औरंगाबाद :छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद किया ग्रहण,36 घंटों का निर्जला उपवास शुरु,कल दिया जायेगा अस्ताचलगामी सूर्य का अर्घ्य

0

संजीव कुमार –

मगध एक्सप्रेस :सूर्य उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत मंगलवार को नहाय खाये के साथ हुई थी।चार दिवसीय छठ पर्व के दूसरे दिन यानि कि, बुधवार की संध्या छठ व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटो का निर्जला उपवास शुरु किया।छठ व्रत को लेकर मदनपुर प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों मे छठ घाटों की साफ सफाई व सजावट का कार्य पूर्ण होने लगा है।ऐतिहासिक उमगा तालाब छठ घाट,मदनपुर सूर्य मंदिर छठ घाट,केशहर नदी,मदार नदी,उतरी कोइल नहर आदि सहित कई छठ घाटों पर विशेष रूप से तैयारी की गयी है।

सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए छठ पूजा के समिति के द्वारा छठ घाटों की साफ सफाई,गहरे पानी मे बैरैकेटिंग,व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम,शौचालय आदि की प्रयाप्त व्यवस्था की गयी है।

वहीं बीडीओ अवतुल्य कुमार आर्य,पुलिस निरीक्षक मनोज कुमार चौधरी,थानाध्यक्ष राजेश कुमार,अंचलाधिकारी अकबर हुसैन के अलावे जिले के वरीय पदाधिकारियों के द्वारा छठ घाटों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये हैँ।वहीं विभिन्न छठ पूजा समितियों के द्वारा विधिवत व्यवस्था की गयी है।बुधवार की संध्या छठ व्रतियों ने छठ घाट पर पहुंचकर स्नान कर सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया।

उसके बाद अपने अपने घरों मे जाकर गुड़,अरवा चावल का खीर,गेहूं के मोटे आंटे का ठेकुआ व फल फलाहार वाला खरना का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटों का निर्जला उपवास शुरु किया।कहा जाता है कि,नहाय खाय के दिन एक समय भोजन करके अपने शरीर और मन को शुद्ध करना आरंभ करते हैं।जिसकी पूर्णता अगले दिन होती है।इसीलिए इसे खरना कहते हैं।इस दिन व्रती शुद्ध अंतःकरण से कुलदेवता और सूर्य एवं छठी मैया की पूजा करके गुड़ से बनी खीर का नैवेद अर्पित करती हैं।गुरुवार की संध्या अस्ताचलगामी सूर्य का अर्घ्य दिया जायेगा वहीं शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य के अर्घ्य के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed