना के तहत 35 किलो अनाज दिया जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)।उद्यमी योजना के तहत 40 प्रतिशत से ऊपर वाले दिव्यांगजनों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 11 लाख रूपया का लोन में 5 प्रतिशत आरक्षण दिव्यांगजनों के लिए अवश्य सुनिश्चित किया जाए।
(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 एवं 35 के तहत)। दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना में कोर्ट से निबंधन की बाध्यता को खत्म किया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 24 के तहत)।गरीबी उन्मूलन योजनाओं में 5% का लाभ दिया जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)। दिव्यांग आयोग का गठन हो । (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 101 के तहत)। किसी भी प्रकार के काम के ठेका में 5%,सरकारी जमीन पर बने कमरे में 5%, प्राईवेट उपकर्मो में 5% एवं बैंक से मिलने वाले कुल लोन का 5% दिव्यांगों को दिया जाय।( दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 35 के तहत )।बौद्धिक दिव्यांग तथा मूक बाधिर एवं सभी दिव्यांगजनों की जांच(सर्टिफिकेट बनाने हेतु) एवम UDID कार्ड की व्यवस्था प्रखंड स्तर पर सुनिश्चित की जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा के 56,57 एवं 58 के अंतर्गत)। मनरेगा में दिव्यांगों को विशेष श्रेणी का कार्ड बनवा कर उनको रोजगार दे सरकार। सभी बरोजगार दिव्यांगजनों को 5000 रू० बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)। प्रत्येक पंचायत भवन,प्रखंड कार्यालय परिसर,अनुमंडल कार्यालय परिसर,जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दिव्यांगजनों के लिए एक सिंगल विंडो की व्यवस्था स्थापित हो जहां से दिव्यांगजनों का किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान एक ही जगह से किया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 40 के तहत)।बस पास बनाने की सुविधा जिला प्रखंड स्तर पर बनाई जाय,तथा बस पास का लाभ 100% छुट के साथ प्राइवेट बस में भी प्राप्त कराया जाय।
(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 41 के तहत)। दिव्यांगों के सशक्तिकरण में उत्थान के लिए राज्य दिव्यांगता सलाहकार बोर्ड की बैठक 2018 के बाद अभी तक नही हुई है। तीन साल का कार्यकाल होता है यह सलाहकार बोर्ड राज्य आयुक्त नि:शक्तता की तरह महत्वपूर्ण है। हमारी मांग है की नई सलाहकार बोर्ड का गठन एवं तीन महीने में एक बैठक कराई जाय और बिहार पीडब्ल्यूडी संघ से हर तरह के दिव्यांग जनों को शामिल किया जाय । (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 66 के तहत)। जिला,अनुमंडल,प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर दिव्यांगता समिति का गठन किया जाय जिससे सरकार प्रदत्त योजनाओं का लाभ सही रूप से मिल सके। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 72 के तहत) प्राईवेट एवं सरकारी विभागों में 5% दिव्यांगजनों को नौकरी पर रखा जाय (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 35 के तहत)।जिन दिव्यांगो को कोई देख रेख़ करने वाला नही है सरकार के द्वारा उसकी आवश्यक अनुसार सपोर्ट करने की आवश्यकता है। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 38 के तहत)भूमिहीन दिव्यांगों को 5 डिसमिल जमीन मुहैया कराया जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)दिव्यांगजनों के हित के लिए काम करने वाले संस्थान के लिए 5 एकड़ जमीन मुहैया कराया जाय।
बिहार पी०डब्लू०डी० संघ को सरकार की ओर से प्रखण्ड, अनुमण्डल, जिला एवं राज्य स्तर पर कार्यालय कराया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)प्रत्येक विद्यालय में 2 विशेष शिक्षक बहाल कराया जाय जिससे प्रखंड स्तर के दिव्यांगों को शिक्षित किया जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 17 के तहत)सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों/कार्यालयों में बाधारहित वातावरण की व्यवस्था की जाय।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 16 के तहत)विशेष न्यायालय के अंतर्गत कितने दिव्यांगजनों के केस का निष्पादन हुआ है? इसके लिए श्वेत पत्र जारी करे सरकार। सभी गठित विशेष न्यायालयों में पी०पी० बहाली की जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 84 के तहत)सांस्कृतिक खेल कूद में दिव्यांगजनों की भागदारी हो साथ ही उनको प्रोत्साहित किया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 29 के तहत)दिव्यांग रोजगार गारंटी कार्यक्रम के तहत दिव्यांगो के लिए रोजगार सृजित करे सरकार। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा के तहत)दिव्यांगजनों को शिक्षित करने हेतु दिव्यांगों को BBOSS के तहत नि:शुल्क नामांकन,रजिस्ट्रेशन,एवं फॉर्म भरा जाय साथ ही NGO को स्टडी सेंटर बनाया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 18 के अंतर्गत)यदि दिव्यांगो के साथ कोई अभद्र व्यवहार करें या असामाजिक तत्व के लोग आघात पहुंचाने की कोशिश करें तो इस स्तिथि में थाना अध्यक्ष दिव्यांग के घर जा कर उनका केस दर्ज करेगे। जिसके लिए सरकार श्वेत पत्र जारी करे सरकार।
(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 7 के तहत)दिव्यांगजनों के हित के लिए राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के उत्थान हेतु नई नियमावली बनाई जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 101 के तहत)दिव्यांग समूह का गठन जहां – जहां विधिवत हो गया है वहां स्थानीय प्रशासन दिव्यांग हितकारी प्रत्येक योजनाओं के क्रियान्वन में डीपीजी (दिव्यांग जन समूह) की मदद लें। (दिव्यांद अधिकार अधिनियम 2016,धारा 72 के तहत।)जिला स्तर पर दिव्यांगजनों के लिए छात्रावास की सुविधा की जाय जिससे दिव्यांग जन भी उच्च शिक्षा हासिल कर सके। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 32 के तहत)
“दिव्यांग सशक्तिकरण मंत्री एवं मंत्रालय एवं पुनर्वास की स्थापना करे सरकार। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 101 के तहत)
व्यवसायिक प्रशिक्षण दिव्यांगो को दे कर उनका स्वनियोजन करे सरकार। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 19 के तहत)दिव्यांगो के लिए विशेष रोजगार कार्यालय खोला जाय जिससे दिव्यांगजनों को उनकी शारीरिक गतिविधि को देखते हुए उनको रोजगार मिल सके। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 36 के तहत)दिव्यांगजनों की बैकलॉग वैकेंसी को जारी कर जल्द से जल्द जारी करें सरकार। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 34,33 के तहत)
दिव्यांगजनों के लिए अलग से स्टेडियम एवं छात्रावास की सुविधा हो जिससे दिव्यांगजन भी अपनी प्रतिस्पर्धाओं में आगे बढ़ सके।(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2061,धारा 30 के तहत)समान खिलाड़ी के जैसा दिव्यांग खिलाड़ी को भी सम्मान एवं प्रोत्साहन राशि दी जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 30 के तहत)शिक्षा मित्र, विकास मित्र की तरह प्रत्येक पंचायत में एक दिव्यांग मित्र की बहाली की जाए।
(दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 38 के तहत)पंचायती राज चुनाव एवं स्थानीय निकाय चुनाव में राजस्थान की तरह दिव्यांगों को भी आरक्षण दिया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 3 के तहत)राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खेलों में बिहार के दिव्यांग खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में समान खिलाड़ियों के कोटे के तरह एक समान नियम लागू किया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 30 के तहत)दिव्यांगजनों को बीमा स्कीम का लाभ दिया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 26 के तहत)बिहार सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं विकास कार्यों के लिए खर्च की जाने वाली कुल राशि का 5% राष्ट्रीय दिव्यांग जनों के शिक्षण प्रशिक्षण व्यवसायिक प्रशिक्षण आवास एवं पुनर्वास पर खर्च किया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 37 के तहत)पिछले कई वर्षों से खेल कोटे पर किसी नि:शक्त खिलाड़ी का बहाली नहीं किया गया है। अविलंब विज्ञापन निकालकर खेल कोटे पर नि:शक्त खिलाड़ियों की बहाली की जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 30 के तहत)नगर निगम,नगर पंचायत एवं नगर परिषद में पब्लिक पैलेस को बाधारहित किया जाय। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 धारा 41,42,43 के तहत)।सिविल सर्जन कार्यालय में मंदबुद्धि जांच हेतु मंदबुद्धि विशेषज्ञ की नियुक्ति की जाए तथा दिव्यांग का प्रमाण पत्र प्रदान करने में हो रही अनियमितता की जांच किया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 56,57,58के तहत)दिव्यांगो के लिए अमानवीय व्यवहार पर सख्त करवाई एवं रोकथाम के लिए प्रचार प्रसार। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016, धारा 7 के तहत)अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस 3 दिसंबर एवं लुई ब्रेल दिवस पर दिव्यांग जनों को राजकीय अवकाश एवं विशेष छूट उपलब्ध कराई जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016,धारा 37 के तहत)उद्योग विभाग द्वारा उद्यमी कल्याण/ऋण योजना के अन्तर्गत दिव्यांगजनों का 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। (दिव्यांग अधिकार अधिनियम 2016 के धारा 21 एवं 37 के तहत)।