गया :159 बटालियन सीआरपीएफ ने बड़े धूमधाम से मनाया अपना 20वां स्थापना दिवस,वीर शहीदों की शहादत हमारे लिये प्रेरणास्त्रोत-मयंक[कमांडेंट सीआरपीएफ]

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धीरज गुप्ता

मगध एक्सप्रेस :-गया में 159 बटालियन सीआरपीएफ ने जेल परिसर मुख्यालय में बटालियन का 20वां स्थापना दिवस बड़े धूमधाम के साथ मनाया।इस मौके पर यहां मेले का आयोजन किया गया,जिसमें सीआरपीएफ के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया। लोगों ने यहां लगे स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के लजीज व्यंजनों का स्वाद लिया और खेल प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया। मेले का उद्घाटन 159 बटालियन सीआरपीएफ कमांडेंट कुमार मयंक ने फीता काटकर किया।मेले में छोले भटूरे, बिरयानी, इडली, दही भल्ला, आईसक्रीम ,गोलगप्पा, चाउमिन, आलू टिक्की,जूस,पावभाजी जैसे लजीज पकवानों के स्टालों पर अधिकारियों और जवानों व उनके परिजनों ने खूब स्वाद लिया। इसके अलावा यहां तीर प्रतियोगिता, मटकी फोड़ प्रतियोगिता, छल्ला फेंक, रस्साकशी, बच्चों के जलेबी रेस, म्यूजिकल चेयर के खेल भी कराए गए। संध्या 7 बजे सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इसमें सीआरपीएफ के अधिकारी से लेकर जवान अनुशासन के साथ उमंग में सरोवर दिखे।सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम में जवानों ने एक से बढ़कर एक कार्यक्रम देख कर समा बांधा।

सीआरपीएफ कमांडेंट कुमार मयंक ने वहाँ उपस्थित अधिकारियों और जवानो को इस स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि वीर शहीदों की शहादत हमारे लिये प्रेरणास्त्रोत हैं,जो हमें हौसला एवं हिम्मत देती है।उन्होंने कहा कि हमारा बल विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है और यह महान बल न केवल देश की आंतरिक सुरक्षा के प्रति सजग एवं सचेत है बल्कि सामाजिक सरोकार एवं मानवता के प्रति भी उतना ही प्रतिबद्ध है।उन्होने बताया कि हमारे महान बल की गौरवमयी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए गया मुख्यालय केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ)की ओर से राज्य में नक्सलियों के विरूद्व निरंतर अभियान चला रही है। राज्य के विभिन्न भागों में फैले नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करके कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने में सीआरपीएफ ने बड़ी अहम भूमिका निभाई है तथा भविष्य में भी अपने वीरतापूर्वक कार्यो से देश व राज्य की एकता एवं अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए प्रयत्नशील रहेगी। वहीं छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा 159 वीं वाहिनी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल गया कमांडेंट कुमार मयंक को परिचालनिक उपलब्धियों के लिए वर्ष 2022 का सर्वश्रेष्ठ परिचालनिक बटालियन ट्रॉफी से नवाजा गया है।

जानकारी देते चले कि गया जिला में बढ़ता उग्रवाद घटनाओं पर अंकुश लगाने तथा क्षेत्र में कानून व्यवस्था स्थापित करने हेतु 159 वीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को वर्ष 2008 से नक्सल विरोधी अभियान हेतु गया जिला इमामगंज विधानसभा में जंगली पहाड़ा दुर्गम स्थानों में तैनात किया गया। यह जिला के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है तथा पहाड़ों से घिरे होने के कारण काफी लंबे समय भाकपा माओवादी का गढ़ रहा। बिहार झारखंड राज्य की सीमा लगने के कारण यह सीमावर्ती क्षेत्र माओवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह माना जाता है। यही कारण नक्सली आसानी से संचालित होने और अपने ठिकानों में छिपने के लिए एक बेहतर जगह पाते है। दुर्गम पहाड़ी इलाको, बड़े और घने वन क्षेत्र और पक्की सड़क की कमी के साथ अन्य भौगोलिक समस्याओं के कारण इस क्षेत्र में नक्सल अभियान को अंजाम देना कठिन कार्य होता है। बीते वर्षों में आम सूचना के आधार पर किए गए परिचालनिक अभियानों में 159 वीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की कई उपलब्धियां हासिल की है। जिसमें कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री आईईडी तथा अन्य नक्सल सामग्री को जप्त किया गया।

समन्वय के साथ लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास रहेगा जारी :कमांडेंट

सीआरपीएफ के कमांडेंट कुमार मयंक ने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस के साथ उच्च स्तरीय समन्वय रखकर सफल अभियानों से नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ आम जनता को मुख्य धारा से जोड़ने और उनका विश्वास हासिल करने का लगातार प्रयास जारी रहेगा.

76 साल पुराना है इतिहास

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस के रूप में नीमच में हुई थी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल को शुरू में कानून व व्यवस्था बनाए रखने में रजवाड़ों की सहायता करने की जिम्मेदारी दी गयी थी। केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के प्रथम कमांडेंट मेजर जे.एफ.रिअर्ट थे। 28 दिसम्बर 1949 को इस बल में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल अधिनियम पारित हुआ। 19 मार्च 1950 को तत्कालीन उप प्रधानमंत्री बल्लभ भाई पटेल ने केरिपुबल को चिह्न प्रदान किया। 1939 में 01 बटालियन से स्थापित यह बल अब विश्व का सबसे बड़ा अर्द्धसैनिक बल है।इस मौके पर सीआरपीएफ डीआईजी विमल कुमार बिष्ट, 159 बटालियन सीआरपीएफ कमांडेंट कुमार मयंक, द्वितीय कमान अधिकारी मुकेश कुमार गुप्ता,डिप्टी कमांडेंट उत्तम कुमार, डिप्टी कमांडेंट अमिताभ सहित कई अधिकारी व जवान मौजूद थे।

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