औरंगाबाद :मदनपुर मे धूमधाम से मनाया गया पवित्र रक्षा बंधन का त्योहार
संजीव कुमार –
मगध एक्सप्रेस :- भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार इस बार दो दिन मनाया गया। 30 अगस्त को भद्रा नक्षत्र रात 9:02 बजे खत्म हुई, लेकिन लोकाचार की वजह से रात में बहुत कम लोगों ने ही राखी का त्योहार मनाया। आज 31 अगस्त को धूमधाम से त्योहार मनाया गया। मुख्य रूप से रक्षाबंधन का त्योहार आज 31 अगस्त को मनाया गया।
हालांकि 31 अगस्त को सुबह 7:06 बजे तक उदय तिथि रही, लेकिन 31 अगस्त को उदय तिथि के चलते पूरा दिन बहनें भाइयों की कलाई पर राखी बांध पाई। हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता है। हर साल इस पर्व को बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधते हुए उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई बहन को उपहार देते हुए हमेशा उसकी रक्षा करने का संकल्प लेता है।
रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है। रक्षाबन्धन पर्व सामाजिक और पारिवारिक एकबद्धता या एकसूत्रता का सांस्कृतिक उपाय रहा है।
विवाह के बाद बहन पराये घर में चली जाती है। इस बहाने प्रतिवर्ष अपने सगे ही नहीं अपितु दूरदराज के रिश्तों के भाइयों तक को उनके घर जाकर राखी बाँधती है और इस प्रकार अपने रिश्तों का नवीनीकरण करती रहती है। दो परिवारों का और कुलों का पारस्परिक मिलन होता है। समाज के विभिन्न वर्गों के बीच भी एकसूत्रता के रूप में इस पर्व का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार जो कड़ी टूट गयी है उसे फिर से जागृत किया जा सकता है।इस दौरान प्रखंड क्षेत्र के मदनपुर,आजन,खिरियावां, शिवगंज,वार,मनिका सहित अन्य बाजार के दुकाने राखी व मिठाई से सजी रही।क्षेत्र के प्रशासनिक पदाधिकारी से लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने रक्षा बंधन को लेकर प्रखंडवासियों को शुभकामनाएं दी।