औरंगाबाद :पुलिस अभिरक्षा में एक व्यक्ति की मौत, परिजनों ने कहा- पुलिसवालों की पिटाई से हुई मौत

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के नवीनगर थाना में पुलिस अभिरक्षा में एक व्यक्ति की मौत होने की सनसनीखेज मामले की खबर मिल रही है।सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार नवीनगर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर गांव निवासी प्रमोद साव और उसके परिजन को पुलिस हत्या के मामले में पूछ ताछ के लिए दो दिन पूर्व थाना ले गई थी उसके बाद महिलाओं को छोड़ दिया गया था ।वही जानकारी मिली है कि बीते रात पुलिस अभिरक्षा में प्रमोद साव की संदेहास्पद मौत हो गई और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद भेज दिया गया है।वही मामले में थानाध्यक्ष से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क स्थापित नहीं हो सका।जबकि मामले में थाना में अन्य पुलिस कर्मी कुछ भी बताने में असमर्थता प्रकट किया।वहीं पूरा थाना परिसर पुलिस छावनी में तब्दील होते दिख रहा था। वहीं औरंगाबाद समाहरणालय में मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा मचाया और महिलाए एसपी कार्यालय के बाहर रो रो कर आपबीती सुना रही थीं।महिलाओं ने बताई कि उनलोगों को भी थाना ले जाया गया था और पुलिस द्वारा मारपीट कर दो दिन पर छोड़ दिया गया था जबकि एक 14 साल के लड़की को अभी थाना में ही रखा गया है।

महिलाओं द्वारा बताया गया कि उन्हें इंसाफ चाहिए ।मृतक के परिजनों ने बताया कि प्रमोद साव की मौत पुलिस पिटाई से थाना में ही हुई है और परिजन को इसकी सूचना तक नहीं दी गई । सूत्रों के अनुसार, पुलिस हिरासत में रहते हुए प्रमोद साव की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उसे पहले नवीनगर रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने हालत गंभीर बताते हुए औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने बीमार होने की कोई सूचना नहीं दी और न ही मौत की जानकारी दी। इतना ही नहीं, बिना परिजनों को बताए शव का पोस्टमार्टम भी करवा दिया गया। जब इस बात की जानकारी मृतक के परिवार को मिली, तो वे ग्रामीणों के साथ समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचे और वहां विरोध प्रदर्शन किया।

हंगामे के दौरान मृतक की महिला परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि पूछताछ के नाम पर महिलाओं को भी थाने ले जाया गया और वहां उनके साथ मारपीट की गई। महिलाओं ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें 12 घंटे तक थाने में बंधक बनाकर रखा गया, जबकि उनका कोई अपराध नहीं था।दरअसल, 22 फरवरी को हुए ग्रामीण चिकित्सक विकास कुमार यादव की हत्या मामले में पुलिस प्रमोद साव को संदिग्ध मानकर हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। विकास कुमार (35) का अपहरण कर अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी और शव को नवीनगर कोइरिडीह मुख्य पथ के कवला फाटक के पास फेंक दिया था।इस मामले में एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया कि मौत के सही कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही होगा। फिलहाल, सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है और थाने के अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है।

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