औरंगाबाद:नेत्रहीन विद्यालय में हुआ प्यार, युगल जोड़ी ने देवकुंड मंदिर में धूमधाम से रचाई शादी

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गौतम उपाध्याय

गोह|कहते हैं प्यार अंधा होता है यानी किसी को देखे बिना सिर्फ अहसास से दिल में एक दूसरे को प्यार हो जाता है। खूबसूरती या बैकग्राउंड मायने नहीं रखता। हसपुरा थाना क्षेत्र के सरदवन बिगहा गांव निवासी श्रीराम दास के 21 वर्षीय पुत्र अमरजीत एवं जहानाबाद जिला मुख्यालय के एरकी गांव निवासी बालदेव दास के 18 वर्षीय पुत्री सुषमा ने इस कहावत को सच कर दिखाया। दोनों आंख से नहीं देख सकते। चार साल का दोनों के बीच अटूट प्यार आखिरी अंजाम तक पहुंच गया और रविवार को दोनों हमेशा के लिए शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।

दोस्ती की शुरुआत चार वर्ष पूर्व गया जिले के चाकंद स्थित नेत्रहीन विद्यालय से हुई थी। दोस्ती प्यार में कब बदली दोनों को पता ही नहीं चला। आखिरकार दोनों के घर परिवार के सदस्यों ने सहमति जताई। तत्पश्चात रविवार की संध्या पूरे विधि-विधान से बाबा दूधेश्वरनाथ मंदिर पहुंचकर धूमधाम से शादी रचाई। इस मौके पर राम ईश्वर तिवारी, समाजसेवी आशुतोष मिश्रा, धीरेन्द्र यादव, संजय गिरी, रामजी राम, जयराम राम, बीरबल दास, नंदलाल कुमार सहित दोनों पक्षों के दर्जनों लोग मौजूद रहे।

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