औरंगाबाद: बीडीसी की बैठक में उठा मामला,देव में कुकुरमुते की तरह अवैध रूप से चल रहे है सैकड़ों निजी क्लीनिक ,मेडिकल दुकान और जांच घर, मुखिया ने जांच कर कार्यवाई का किया मांग

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Magadh Express:औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड मुख्यालय में कल शनिवार को बीडिसी की बैठक आयोजित की गई ।बैठक में प्रखंड प्रमुख , बीडियो,सहित शिक्षा ,स्वास्थ्य,कृषि सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे । बैठक में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर भी मामला गरमाया ।बैठक को संबोधित करते हुए दुलारे पंचायत के मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष विजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि देव प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 500 मिटर के अंदर दर्जनों मेडिकल दुकान , प्राइवेट नर्सिंग होम,जांच घर , निजी क्लीनिक खुले हुए है । जिसमे न तो बेहतर जांच की व्यवस्था है नाही इलाज की व्यवस्था है । इन सभी चिकित्सकीय संस्थानों में सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कोई भी मानक को पूरा नहीं किया जाता है ।

स्थिति यह है कि अस्पताल प्रबंधन के मिली भगत के कारण कभी इनकी जांच नही होती है ।यही कारण है की ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिला ,पुरुष और बच्चो को मुहमांगी फीस लेकर , प्रसव,बंध्याकरण ,जांच,ऑपरेशन किया जाता है । नतीजा यह होता है कि जब मरीज की स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें या तो रेफर किया जाता है ।या बड़े निजी क्लिनिको में भेजकर उनका आर्थिक शोषण किया जाता है ,या मरीज की मौत होती है ।ग्रामीण क्षेत्र के लोग पढ़े लिखे नही होने के कारण इन संस्थानों के दलालों के चंगुल में पड़ जाते है और उन्हें आर्थिक शोषण किया जाता है ।मुखिया ने कहा कि देव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधन के घोर लापरवाही,अनियमितता और अस्पताल प्रबंधन के भ्रष्टचार के कारण देव प्रखंड में सैकड़ों निजी क्लीनिक ,जांच घर,और निजी अस्पताल फल फूल रहे है ।

मुखिया ने कहा कि देव में ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरत है ऐसे संस्थानों की अविलंब जांच करने की । जांच में जो भी मेडिकल दुकान,जांच घर,या निजी क्लीनिक सरकार के मानकों को पूरा नहीं करते है तो उन्हें अविलंब बंद किया जाय ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों को आर्थिक रूप से शोषण से बचाया जाए और जिंदगी से हाथ नही धोना पड़े ।कई मेडिकल संचालक किसी और का फरामेसी का डिग्री का उपयोग कर लाइसेंस लेकर गलत तरीके से मेडिकल दुकान चला रहे है ।कहीं मेडिकल दुकान पर बच्चा मरीजों के परिजन को दवा देता है तो कई जगह महिलाएं दवा देती है लेकिन इनके पास कोई डिग्री नही है जिसके कारण आज देव में सैकड़ों जिंदगियां खतरे में है ।


देव सरकारी अस्पताल मुख्य सड़क में दर्जनों अवैध मेडिकल दुकान और क्लिक है । देव गोदाम पर , सूर्यकुण्ड तालाब के इर्द गिर्द, देव सूर्य मंदिर मुख्य सड़क,देव थाना मोड़ से देव ब्लॉक के बीच, देव चौरसिया नगर, देव बाजार ,देव मस्जिद रोड,केताकी, चट्टी बाजार, जीवा बिगहा, बालूगंज बाजार इत्यादि में दर्जनों ऐसे निजी क्लीनिक और मेडिकल दुकान है जो अवैध रूप से संचालित है जिनकी जांच कर कार्यवाइ की नितांत आवश्यकता है ।यही नहीं देव सरकारी अस्पताल की कई आशा कार्यकर्ता मरीजों को यह कहती है कि इस सरकारी अस्पताल में बेहतर जांच और इलाज की व्यवस्था नहीं है जिसके कारण मरीजों को निजी क्लिनिको में सौप देती है ।यही नहीं अस्पताल के कई ए एन एम ,और चिकित्सक खुद निजी क्लीनिक खोलकर अपनी दुकान चला रहे है और सरकार से भी पैसा ले रहे है जिसकी जांच की नितांत आवश्यकता है ।

मुखिया ने मगध एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि आज भोले भाले ग्रामीणों को ठग कर उन्हें निजी क्लीनिक में बेहतर इलाज के नाम पर लाया जाता है और इलाज के नाम पर उनका आर्थिक शोषण किया जाता है । देव स्वास्थ्य प्रबंधन मोटी रकम इन क्लीनिको ,मेडिकल दुकानों और जांच घरों से लेती है जिसके कारण इनकी मानकता की कभी जांच नही होती है ।मुखिया ने कहा कि इसे प्रस्ताव में लेकर देव,बालूगंज, केताकी,चट्टी बाजार ,देव गोदाम, चौरसिया नगर सहित अन्य जगहों पर संचालित जांच घर,मेडिकल दुकान और निजी क्लिनिको को अविलंब जांच कर बंद कराया जाय ,नही तो आने वाले समय में होली के बाद जिलाधिकारी से मिलकर यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों पर कारवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया जाएगा ।

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