औरंगाबाद :सहदानी गांव में समय रहते मामले को निपटाने का प्रयास नहीं हुआ तो बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता,असामाजिक तत्वों से थानाध्यक्ष की मिलीभगतः- जिप प्रतिनिधि
गौतम उपाध्याय
Magadh Express:औरंगाबाद जिले के उपहारा थानाक्षेत्र स्थित अमारी पंचायत के सहदानी गांव में समय रहते मामले को निपटाने का प्रयास नहीं हुआ तो बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह आशंका जताई है क्षेत्र संख्या-06 के जिला पार्षद प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इलाके में शांति बहाली की पूरी जिम्मेदारी अंचला अधिकारी और थानाध्यक्ष की होती है, लेकिन दोनों अधिकारी मामले को अनसूना कर रहे हैं। मामला सहदानी गांव टोले भूपेश नगर पोखरा का है। मछली पालन हेतु सहदानी निवासी शिवपूजन सिंह को जिला मत्स्य पदाधिकारी की ओर से बीट (परवाना) दिया गया है।
2 मई को पत्रांक संख्या -270 जिला मत्स्य पदाधिकारी की ओर से सूचनार्थ शिवपूजन सिंह के नाम पत्र जारी हुआ, जिसमें कहा गया है कि 30 जून से पहले मछली मार लिया जाये। पत्र के आलोक में सहदानी निवासी शिवपूजन सिंह 5 मई को मछली मारने गये तो भूपेश नगर के बैजनाथ पासवान, विकास पासवान, धनराज पासवान, रामाकांत पासवान, रामउग्रह पासवान, महेश चंद्रवंशी, गौरेया चंद्रवंशी, संजय पासवान, मंजय पासवान और दीपक पासवान हरवे-हथियार से आये और जाल फेंक दिया तथा मारपीट पर उतारू हो गये।
अनुसूचित जाति/जनजाति कानून में फंसाकर बर्बाद करने की धमकी देने लगे। वे लोग किसी भी सूरत में मछली नहीं मारने देने की बात कर रहे हैं। इसकी सूचना उपहारा थाने को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर आई। उक्त व्यक्तियों का तेवर देख पुलिस बैरंग लौट गई। थकहार कर शिवपूजन सिंह 9 मई को इसकी लिखित सूचना जिला मत्स्य पदाधिकारी को दी। उसी दिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा एक पत्र थानाध्यक्ष, उपहारा और अंचल अधिकारी, गोह के नाम से जारी हुआ।
शिवपूजन सिंह बार-बार पोखरा से मछली निकालने के लिये थानाध्यक्ष से विशेष पुलिस बल की मांग कर रहे हैं। थानाध्यक्ष इनकी बातों को अनसूना कर मिल-बैठकर समस्या का हल निकालने की बात कर रहे हैं। जिप प्रतिनिधि श्याम सुंदर ने आरोप लगाया है कि स्थानीय अधिकारियों की असामाजिक तत्वों से सांठगांठ है। जब बीट शिवपूजन सिंह के नाम पर हुआ है। सरकार को राजस्व अकेले शिवपूजन सिंह दिये हैं। मछली के रखरखाव में पूंजी शिवपूजन सिंह लगाये हैं तो फिर थानाध्यक्ष का यह रवैया असामाजिक तत्वों से मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है।