औरंगाबाद :सांसद ने लोकसभा में गया,शेरघाटी,बाँके बाजार,इमामगंज,डुमरिया होते हुए झारखण्ड के चतरा को रेल सेवा से जोड़े जाने का उठाया था मामला ,केंद्रीय राज्य मंत्री ने दिया जवाब ,पढ़ें

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मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह के द्वारा दिनांक 07.08.2023 नियम 377 के अंतर्गत लोकसभा में गया,शेरघाटी,बाँके बाजार,इमामगंज,डुमरिया होते हुए झारखण्ड के चतरा को रेल सेवा से जोड़े जाने का मामला उठाया गया था जिसके जबाब में भारत सरकार के रेल,कोयला एवं खान मंत्रालय के केन्द्रीय राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने पत्र के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मामले की जांच करवाई गई है और यह उल्लेखनीय है कि इस समय रेलवे ने 03 परियोजनाएं शुरू की हैं जो कि पूर्णत: या आंशिक रूप से बिहार एवं झारखंड के गया, औरंगाबाद और डाल्टनगंज जिलों में स्थित हैं।

1.चतरा-गया (99 किलोमीटर) नई रेल लाइन परियोजना वर्ष 2008-09 में इस परियोजना को स्वीकृत किया गया था। भूमि अधिग्रहण पूरा नहीं किया जा सकने के कारण, पूर्व में परियोजना के निष्पादन (execution) को अस्थायी तौर पर रोक दिया गया था।अब इस क्षेत्र में जहाँ लदान की संभावना है विभिन्न खानों से होने वाले कोयला यातायात में भावी वृद्धि को देखते हुए गया चतरा नई लाइन परियोजना को वरीयता के आधार पर निष्पादन के लिए अनुमोदित किया गया है।इसके साथ ही इस रेल लाइन के इष्टतम उपयोग (optimum utilization) के लिए टोरी-चात्रा-कष्ठा/परेया (गया के निकट) नई लाइन खंड का अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण (Final Location Survey) भी शुरू किया गया है।

2- बिहटा-औरंगाबाद (120 किलोमीटर) नई रेल लाइन वर्ष 2007-08 में इस परियोजना को स्वीकृत किया गया था। परियोजना के विस्तृत अनुमान और सर्वेक्षण रिपोर्ट की जांच की गई थी और सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना में यातायात की कम संभावना पाई गई थी।तथापि, नई आवश्यकताओं का आकलन करने और संरेखण (alignment) की व्यवहार्यता की समीक्षा करने के साथ-साथ यातायात की स्थिति का दोबारा आकलन करने के लिए, बिहटा औरंगाबाद नई लाइन परियोजना के लिए अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण (Final Location Survey) नए सिरे से शुरू किया गया है। परियोजना रिपोर्ट उपलब्ध हो जाने और तत्संबंधी परिणामों की पुष्टि हो जाने के बाद ही परियोजना के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।


3.गया-डालटनगंज वाया शेरघाटी, इमामगंज (136 किलोमीटर) नई रेल लाइन: वर्ष 2008-09 में इस परियोजना को स्वीकृत किया गया था। परंतु यातायात की कम संभावना के कारण इस परियोजना को शुरू नहीं किया जा सका था।तथापि, नई आवश्यकताओं का आकलन करने और संरेखण (alignment) की व्यवहार्यता की समीक्षा करने के साथ-साथ यातायात की स्थिति का दोबारा आकलन करने के लिए, गया- डालटनगंज नई लाइन परियोजना के लिए अंतिम स्थान निर्धारण सर्वेक्षण (Final Location Survey) नए सिरे से शुरू किया गया है। परियोजना रिपोर्ट उपलब्ध हो जाने और तत्संबंधी परिणामों की पुष्टि हो जाने के बाद ही परियोजना के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।आशा है आप स्थिति से सहमत होंगे।

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