औरंगाबाद:उमगा पहाड़ पर आयोजित पांच दिवसीय उमंगेश्वरी शतचंडी महायज्ञ का हवन और विशाल भंडारा के साथ हुआ सम्पन्न
संजीव कुमार –
Magadh Express:औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड के उमगा पहाड़ पर आयोजित पाँच दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ का समापन बुधवार को हवन व विशाल भंडारा के साथ हो गया।यज्ञाचार्य रंजीत मिश्रा के नेतृत्व में विद्वान आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चारण तथा हवन यज्ञ कराया गया। जिसमें मुख्य यजमान समेत हवन में शामिल अन्य भक्तों ने विश्व कल्याण की कामना के साथ हवन कुंड में आहुति डाला।हवन संपन्न होने के बाद भंडारा का आयोजन किया गया।जिसमें आसपास गांव के काफी संख्या मे श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे।
मंदिर के मुख्य पुजारी बालमुकुंद पाठक ने बताया कि,भंडारे के बाद संतों का विदाई किया गया। संतो ने बताया कि,प्राचीन काल से ही यज्ञ की परंपरा चली आ रही है। यज्ञ के वैज्ञानिक व आध्यात्मिक दोनों फायदे हैं।उन्होंने बताया कि,यज्ञ के हवन से वातावरण शुद्ध होता है।वहीं मंत्रों के उच्चारण से महौल भक्तिमय बना रहता है।धार्मिक आयोजनों से लोगों में धर्म-कर्म के प्रति रुचि बढ़ती है।आयोजन समिति से जुड़े लोगों ने बताया कि,यज्ञ को सफल बनाने में ग्रामीणों की भूमिका महत्वपूर्ण रही।उनके सहयोग से ही यज्ञ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
बुरे कर्मों को त्याग कर समय का करें सदुपयोग–
पाँच दिवसीय यज्ञ के अंतिम दिन कथावाचक वृन्दावन के नीरज भास्कर ने अपने प्रवचन के दौरान भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि,लोगों को बुरे कर्मों को त्याग कर सदकर्मों को अपनाना चाहिए।उन्होंने कहा कि,लोग अगर समय का सदुपयोग करें तो उनके जीवन में खुशहाली आ सकती है। विशेषकर युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि,युवाओं को माता पिता की सेवा करनी चाहिए।