बिहार :नालंदा में भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ चार दिवसीय छठ महापर्व

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मगध एक्सप्रेस :-बिहार के नालंदा में सूर्योपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार को छठव्रती अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। अपने परिवार के सुख शांति एवं समृद्धि के लिए छठ व्रतियों ने डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया। सोमवार को उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के बाद व्रती हवन और पारण करने के बाद चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जाएगा। इस महापर्व को लेकर बिहार शरीफ शहर के सभी छठघाट को पूरी तरह से सजाया गया। छठ पूजा को लेकर कौसुक मोरा तालाब बड़गांव औगारी मंगराही छठघाट की साफ सफाई भी किया गया। ईस बार छठ व्रतियों के लिए छठ घाट पर चेंजिंग रूम भी बनाया गया है एवं सभी छात्र घाट पर सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से नाव और गोताखोरों की व्यवस्था की गई है। नालंदा जिला अधिकारी एवं नालंदा पुलिस कप्तान खुद छठपूजा को लेकर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं।

नालंदा जिले में चार दिन तक वाला छठ महापर्व का आज उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। देश के विभिन्न राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पटना, झारखंड, दिल्ली, मुंबई समेत अन्य राज्यों में भी छठ महापर्व धुमधम के साथ मनाया जाता है। गौरतलब है कि छठ पूजा के आखिरी दिन मोरातलाव कोसुक छठ घाट औगांरीधाम बड़गांव छठघाट समेत सभी छठ घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी ।आपको बता दें कि छठ पूजा की शुरुआत शुक्रवार यानी 28 अक्टूबर से हो गई थी। आज छठ पूजा का चौथा दिन यानी इसके समापन का दिन है।

आपको बता दें कि छठ का पूजा आस्था का प्रतीक है। इसको लेकर ऐसी मान्यता है कि उगते सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है। इतना ही नहीं साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को लेकर प्रशासन के द्वारा भी सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से संवेदनशील छठ घाटों पर गोताखोरों एवं नाव की व्यवस्था की गई थी।

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