औरंगाबाद : देव कार्तिक छठ मेला उद्घाटन को लेकर भाजपा ने जिला प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप , कहा – आमंत्रण पत्र पर जन प्रतिनिधियों का नाम नही होना प्रोटोकॉल का उल्लंघन, सरकारी एजेंट के रूप में कार्य कर रही जिला प्रशासन
Magadh Express:एतिहासिक पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण सौर तीर्थ स्थल देव में कार्तिक छठ पूजा 23 को लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली है । कल शुक्रवार को।देव स्थित सूर्य कुंड तालब परिसर पर कार्तिक छठ पूजा 23 के उद्घाटन समारोह में बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री सह प्रभारी मंत्री आलोक मेहता कल मेला उद्घाटन करने वाले है इसका आमंत्रण पत्र जिला प्रशासन ने जारी कर दिया है ।
जिला प्रशासन के उद्घाटन सत्र के आमंत्रण पत्र जारी होने के बाद राजनीतिक पार्टी भाजपा ने प्रोटोकॉल उल्लंघन को लेकर जिला प्रशासन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है । जिला भाजपा अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा है कि जिला प्रशासन के आमंत्रण पत्र पर भाजपा के सांसद सुशील सिंह, विधान पार्षद दिलीप कुमार सिंह सहित कई नेताओं को आमंत्रण पत्र पर नाम नही देना ,यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है ।भाजपा जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिलाधिकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चुनावी एजेंट के रूप में कार्य कर रहे है । जन संवाद कार्यक्रम में भी किसी भी जनता के प्रतिनिधि को आमंत्रित नही किया जा रहा है तथा केंद्र प्रायोजित योजनाओं को भी बिहार सरकार के इस कार्यक्रम में बिहार सरकार का ही बताया जा रहा है ।जनप्रतिनिधियों को किनारे रखकर जिला प्रशासन ने गलत किया है ,जिसकी जितनी निंदा की जाय कम है ।
वहीं भाजपा जिला कोषाध्यक्ष सह प्रतिनिधि बिहार विधान परिषद आलोक सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा है कि बिहार सरकार द्वारा लोक आस्था का महापर्व के अवसर पर औरंगाबाद जिले का देव छठ मेला को राजकीय मेला घोषित किया जा रहा है , सत्तारूढ़ दल के एक प्रवक्ता के माध्यम से समाचार पत्रों में खबर भी छपी है , उसके अनुसार राशि आवंटन भी किया जा चुका है । जिलाप्रशासन द्वारा मेला उदघाटन को लेकर परंपरा अनुसार आमंत्रण पत्र छपवा कर वितरण किया जा रहा है , आमंत्रण पत्र पर उद्घाटनकर्ता के रूप में प्रभारी मंत्री आलोक कुमार मेहता का छपी है । इसके पूर्व में ऐसे सरकारी आयोजनो में नियमन के अनुरूप स्थानीय जनप्रतिनिधियों का नाम होता है । किंतु इस आमंत्रण पत्र में स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह , क्षेत्रीय विधायक आनंद शंकर , स्थानीय विधानपार्षद दिलीप कुमार सिंह , पूर्व सभापति सह विधान पार्षद अवधेश नारायण सिंह , विधानपार्षद जीवन कुमार , सहित जिले के सभी विधानसभा के सम्मानित विधायक , जिलापरिषद अध्यक्ष , नगर पंचायत अध्यक्ष का नाम नही होना सरकार के अहंकार और असंवैधानिक परंपरा का द्योतक है ।
एक तरफ यह सरकार खुद को लोकतंत्र के हिमायती बतलाती है , संविधान के रहनुमा का दम्भ भरती रही है । सरकार को यह बतलाना चाहिये कि यह किस संविधान के तहत स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किया गया ? क्या जनता के द्वारा चुने हुये जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से कौन सा लोकतंत्र स्थापित करना चाहते ? इस सरकार को अब लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से कोई मतलब नही है , सरकार भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है , सरकार का जन संवाद कार्यक्रम में जिला प्रशासन खुद की पीठ थपथपा रही है , किसी प्रतिनिधियों को उसमे नही बुलाना और केंद्र प्रायोजित योजनाओं को खुद की योजना बता कर जनता को दिग्भ्रमित किया जा रहा ।
जिला प्रशासन सरकारी एजेंट के रूप में सत्ता के इशारे पर जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा कर रही राज्य में अब सरकार का भरोषा संविधान और संवैधानिक परंपरा में नही है । यह सरकार खुद संविधान की हत्या पर तुली हुयी है । सरकार के निर्देश के तहत जिला प्रशासन लोकतंत्र का मजाक उड़ा रही । जनता के द्वारा चुने हुये प्रतिनिधियों का अपमान बर्दाश्त नही किया जायेगा । देव कार्तिक छठ मेला 2023 का उद्घाटन के आमंत्रण पत्र में में स्थानीय जनप्रतिनिधियों का नाम दर्ज नही किया जाना घोर निंदनीय है ।