औरंगाबाद : कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय बिहार राज्य संघ के औरंगाबाद इकाई का हुआ गठन , गोह की वार्डन संगीता कुमारी बनी अध्यक्ष

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औरंगाबाद में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय बिहार राज्य संघ की औरंगाबाद इकाई का गठन रविवार को औरंगाबाद दानी बीघा स्थित सत्येंद्र नारायण सिन्हा पार्क में किया गया। औरंगाबाद जिला अंतर्गत केजीबीवी की वार्डेन, अंशकालिक शिक्षिका , अनुदेशिका, लेखापाल,आदेशपाल, रात्रि प्रहरी , रसोइया की बैठक कर सर्वसम्मति से गोह की वार्डन संगीता कुमारी को अध्यक्ष निर्वाचित किया गया ।

जम्होर की अनुदेशिका सुजिता कुमारी को उपाध्यक्ष, कुटुंबा की वार्डेन निशा कुमारी को संगठन सचिव , मदनपुर की आदेशपाल सुनीता कुमारी को सचिव और जम्होर के रात्रि प्रहरी राजकिशोर शर्मा को उप सचिव , दाऊदनगर के लेखापाल शैलेंद्र कुमार को कोषाध्यक्ष, रफीगंज की प्रभारी वार्डेन चंचला कुमारी को उप कोषाध्यक्ष, ओबरा की वार्डेन करुणा कुमारी को प्रवक्ता और देव की वार्डन रेणु कुमारी को मीडिया प्रभारी निर्वाचित किया गया।

इस अवसर पर 21 सक्रिय सदस्यों की सूची भी बनाई गई । बारुण की वार्डन गीता कुमारी, दाउदनगर की वार्डेन कुमारी सुनीता, नबीनगर की शिक्षिका मल्लिका खातून, जम्होर की वार्डेन मोना कुमारी और आदेशपाल उर्मिला कुमारी , नबीनगर की आदेशपाल अनु कुमारी , हसपुरा की वार्डन पिंकी कुमारी, मदनपुर की वार्डेन अमिता कुमारी , देव के लेखापाल सहेंद्र मिश्रा, ओबरा की शिक्षिका गीता कुमारी, हसपुरा के लेखापाल सुशील कुमार, जम्होर की रसोईया धनेश्वरी देवी, बारुण की शिक्षिका श्वेतांशु कुमारी, दाउदनगर की शिक्षिका रेनू कुमारी , रफीगंज की शिक्षिका कविता कुमारी, दाउदनगर की शिक्षिका सरिता कुमारी , कुटुंबा की अनुदेशिका इंदु कुमारी , देव की अनुदेशिका अंजली कुमारी , गोह की अनुदेशिका रिंकी कुमारी, ओबरा की रसोईया मुन्नी कुमारी और रफीगंज की रसोईया मीना कुमारी को सक्रिय सदस्य बनाया गया।


केजीबीवी कर्मियों ने बताया कि वह अल्पवेतन में 24 घण्टे की डयूटी कर रहे हैं। उनका न्यूनतम वेतन 4200 और अधिकतम वेतन 13000 रुपये प्रतिमाह है। प्रति घन्टे की दर से देखा जाए तो उनका वेतन न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम है। इतने कम वेतन में उनका पालन पोषण बहुत मुश्किल है। अध्यक्ष ने बताया कि राज्य संघ के आह्वान पर वे सभी सामूहिक हड़ताल पर जा सकती हैं, क्योंकि इस सम्बंध में राज्य स्तर पर कई बार माँग- पत्र सौंपा गया है। पदाधिकारियों के द्वारा लगातार जांच कर यहाँ तक कि पर्व – त्योहार और रविवार के दिनों में भी निरीक्षण कर उनका मानसिक शोषण व भयादोहन किया जा रहा है।

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