बिहार :मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में किशनगंज जिले की जीविका दीदियों के साथ किया संवाद,मुख्यमंत्री ने 1533 जीविका स्वयं सहायता समूहों को 23 करोड़ 50 लाख 50 हजार रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया

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मगध एक्सप्रेस :-बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में किशनगंज जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। सम्राट अशोक भवन, किशनगंज में आयोजित संवाद कार्यक्रम में 300 जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने- अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हो रहे बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा।मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी श्रीमती नगमा खातून ने बताया कि कोरोना के दौर में मेरे घर की स्थिति खराब हो गई। मेरे शौहर की दुकान बंद हो गई। परिवार आर्थिक तंगी से जूझने लगा। मैं पढ़ी-लिखी थी लेकिन समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। वर्ष 2020 में जीविका समूह से जुड़ी समूह से 50 हजार रूपये का ऋण लिया और उसके बाद पूजा सामग्री की दुकान खोली। शौहर भी इस काम में हाथ बंटाने लगे। हमारी अच्छी आमदनी होने लगी। आज हमारे पास 5 लाख रुपये की पूंजी है क्लस्टर फैसिलेटर के पद पर कार्य कर रही हूं। उससे जो मानदेय मिलता है उसका भी मुझे फायदा हो रहा है। मैंने बी०ए० की पढ़ाई पूरी कर ली है। हमारे बच्चे अच्छे ढंग से पढ़ रहे हैं। आपकी बदौलत हमारा पूरा परिवार खुशहाल है। मुख्यमंत्री भईया, आपके चलते मेरे जैसे कई परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। हमलोगों की पहचान बढ़ी है। अंत में उन्होंने गीत के माध्यम से जीविका और मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट किया।

जीविका दीदी श्रीमती सुनीता देवी ने बताया कि मेरे पति गन्ने का जूस बेचते थे। मेरी तबीयत अचानक खराब हुई और इलाज में काफी पैसे खर्च होने से मेरी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। वर्ष 2015 में जीविका समूह से जुड़ने के बाद मैंने 15 हजार रुपये का ऋण लेकर पति के साथ मिलकर गन्ने के जूस का कारोबार फिर शुरू किया। मैं 12 वीं पास थी। मुझे खेती करने की इच्छा थी। मैंने खेती करने की ट्रेनिंग ली और श्रीविधि तरीका सीखा। बकरी पालन और कृषि कार्य से मेरी आमदनी बढ़ने लगी। बच्चों का ढंग से एडमिशन कराकर अच्छे से पढ़ाई करवा रही हूं। ग्राहक सेवा केंद्र का भी संचालन कर रही हूं। मैं किशनगंज जिले में पहली महिला कृषि उद्यमी बनी। 45 हजार रुपये समूह से कर्ज लेकर दुकान खोली। घर चलाने के साथ-साथ कृषि उद्यमी के रूप में मैं अपनी सेवा दे रही हूं। मुख्यमंत्री भईया को इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं और उनके स्वस्थ एवं दीर्घायु होने की कामना करती हूं। श्रीमती मीना मुर्मू ने बताया कि पहले मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। मैं और मेरे पति खेतों में मजदूरी कर जीवन यापन करते थे। वर्ष 2014 में जीविका से जुड़ने के बाद मैंने 10 हजार रुपये का ऋण लिया और बटाई पर खेती करने लगी। वर्ष 2017 में समूह से 20 हजार रुपये कर्ज लेकर गाय खरीदी और उसका दूध बेचने लगी। इससे जो आमदनी हुई उससे नर्सरी का काम शुरू किया। वर्ष 2020 में 12,330 पौधे, वर्ष 2021 में 15,858 पौधे और वर्ष 2022 में 20 हजार पौधे वन विभाग को दिये गये, जिससे 5 लाख 96 हजार रुपये मुझे मिले। हमने अपनी आमदनी से 3 कट्ठा जमीन भी खरीदी है। मुख्यमंत्री जी को दिल से दुआ देते हैं कि आपके चलते हमारे बच्चे ठीक से पढ़ाई कर रहे हैं और मेरा पूरा परिवार खुशहाल है।

• जीविका दीदी श्रीमती मंतसा खातून ने बताया कि हम पांच बहनें हैं गरीबी के कारण 12 वर्ष की उम्र में हमारी शादी हो गई थी। एक साल के बाद मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया और मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली। वर्ष 2015 में जीविका से जुड़ी और 10 हजार रुपये कर्ज लेकर सिलाई मशीन खरीदी और पुराने कपड़े की सिलाई का काम शुरू कर दिया। बाद में 20 हजार रुपये और कर्ज लेकर कपड़े की दुकान खोली। मेरे पिताजी ने मुझसे कहा कि समूह से कुछ कर्ज लेकर मेरे लिए एक टोटो गाड़ी खरीद दो ताकि हम भी परिवार के भरण-पोषण में अपना सहयोग दे सकें। मैंने समूह से कर्ज लेकर सेकेंड हैंड टोटो गाड़ी पिताजी को खरीदकर दी। पिताजी भी प्रतिदिन 400 से 500 रुपये की कमाई कर रहे हैं। 40 हजार रुपये पट्टे पर खेती के लिए जमीन भी लेकर खेती शुरू की। हम गांव के लोगों को समझाते हैं कि कम उम्र में अपनी बच्ची की शादी न करें। मेरे जैसा हश्र किसी दूसरे का न हो। मेरे पिताजी कहते हैं कि मंतसा हमारी बेटी नहीं बेटा है। मुख्यमंत्री भईया को मैं बहुत धन्यवाद देती हूं।जीविका दीदी श्रीमती सुमित्रा देवी ने बताया कि मेरे घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। परिवार बहुत मुश्किल से चल रहा था। मेरे पति बाहर काम करते थे। घर में अपने बच्चे के साथ अकेली रहती थी। वर्ष 2014 में जीविका से जुड़ने के बाद मैंने समूह से 10 हजार रुपये कर्ज लिया और एक सिलाई मशीन खरीदी। फिर 30 हजार रुपये कर्ज लेकर एक दुकान खोली। जब आमदनी ठीक होने लगी तब 50 हजार रुपये और कर्ज लेकर एक कॉस्मेटिक की दुकान खोली। पति को भी बाहर से अपने गांव बुला लिया। अब वे भी मेरे काम में हाथ बंटाते हैं। कोरोना के दौर में हमने 85 हजार मास्क बनाए। हमारी अच्छी बचत हुई। इससे हमने 10 कट्टा जमीन खरीद ली है। शराबबंदी कानून से हमलोग बहुत खुश हैं। बाल विवाह नहीं करने के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं। हमारे बच्चे ठीक ढंग से पढ़ाई कर रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश भईया को दिल से धन्यवाद देते हैं। आप स्वस्थ और खुशहाल रहें।

जीविका दीदी श्रीमती बबली देवी ने बताया कि वर्ष 2018 में जीविका से जुड़ने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार आया है। जीविका हमारे जीने का साधन बना है। समूह से 10 हजार रुपये ऋण लेकर मैंने एक सिलाई मशीन खरीदी। मैं पढ़ी-लिखी हूं। मुझे कंप्यूटर का भी ज्ञान है। बैंक सखी के रूप में मेरा चयन हुआ। वर्ष 2021 में 30 हजार रुपये कर्ज लेकर ग्राहक सेवा केंद्र खोली। जीविका दीदियों को पैसे के लेन-देन में काफी मदद करती हूं। आपकी बदौलत हमारा परिवार खुशहाल है। बच्चे पढ़ रहे हैं। हम आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देते हैं।

संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष समाधान यात्रा के दौरान विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जीविका दीदियों के साथ मिलने और उनकी बातें सुनने का मौका मिला है। आज यहां जीविका दीदियों ने अपने अनुभव साझा किये हैं। मुझे आपलोगों की बातें सुनकर बहुत खुशी हुई। इसके लिये मैं आप सभी को बधाई देता हूं। समाधान यात्रा के दौरान हमारा मकसद है कि विकास की जो योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं उसको देखना, साथ ही विकास के लिए और क्या कार्य किए जाने की जरूरत है उसे भी लोगों से बात कर पूरा करना।मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को जब मुझे बिहार के लोगों ने काम करने का मौका दिया तो हमने स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया। उसके पहले जब हम सांसद और केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर हमने स्वयं सहायता समूह के

कामों को देखा था। देश भर में स्वयं सहायता समूह थे। बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या काफी कम थी। हमने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नामकरण ‘जीविका’ किया तब से आप सभी जीविका दीदियां कहलाने लगीं। उस समय की केंद्र सरकार के मंत्री ने आकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था और इसकी काफी तारीफ की थी। उन्होंने पूरे देश में इसका नामकरण ‘आजीविका किया यानि बिहार की जीविका पूरे देश में आ जाए। भ्रम में रहने की जरूरत नहीं है क्योंकि यही असली जीविका है। इसके बाद ही आजीविका बना है, इसे भूलियेगा मत। आप जीविका दीदियों की संख्या बहुत बढ़ी है यह देखकर मुझे खुशी होती है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह से एक करोड़ 30 लाख से अधिक महिलायें जुड़ गई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह का गठन हुआ है। पहले महिलाएं सिर्फ घर में काम करती थीं, अब पुरुष के साथ महिलाएं भी कमा रही हैं जिससे परिवार की अच्छी आमदनी हो रही है। पुरुष और महिलाएं मिलकर काम करेंगी तो परिवार के साथ ही समाज भी आगे बढ़ेगा। हमलोगों ने गरीब परिवार को आगे बढ़ाने के लिए कई काम किए हैं। आप सभी जीविका दीदियां बेहतर काम कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि सभी जगह घूमकर देखें, जो योजनाएं चलाई जा रही हैं उसका लाभ लोगों को कितना मिल रहा है और क्या किए जाने की जरूरत है। आप से जो संवाद हो रहा है उससे अन्य कई बातों की जानकारी मुझे मिल रही है। आपलोगों ने जो कई अच्छे कार्य किए हैं उससे आपके परिवार और समाज में जो बदलाव हो रहा है उसकी भी जानकारी मिली है। पहले महिलाएं बोल नहीं पाती थीं और अब काफी अच्छे ढंग से अपनी बातें रख रही हैं, यह देखकर मुझे काफी अच्छा लगता है। आपका काम महत्वपूर्ण है। आपके काम से आपके परिवार के साथ ही समाज भी आगे बढ़ रहा है आपकी संख्या बढ़ाने और आपकी आमदनी बढ़ाने के लिए हम हमेशा काम करते रहेंगे। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिये प्रारंभ से ही काम किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान लिए काफी काम किया है। बिहार में सबसे पहले वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई। अब तक चार चुनाव संपन्न हो गये। वर्ष 1993 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा की एक संयुक्त कमिटी बनी थी, उस समय हम सांसद थे और इस कमिटी के सदस्य भी थे। केंद्र ने महिलाओं को कम से कम एक तिहाई आरक्षण देने का नियम बनाया। अब काफी संख्या में साधारण परिवारों की महिलायें चुनाव जीतकर आ रही हैं। हमलोगों ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया। अब पुलिस बल में बड़ी संख्या में महिलाओं की भर्ती हो रही है। बिहार में जितनी महिलाएं पुलिस में हैं उतनी दूसरे राज्यों में भी नहीं हैं। इसके अलावा बिहार की सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हर तरह से महिलाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है। पहले परिवार की गरीबी के कारण पोशाक के अभाव में लड़कियां पढ़ नही पाती थीं । हमलोगों ने बच्चियों को पढ़ाने एवं आगे बढ़ाने के लिए पोशाक योजना, साइकिल योजना शुरू की। उसके बाद बड़ी संख्या में लड़कियां विद्यालय जाने लगीं। पहले पटना शहर में भी लड़कियां साइकिल नहीं चलाती थीं। बिहार में लड़कियों के लिए लागू की गई साइकिल योजना को वर्ष 2009-10 में देश के बाहर से भी आकर लोगों ने देखा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2015 के जुलाई महीने में जीविका समूह की एक बैठक में महिलाओं की मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। आप सभी गड़बड़ करने वाले लोगों को समझायें। शराब बुरी चीज है इसका सेवन न करें। समाज में लड़कियों और महिलाओं का काफी महत्व है। आप सभी दहेज प्रथा के खिलाफ निरंतरअभियान चलाते रहिये। दहेज का लेन-देन करने वालों की शादी में शामिल न हों। दहेज प्रथा खत्म होनी चाहिये। लड़के वाले को दहेज लेने का कोई औचित्य नहीं है, इसके लिये कानून बना हुआ है। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की उम्र में लड़की की जबकि 21 वर्ष की उम्र में लड़के की शादी होनी चाहिये। इसके लिये कानून भी बना हुआ है। आप सभी अपने काम के साथ-साथ बाल विवाह के विरुद्ध अभियान भी चलाते रहिये ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के सेवन से होने वाले नुकसान के संबंध में हमने बुकलेट भी छपवाई है और इसे घर-घर पहुंचाया गया है। आप सभी खुद भी पढ़ें और दूसरे लोगों को भी पढ़ायें। शराबबंदी लागू होने के बाद एक महिला ने बताया था कि मेरे पति पहले शराब पीते थे, झगड़ा करते थे और बच्चे ठीक से पढ़ नहीं पाते थे, वहीं शराबबंदी लागू होने के बाद अब घर का माहौल ठीक हो गया है, बच्चे ठीक से पढ़ते हैं और मेरे पति अब सब्जी लेकर घर आते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में एक सर्वे कराया तो पता चला कि एक करोड़ 64 लाख लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। हम आगे भी सर्वे करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलाई। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बापू लोगों को समझाया करते थे कि शराब बुरी चीज है, इसका सेवन न करें। बापू ने कहा था कि शराब न सिर्फ आदमियों का पैसा छीन लेती है बल्कि बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला व्यक्ति हैवान हो जाता है। आज कल लोग पुरानी बातों को खत्म करने के चक्कर में लगे रहते हैं। सभी जीविका दीदियां लोगों को समझाएं और जहां भी जाएं सभी लोगों को बुकलेट दें। बुकलेट में छपी बातों को नयी पीढ़ी के अधिक से अधिक लोगों को बताएं। गड़बड़ करने वाले लोगों को समझाएं आपलोग अच्छे ढंग से काम कीजिए। आपलोगों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। जीविका समूह में सभी जाति, सभी धर्म के लोग मिलकर काम कर रहे हैं और सभी आगे बढ़ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शराब पीने से होने वाले नुकसान के संबंध में अध्ययन कराकर वर्ष 2018 में सर्वे की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें बताया गया कि पूरे एक वर्ष में 30 लाख लोगों की मृत्यु हुई जिसमें 5.3 प्रतिशत मौत शराब पीने से हुई। 20 से 39 आयु वर्ग के लोगों में 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु शराब पीने के कारण होती है। जितने आत्महत्या के मामले आते हैं उसमें 18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण होती है। शराब पीकर गाड़ी चलाने से 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। शराब पीने से 200 प्रकार की गंभीर बीमारियां भी होती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कोई किसी जाति, किसी धर्म के हों सभी आपस में मिल-जुलकर रहें। कुछ लोग झगड़ा लागने का काम करते हैं। एक-दूसरे के प्रति अच्छी भावना रखें। इससे समाज परिवार और देश आगे बढ़ेगा। गड़बड़ करने वालों के प्रति सचेत रहें। शराबबंदी के प्रति लोगों को निरंतर प्रेरित करें। अपने कामों के साथ बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध अभियान चलाते रहें।मुख्यमंत्री ने 1533 जीविका स्वयं सहायता समूहों को 23 करोड़ 50 लाख 50 हजार रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया।इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने सम्राट अशोक भवन परिसर में जीविका दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। सतत् जीविकोपार्जन योजना के माध्यम से जीविका दीदियों द्वारा तैयार किए गए अचार, सत्तू, बांस के उत्पाद, मशरूम, दूध से बने उत्पाद, दीदी की नर्सरी आदि का मुख्यमंत्री ने जायजा लिया और जीविका दीदियों से इसके संबंध में विस्तृत जानकारी ली।संवाद कार्यक्रम में जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिह्न और पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया।

संवाद कार्यक्रम में इस दौरान वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, जल संसाधन सह सूचना एवं जन संपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन मंत्री श्री शाहनवाज, विधायक श्री इजहारूल हुसैन, विधायक मो० अंजार नईमी, मुख्य सचिव श्री आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक श्री आर०एस० मट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री बालामुरुगन डी०, आयुक्त पूर्णिया प्रमंडल श्री मनोज कुमार, पुलिस महानिरीक्षक पूर्णिया प्रक्षेत्र श्री सुरेश प्रसाद चौधरी, जिलाधिकारी किशनगंज श्री श्रीकांत शास्त्री, पुलिस अधीक्षक डॉo इनामुल हक मेंगनू सहित अन्य जीविका दीदियां मौजूद थीं।

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