औरंगाबाद :शिक्षा विभाग के तुगलकी फरमान से परेशान है शिक्षा सेवक,नामांकन काटो ,पुनः जोड़ो के चक्कर में फंसा विभाग

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :- शिक्षा विभाग औरंगाबाद के द्वारा नित्य नए नए तुगलकी फरमानों से नवीनगर के शिक्षा सेवक काफी परेशान है।वही शिक्षा सेवक ने बताया कि ताजा हालिया फरमान की है जिसमे साक्षरता ग्रुप औरंगाबाद के व्हाट्सएप पर रात्रि 10.26 बजे जिला साक्षरता कार्यालय का फरमान आया है। जिसमें सभी शिक्षा सेवकों को अपने पोषक क्षेत्रों से दो दो बच्चों का तथा झुग्गी झोपड़ी मे रहने वाले दो दो बच्चो का नया नामांकन कराना अनिवार्य बताया गया है।अन्यथा की स्थिति मे जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की धमकी भी है।नया नामांकन वैसे बच्चों को करना है जिनका नामांकन लगातार अनुपस्थित रहने एव अन्य कारणो से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश पर काट दिया गया था।

बताते चले कि पूरे बिहार मे लगभग 20 लाख बच्चों का नामांकन के के पाठक के आदेश पर स्कूलों से काट दिया गया है।अब ऐसे मे शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा वैसे बच्चों को पुनः नामांकन करने का निर्देश दिया जा रहा है साथ ही झुग्गी झोपड़ी के बच्चो एव अन्य वैसे बच्चे जिनका नामांकन स्कूलों में नहीं है । अभियान चलाकर नामांकन करने का निर्देश शिक्षा सेवको /तालिमी मरकज को दिया दिया जा रहा है।ऐसी स्थिति मे नया नामांकन कराने मे शिक्षा सेवको के समक्ष कई समस्याएं आड़े आरही है। नवीनगर के पीड़ित शिक्षा सेवकों ने बताया कि कई विद्यालय के पोषक क्षेत्र मे अब अनामांकित बच्चे नहीं है और न ही उनके क्षेत्र मे झुग्गी झोपड़ी है।

अगर कही इक्के दुक्के है भी तो नया नामांकन कराने में संबंधित प्रधानाध्यापक कहते हैं नामांकन का समय समाप्त हो गया है नया नामांकन के लिए विभागीय पत्र की मांग करते है। इसके अलावा नया नामांकन कराने के लिए कोर्ट से एफिडेविट करना भी अनिवार्य है।शिक्षा सेवको ने बताया कि विगत कुछ महीनो से शिक्षा सेवक काफी परेशान है शिक्षा सेवको को प्रतिदिन सुबह 7 बजे से बच्चों का कोचिंग कराना है तत्पश्चात तैयार कराकर विद्यालय ले जाना है उसके बाद विद्यालयों का निरीक्षण कार्य करना है ।1 बजे से साक्षरता केंद्र संचालित करना है उसके बाद सारा रिपोर्ट प्रतिदिन बीआरसी मे जाकर जमा करना है और अपनी उपस्थिति दर्ज करनी है। इसके अतिरिक्त प्रतिदिन बच्चों के अभिभावक से संपर्क करना है।यदि किसी कारण वस सारा कार्य करते हुए बीआरसी मे उपस्थित नहीं होते है तो ऐसी स्थिति मे अनुपस्थित माना जाता है।

शिक्षा सेवको ने यह भी बताया कि बहुत से शिक्षा सेवक का विद्यालय से बीआरसी की दूरी 30 किलोमीटर से भी अधिक है। ऐसी स्थिति मे आवागमन के साधन का भी मुश्किल झेलना पड़ता है खासकर महिलाओं के समक्ष तो और भी परेशानी है।शिक्षा सेवको ने बताया कि बीआरसी मे अनुपस्थित पाए जाने पर जिला कार्यालय द्वारा शिक्षा सेवको के मानदेय में उस दिन की मानदेय कटौती का पत्र जारी हुआ है।इधर 1 दिसंबर से 3–30 बजे से शिक्षा सेवको को विद्यालय मे मिशन दक्ष मे भी लगाया गया है।

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