औरंगाबाद :ईश्वर के शरणागति होने पर मनुष्य सदा के लिए निर्भय हो जाता है:- अनिल शास्त्री[कथावाचक]

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के नवीनगर में गौ गीता गायत्री सत्संग सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित नवीनगर मारवाड़ी धर्मशाला में भागवत प्रवक्ता वेदाचार्य अनिल शास्त्री ने कहा कि मनुष्य चाहता है कि हमारे सभी इच्छाएं पूर्ण हो लेकिन संसार के किसी भी प्राणी की सभी इच्छा कभी पूरी नहीं हुई है। एक इच्छा की पूर्ति होने के बाद स्वतः दूसरी इच्छा खड़ी हो जाती है। और यही दुख का कारण है। कथा वाचक ने कहा कि जब तक इच्छाओं का दमन नहीं होगा तब तक हम परमात्मा की और अग्रसर नहीं हो सकते। वेदाचार्य अनिल शास्त्री ने कहां के जितना सांसारिक चीजों में मोह माया बढ़ता जाएगा, उतना ही हम परमात्मा से दूर होते चले जाएंगे। अतः जीवन में परमात्मा प्राप्ति की इच्छा करने वाले लोगों को पहले अपनी इच्छाओं का दमन करना चाहिए। और मनुष्य को अपने इंद्रिय को बस में रखना चाहिए। 

वेदाचार्य ने कहा कि अगर मनुष्य को अपने अंदर कुछ विशेषता दिख रही है तो समझिए यह शरणागति और ईश्वर की प्राप्ति में बाधक है। जब तक मनुष्य को अपने बल का अभिमान रहता है तब तक वह भगवान के शरण में नहीं आ सकता। ईश्वर के शरणागति होने पर मनुष्य सदा के लिए निर्भय हो जाता है।ईश्वर का ध्यान लगाने पर बड़े से बड़ा संकट टल जाता है। पावन भागवत कथा के अवसर पर यजमान सत्येंद्र सिंह मझियावा, संजय सोनी, राज कुमार, खुशबु , अंकित सिंह एवं पंडित सर्वेश तिवारी, पंडित रंगनाथ त्रिपाठी ने भागवत जी का पूजन करवाया।  कथा के अंत मे आरती में उदय सिंह, लालू दुबे, टुनटुन सिंह, राधा सिंह, पूर्व चेयरमैन, त्रिपुरारी सिंह, मंटू कुमार, अप्पू तिवारी, गोबिन्द तिवारी, सरिता देवी, सोनी देवी, पुष्पा देवी, अमृता सिंह, ज्योती पटवा सहित बड़ी संख्या मे भक्त जन मौजूद रहें।

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