औरंगाबाद :देवकुंड गौशाला बना गोवंशो का कब्रिस्तान,सैकड़ों ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन,ग्रामीणों ने किया देवकुंड से गौशाला हटाने की मांग
Magadh Express : औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के देवकुंड स्थित गौ ज्ञान फाउंडेशन द्वारा संचालित गौशाला में आए दिन गोवंशों की मौत के मामले सामने आते रहते हैं। इसके बाद भी इस गोशाला की हालत अभी तक नहीं सुधरी। एक सप्ताह पूर्व से ही 8 जानवर किचड़ में फंसकर मर गया लेकिन गोशाला कर्मियों द्वारा इसे हटाया तक नहीं गया जिससे शव में बड़े बड़े कीड़े पड़ गए और सडे़ हुए मांस का दुर्गंध दूर दूर तक फैलने लगा जिससे दर्जनों गांवों के लोग देवकुंड आना छोड़ दिए। फिलहाल दो दिन के भीतर 18 गोवंशों मौत हो चुकी है।
गोशाला में दर्जनों गोवंश अभी भी बीमार हैं। दो दिन में इतनी अधिक संख्या में गोवंशों की मौत की खबर पाकर शुक्रवार की सुबह सैकड़ों ग्रामीणों ने गौशाला पहुंचकर विरोध प्रर्दशन करते हुए गौशाला संचालक व प्रबंधक पर जमकर नारेबाजी करते हुए देवकुंड से गौशाला हटाने की मांग किया है। पूर्व मुखिया रामकृपाल विश्वकर्मा, पंसस रामकुमार पासवान, कृष्णनंदन यादव, आशुतोष मिश्रा, अक्षय पटेल, श्रीकांत चंद्रवंशी, अरुण यादव, श्लोक सिंह, जनार्दन राम, मनीष कुमार, सागर शर्मा सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने गौशाला संचालक पर गौ रक्षा के नाम पर तस्करी करने का आरोप लगाते हुए विशेष जांच टीम द्वारा जांच पड़ताल की मांग किया है।
ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन में 18 गोवंशों की मौत का हो गई है। प्रत्येक दिन पांच से सात जानवर मर जाते हैं। गौशाला के कर्मचारी गोवंशों की मौत पर पर्दा डालने की कोशिश करते रहते हैं। गौशाला के इर्द-गिर्द में रहने वाले लोगों के घरों में लगे चापाकल के पानी से भी दुर्गंध आने लगा है। सूचना पर गोह सीओ मुकेश कुमार घटनास्थल पहुंचकर विषय वस्तु की जानकारी ली। तत्पश्चात दाउदनगर एसडीपीओ कुमार ऋषिराज ने गौशाला पहुंचकर जांच पड़ताल किया। जहां वर्तमान स्थिति में घोर अनियमितता पाई।
वहीं देवकुंड मठाधीश कन्हैयानंद पुरी ने बताया कि वर्ष 2018 में कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर तत्काल गौवंशो की रहने की अनुमति मांगी थी। उसके बाद से लगातार लगातार जमीन पर अतिक्रमण करते जा रहे हैं। प्रशासन के आदेश के बावजूद भी क्षमता से अधिक जानवरों को रखा जा रहा है। जिससे पूरे मेला क्षेत्र कब्रिस्तान में तब्दील हो गया है। विदित हो कि पूर्व से ही गौशाला में जानवरों के रख रखाव में घोर अनियमितता की शिकायत होती रही है।