औरंगाबाद :[देव सूर्य महायज्ञ ]जगतगुरु श्रीधराचार्य जी महाराज ने व्यास गद्दी से कहा – जहाँ भागवत कथा होती है वह स्थान तीर्थ स्वरूप हो जाता है,औरंगाबाद जिले का नाम देव हो

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 मगध एक्सप्रेस :- औरंगाबाद जिले के ऐतिहासिक सौर तीर्थ स्थल देव में आयोजित भगवान्ज श्री सूर्य नारायण महायज्ञ में अशर्फी भवन अयोध्या से पधारें जगतगुरु श्रीधराचार्य जी महाराज ने व्यास गद्दी से कहा कि जहाँ भागवत कथा होती है वह स्थान तीर्थ स्वरूप हो जाता है। श्रीमद भागवत पुराण सभी शास्त्रों का सार है। महर्षि वेदव्यास को जब वेदों के संकलन और महाभारत, पुराणों की रचना के बाद भी शांति नहीं मिली तो उनके गुरु नारद मुनि ने उन्हें श्रीमद् भागवत पुराण लिखने को प्रेरित किया। यह श्री वेदव्यासजी की आखिरी रचना है और इस कारण पूर्व के सारे रचनाओं का निचोड़ है।

जगद्गुरु श्रीधराचार्य जी महाराज ने कहा कि जिस घर में भागवत कथा व पूजा होती है। उस घर में लक्ष्मी नारायण भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है। जीवन की बंधन से मुक्ति का एक मार्ग श्रीमद् भागवत कथा श्रवण ही है। इससे भक्तों की परेशानी दूर हो जाती है। ध्रुव प्रसंग की कथा सुनाते हुए कहा कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीता ने धैर्य नहीं खोया जिससे संकट टल गया। ध्रुव ने तपस्या के बल पर हरि को प्रसन्न कर लिया। भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा के लिए भगवान ने खंभे में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। भगवान हमेशा अपने भक्तों की रक्षा के लिए तैयार रहते हैं। बस जरूरत है उन्हें सच्चे मन से याद करने की।

जगतगुरु श्रीधराचार्य जी महाराज ने आगे कहा कि हम सभी जीव प्रभु के अंश हैं और भगवान ही हमारे अंशी हैं। प्रभु सत्ता के बिना हम सभी जीव अधूरे हैं। श्रीरामजन्म की कथा सुनाते हुए स्वामी जी ने कहा कि संपूर्ण मानव जाति को मनुष्यता की शिक्षा देने के लिए प्रभु श्री अवध में मनुष्य रूप में अवतरित होते हैं। राम जी का अद्भुत चरित्र हैं।जगदगुरू स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि प्रभु राम के जैसा भ्रातृत्व, वैराग्य और वात्सल्य कहीं नहीं है। राम जी के जीवन चरित्र में एक को भी हम यदि एक चरित्र भी अपने अंदर आत्मसात कर लें तो भयंकर कलयुग में भी हम सभी जीव स्वस्थ प्रसन्न रह सकते हैं।

जगतगुरु श्रीधराचार्य जी महाराज ने कहा कि उतर प्रदेश सरकार ने कई जगहों का नाम बदलकर उन्हें उनका वास्तविक परिचय दिया है ,ठीक उसी प्रकार इस औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर भी देव किया जाना चाहिए। क्योकि यह देव भूमि है जहाँ सभी तीर्थो के देवता यहाँ वास करते है। कथा के दौरान हजारो की संख्या में महिला पुरुष श्रद्धालुओं की भीड़ रही और सभी ने मंत्रमुग्ध होकर कथा का श्रवण किया। महाराज जी के मंच पर आसीन होते ही महायज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रवीण सिंह ने उनका सम्मान और चरण वंदन किया।

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