औरंगाबाद :बंगरे के लाल ने किया कमाल,एनपीसीआईएल के वैज्ञानिक सहायक परीक्षा मे पूरे भारत मे हासिल किया प्रथम स्थान
संजीव कुमार —
मगध एक्सप्रेस :-प्रतिभा को ईश्वर प्रदत माना जाता है और प्रतिभा किसी पहचान का मोहताज नहीं होता।प्रतिभा का अर्थ केवल कठिन श्रम करने की असीम क्षमता होती है।अगर आपके अंदर जूनून है,दृढ संकल्प अडिग और लगन है तो बड़ा से बड़ा लक्ष्य बौना बनकर आपके कदम चूमने को मजबूर हो जाते हैँ।कुछ ऐसा ही असाधारण प्रतिभा की चमक बिखेरा है एक साधारण परिवार मे जन्मे एक आशा कार्यकर्ता के होनहार पुत्र ने।जी,मै बात कर रहा हूँ औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड अंतर्गत बंगरे गाँव निवासी शत्रुधन प्रसाद और चंचला देवी के छोटे पुत्र रौशन कुमार के बारे मे।जिसने अपनी प्रतिभा की चमक बिखेरते हुए ना सिर्फ अपने भविष्य के मंजिल को हकीकत मे बदला बल्कि एनपीसीआईएल द्वारा आयोजित वैज्ञानिक सहायक की परीक्षा मे सम्पूर्ण भारत मे प्रथम स्थान प्राप्त अपने परिवार,समाज,क्षेत्र व राज्य के गौरव को बढ़ाया है।बताते चलें कि, नूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के द्वारा आयोजित वैज्ञानिक सहायक की परीक्षा मे पूरे भारत मे प्रथम स्थान हासिल किया।उसके इस सफलता से उसके परिवार व गाँव मे खुशी का माहौल है।उसके माता पिता एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार कर रहे हैँ तो वहीं रौशन कुमार की सफलता के लिए गाँव वाले उसके माता पिता को बधाइयाँ देने मे लगे हैँ।
रौशन कुमार के पिता शत्रुधन प्रसाद राजकीय मध्य विद्यालय चिलमी मे शिक्षक है तो वहीं माता चंचला देवी एक आशा कार्यकर्ता है।बड़ा भाई रवि रंजन कुमार सीमा सुरक्षा बल मे सब – इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत है।शुरु से ही कुशाग्र बुद्धि व शांत प्रवृति के रौशन कुमार की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के ही सरकारी विद्यालय से हुई है।उसके बाद 2016 मे अनुग्रह उच्च विद्यालय मदनपुर से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।दसवीं के बाद उसने डिप्लोमा की पढ़ाई के लिए गवर्नमेन्ट पॉलिटेक्निक कॉलेज,वैशाली मे दाखिला लिया जहाँ पर उसे 2250 मे 1838 अंक प्राप्त हुए।उसके बाद 2023 मे गवर्नमेन्ट इंजीनियरिंग कॉलेज अरथुआ (कसमा, औरंगाबाद)से B.Tech. की डिग्री ली।पूर्व राष्ट्रपति और भारत के महान वैज्ञानिक (मिसाइल मैन)अब्दुल कलाम आजाद को अपना आदर्श मानने वाले रौशन कुमार ने अपने माता पिता और भाई के देखरेख मे पढ़ाई करते हुए कभी भी अपनी एकाग्रता को भंग नहीं होने दिया।
पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन की कृतियों व जीवनी से सीखते हुए उसने एक सफल वैज्ञानिक बनने का सपना देखा है।उसका यह सपना है कि, वो तकनिकी रूप से भारत के उन्नति मे अपना उत्कृष्ट योगदान देकर राष्ट्र की सेवा करें और देश का नाम ऊंचा करें।क्रिकेट और फुटबॉल के शौक़ीन रौशन कुमार अपने दोस्तों के साथ क्वालिटी टाइम बिताते हुए भी अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहा।उसके इस सफलता पर उसके माता पिता का कहाँ है कि, वो अपने बेटे की इस सफलता से बेहत गौरवान्वित हैँ और खुश हैँ।वे कभी भी अपने बच्चों के ऊपर पढ़ाई को थोपा नही बल्कि,स्वतंत्र होकर उन्हे मार्गदर्शित करते रहे और उन्हे स्वतंत्र होकर अपने भविष्य संवारने पर जोर दिया।वे हमेशा अपने बच्चों को समझाते रहे ,”जब कोई वास्तविक सच्चा प्रतिभा इस दुनिया मे प्रकट होगी तब तुम उसकी पहचान इस लक्षण द्वारा कर सकोगे कि, समस्त मूर्ख व्यक्ति संघ रूप से उसके विरुद्ध हो जाते हैँ।रौशन कुमार के इस सफलता से बधाई देने वालों का ताँता लगा हुआ है।