औरंगाबाद :एक दिवसीय विराट शिव गुरू परिचर्चा का आयोजन

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के ग्राम पंचायत चंद्रगढ़ नाटक कला मंदिर परिसर में एक दिवसीय विराट शिव गुरु परिचर्चा का आयोजन किया गया। शिव चर्चा में गुरु बहनों ने महादेव को अपना गुरु मान उनके नियमों को जीवन में आत्मसात करने की अपील की। इस दौरान शिव गुरु परिचर्चा कर वक्ताओं ने कहा कि शिव नाम के गुरु नहीं अपितु काम के गुरु हैं। मानव जीवन के समस्त दुखों का एकमात्र कारण अज्ञान है। अज्ञान का नाश ज्ञान से होता है। गुरु शिष्य को ज्ञान देते हैं। इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरीद्रानंद जी ने भगवान शिव को ही अपना गुरु बनाने की बात कही है। शिव को अपना गुरु बनाने के लिए किसी प्रकार का कोई यम नियम नहीं और पूर्व से निरूपित किसी प्रकार का वर्जना बंधन भी नहीं है।

साहब श्री हरीन्द्रानंद जी के द्वारा शिव को अपना गुरु बनाने के लिए तीन सूत्र दिए गए जो इस प्रकार है। प्रथम सूत्र – हे शिव आप मेरे गुरु हैं, मैं आपका शिष्य हूं मुझ शिष्य पर दया कर दीजिए। द्वितीय सूत्र- अपने गुरु शिव की चर्चा जनमानस के बीच करना और लोगों को शिव को अपना गुरु बनाने के लिए प्रेरित करना। ध्यान की अनुपम विधा है शिव गुरु की चर्चा। तृतीय सूत्र-अपने गुरु शिव को एक दिवा रात्रि में 108 बार नमः शिवाय से प्रणाम निवेदित करना। संसार के जितने भी प्राणी हैं, सभी उनके शिष्य हैं। यदि हम उन्हें गुरु भाव से याचक बनकर दया मांगे, क्षमा मांगे तो हमारा कल्याण होगा। इस संसार के एक एक मनुष्य उनके शिष्य बनकर उन्हें गुरु का भाव दें तो पूरे जगत का कल्याण निश्चित ही सुगमता से हो पाएगा।


वही वक्ताओं ने कहा कि आज मानव मन की संकीर्णता वैमनस्यताओं को समाप्त करने हेतु शिव शिष्यता के उदघोषक श्री हरींद्रानंद साहब एवं दीदी नीलम आनंद जी के संदेश आओ चलें शिव की ओर को जन जन के हृदय में उतार कर शिव भाव का आवेश जगाना होगा । जिससे आदमी का जीवन सुखमय शिवमय और आनंदमय हो सके ।इस कार्यक्रम में मुखिया अमोद कुमार चंद्रवंशी,शिवपूजन कुमार सिंह, पिन्टु कांस्यकार , संजय सिंह,शिवजन्म सिंह,विनय सिंह सहित हजारों की संख्या मे अन्य लोगो ने भाग लिया।

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