औरंगाबाद:रा कादरी मध्य विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं के साथ-साथ समस्त विद्यालय परिवार ने मनाई सम्राट अशोक की जयंती
Magadh Express:औरंगाबाद जिले के रा कादरी मध्य विद्यालय दाउदनगर के प्रांगण में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं,,छात्र-छात्राओं एवं अन्य कर्मियों के साथ-साथ समस्त विद्यालय परिवार ने भारत के महान सम्राट अशोक की जयंती मनाई । इस अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने प्रियदर्शी सम्राट-अशोक की तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके व्यक्तित्व और कृतित्व का बखान किया ।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक- सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि भारत के महान सम्राट अशोक का साम्राज्य जितना विशाल था उतना ही ज्यादा उनका हृदय भी विशाल था जिसमें न सिर्फ मानवमात्र के प्रति सेवा और करुणा का भाव भरा हुआ था बल्कि उनमें समस्त जीव-जगत के प्रति प्रेम और दया का भाव निहित था । यही कारण है कि उन्होंने न सिर्फ अपने राज्य में सड़कें और सराय बनवाई बल्कि उन सड़कों के किनारे वृक्ष भी लगवाए तथा तालाब और नहरें भी खुदवाई ।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विद्यालय की शिक्षिका- निशी कुमारी ने कहा कि शुरुआत में सम्राट अशोक भी प्राचीन काल के अन्य सामान्य राजाओं के समान ही थे जब वे अपने साम्राज्य के विस्तार के लिए अन्य राजाओं के खिलाफ युद्ध में उलझे रहते थे । लेकिन जब उन्होंने कलिंग युद्ध में भारी रक्तपात देखा तो उनका हृदय परिवर्तित हो गया तथा उन्होंने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया । इसके बाद से उन्होंने अपना समस्त जीवन मनुष्यों समेत तमाम जीवों की भलाई में समर्पित कर दिया जिसके कारण बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार समस्त भारत वर्ष के अलावा चीन,जापान,श्रीलंका,बर्मा,श्याम,कंबोडिया,इत्यादि देशों में संभव हो सका ।
विद्यालय के शिक्षक- अनुज कुमार पाण्डेय ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत का राजकीय चिन्ह- ‘अशोक-स्तंभ’ हमें यह बताता है कि लोगों पर राज करने वाले राजे-महाराजे एवं उनका साम्राज्य तो मिट जाता है लेकिन मानवता की भलाई के लिए किसी भी व्यक्ति के द्वारा किया गया कार्य कभी नहीं मिटता । आज सम्राट-अशोक के जीवन से हमें यही शिक्षा मिलती है । महान सम्राट-अशोक को श्रद्धांजलि अर्पित करनेवालों में विद्यालय के शिक्षक – शिवपूजन कुमार,शिक्षिका चंपा केशरी,पुनिता अम्बष्ठा,रसोइया सकीला,शिक्षा-सेवक धर्मेंद्र कुमार,छात्र- चन्दन कुमार,फहद आलम,अंकुश चौधरी,इत्यादि समस्त विद्यालय परिवार के लोग शामिल रहे ।