औरंगाबाद :देव महोत्सव के संस्थापक सदस्य का पांचवीं पुण्यतिथि,पौधारोपण कर किए गए याद
Magadh Express:औरंगाबाद जिले के देव महोत्सव के संस्थापक सच्चिदानंद जी आज पुण्यतिथि समारोह सहदेव चौधरी पुस्तकालय देव में आयोजन किया गया ।सर्वप्रथम जनेश्वर विकास केंद्र के सदस्य गण उनके तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित कियें, उसके पश्चात उनके ब्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला गया l केंद्र के अध्यक्ष श्री रामजी सिंह नें कार्यक्रम की अध्यक्षता कियें l केंद्र के सदस्यों नें कहा सच्चिदानंद जी देव के संस्कृति क़ो बढ़ावा देनें के लिए अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिये l
सूर्य नगरी देव महोत्सव के शुरुवाती आयोजन में उन्होंने गाँव गाँव जाकर जनसम्पर्क कर बैठक का आयोजन करते थे तभी जाकर आज देव महोत्सव क़ो अब सरकारीकरण कर सूर्य महोत्सव के रूप में देव की जनता इसका आनंद ले पा रहें हैं, आज उन्हीं का प्रयास एवं उनके सहयोगियों के प्रयास से हीं देव धाम का सांस्कृतिक आयोजन का चर्चा पुरे बिहार प्रदेश में हैं l केंद्र के सचिव महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी जी नें कहा मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। यदि कोई पुरस्कार, प्रतिष्ठा किसी मनुष्य को मिलती है तो समाज से ही मिलती है। ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति समाज के लाभ के लिए अपने निजी स्वार्थों से परे कछ करता है उन्हीं में से एक देव के सच्चिदानंद जी थे ।
समाज क़ो सन्देश देते हुए उन्होंने कहा की प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि जिस समाज में वह रहता है वहाँ के रीति रिवाजों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करे और सामाजिक ऋण चुकाते हुए उस ग्राम के संस्कृति, धरोहरों क़ो बचाने का काम करें । यदि हम सभी अपने-अपने हिस्से का काम उचित ढंग से करेंगे तो यह समाज स्वर्ग बन सकता है।
स्वर्गीय सच्चिदानंद जी के सुपुत्र रत्नेश सिंह नें कहा सामान्यत: कर्त्तव्य शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है, जिन्हें करने के लिए व्यक्ति नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होता है। इस शब्द से वह बोध होता है कि व्यक्ति किसी कार्य को अपनी इच्छा, अनिच्छा या केवल बाह्य दबाव के कारण नहीं करता है अपितु आन्तरिक नैतिक प्ररेणा के ही कारण करता है।
कार्यक्रम के पश्चात सचिदानंद जी के स्मृति में देव ऐतिहासिक रानी तालाब अवस्थित शिव काली मंदिर प्रांगण में बेल का पेड़ लगाया गया l उपरोक्त पुण्यतिथि समारोह में जनेश्वर विकास केंद्र के अध्यक्ष रामजी सिंह, सचिव महोत्सव पुरुष सिद्धेश्वर विद्यार्थी, डॉ राजेंद्र प्रसाद, दीपक गुप्ता, जनेश्वर यादव, सुरेंद्र चौरसिया,निर्मल चंद्रवंशी,इक़बाल एहमद,रत्नेश तिवारी, महेंद्र हार्ड,जनेश्वर यादव एडवोकेट यशवंत सिंह, अनिल चंद्रवंशी, सरयू यादव एवं अन्य गणमान्य लोगों नें बढ़ चढ़ कर अपना योगदान दिया l