औरंगाबाद :मंडल कारा में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन ,जिला विधिक सेवा प्राधिकार बंदियों के अधिकारों का रक्षक – सचिव

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मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार औरंगाबाद एवं मंडल कारा औरंगाबाद के संयुक्त तत्वाधान में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंडल कारा औरंगाबाद में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री सुकुल राम, प्रभारी आरक्षी अधीक्षक श्री नव वैभव, कारा अधीक्षक सुजित कुमार झा, विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रमुख योगेश किशोर पांडे, उप प्रमुख अभिनंदन कुमार, सहायक रणधीर कुमार, पैनल अधिवक्ता अंजनी कुमार सिंह, सतीश कुमार स्नेही ,रौशन कुमार ने भाग लिया कार्यक्रम का संचालन विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के उप प्रमुख अभिनंदन कुमार ने किया|


कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा बंदियों को उनके विधिक अधिकार के साथ-साथ उनके मानव अधिकारों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई गई अपने संबोधन है पुलिस अधीक्षक श्री नव वैभव ने कहा की आज सभी लोगों को मानवाधिकार प्राप्त होता है परंतु कुछ गलतियों के वजह से आप सभी बंदी कारा में संसिमित है इसका मतलब यह कतई नहीं है आपका कोई अधिकार नहीं है कुछ मामलों में आपकी अधिकार को सीमित किया गया है परंतु जो नैसर्गिक रूप से अधिकार आम लोगों को प्राप्त होता है जैसे शुद्ध जल, पौष्टिक भोजन, चिकित्सा सुविधा कानूनी मदद वे सभी आपको प्राप्त होने चाहिए समय-समय पर न्यायालय के द्वारा आपको आपकी जरूरत के अनुसार अधिकार उपलब्ध कराए जाते रहे हैं | जहां तक पुलिस विभाग में आपके मानवाधिकार हनन का सवाल है तो आज के दौर में वहां भी आपको सारी मानवाधिकार उपलब्ध कराई जाती है|

अपने संबोधन में पैनल अधिवक्ताओ के द्वारा बंदियों को जितने भी अधिकार उपलब्ध कराए जाते हैं जैसे मुक्त विधिक सहायता, त्वरित विचारण, निष्पक्ष विचारण, गिरफ्तारी के समय गिरफ्तार व्यक्तियों के अधिकार संविधान में बंदियों के प्रदत अधिकार, कारा अधिनियम में बंदियों के अधिकार का विस्तृत जानकारी बंदियों को उपलब्ध कराई गई इसके अतिरिक्त कई न्याय निर्णय टी बी सुब्रमण्यम बनाम तमिलनाडु राज्य, रजिता पटेल बनाम बिहार राज्य, परमानंद कटरा बनाम भारतीय संघ दिल्ली जैसे मामलों में न्यायालय के द्वारा बंदियों को जो अधिकार उपलब्ध कराए गए हैं, उन सारे अधिकारों के विषय में बंदियों को विस्तृत रूप से बताया गया और उनके अधिकार के संबंध में बुकलेट को उपलब्ध कराया गया.


अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिला विधिक सेवा अधिकार के सचिव श्री सुकुल राम ने बताया जिला विधिक सेवा प्राधिकार सदैव बंदियों के अधिकार के हेतु एवं उनके अधिकार दिलाने हेतु हमेशा तत्पर रहता है उनके द्वारा यह भी बताया गया वे स्वयं कई बंदियों से उनके समस्याओं के लेकर पूछताछ कर उनकी समस्याओं के निराकरण करने का प्रयास करते हैं उनके द्वारा अपने संबोधन में बताया गया की हाल के दिनों में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अंतर्गत बंदियों को विधिक सहायता और न्यायालय में उनके वाद में बचाव हेतु निशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के लिये एक नई व्यवस्था की स्थापना की गई है जो विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के रूप में कार्य कर रही है।

जिसके अंतर्गत पांच अधिवक्ताओं की टीम को चयन किया गया है जो बंदियों के वाद में बचाव हेतु निशुल्क न्यायालय में कार्य कर रहे हैं अगर किसी बंदी को उनके आर्थिक एवं किसी अन्य वजह से अधिवक्ता उपलब्ध नहीं हो पाते हैं तो वह तत्काल जेल प्रशासन से संपर्क स्थापित कर निशुल्कअधिवक्ता प्राप्त कर सकते हैं उनके द्वारा यह भी बताया गया बंदियों के सुविधाओं एवं अधिकारों हेतु वे सदैव चिंतित रहते है समय-समय पर उनके खाने एवं स्वास्थ्य की जानकारी में खुद आकर लेते रहते हैं उनके द्वारा कहा गया की जिला विधिक सेवा प्राधिकार बंदियों के अधिकारों के एक रक्षक के रूप में कार्य कर रहा है.कार्यक्रम में कारा अधीक्षक श्री सुजीत कुमार झा के द्वारा उपस्थित अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया एवं अपने धन्यवाद ज्ञापन में उनके द्वारा बताया गया वे अपने स्तर से जितना हो सकता है वह बंदियों की सहायता का प्रयास करते हैं कारा प्रशासन जितना हो सकता है उनके सुख सुविधाओं एवं अधिकारों को दिलाने हेतु प्रयास करता है|

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