बिहार के नए कानून मंत्री को लेकर बिहार की सियासत में भूचाल , नीतीश कुमार ने कहा मुझे नही थी जानकारी

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बिहार में नए मंत्रिमंडल के गठन के साथ ही भारी बवाल मच गया है । वर्तमान हालात को देखकर यह कहा जा सकता है कि नीतीश सरकार के लिए अभी मुश्किलें आसान नहीं हुई है । बताते चलें कि नीतीश मंत्रीमंडल में शामिल आरजेडी से कानून मंत्री कार्तिक पर अपहरण के मामले में कोर्ट द्वारा अरेस्ट वारंट निकाला गया है और बिजेपी ने ये आरोप लगाया कि इस मामले में जिस दिन कार्तिक को कोर्ट में सरेंडर करना था उस दिन नीतीश कैबिनेट में उन्हें कानून मंत्री बना दिया गया ।

बिहार के नए कानून मंत्री पर कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने साफ़ तौर पर ये बात कही है कि मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। वहीं, कार्तिकेय सिंह ने भी अपनी सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि हलफनामा में सभी मंत्री, विधायक अपना डिटेल देते हैं। इसमें इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है। बाकी जो लोग बोलते हैं, उन्हें बोलने दीजिये। 

आपको बता दें, कैबिनेट में जिसे कानून मंत्री बनाया गया, उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है। इससे भी ज्यादा हैरानी आपको ये जानकर होगी कि जिस दिन कार्तिकेय सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली उसी दिन उन्हें कोर्ट में सर्रेंडर करना था। हैरानी की बात है कि इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं थी, इसके बावजूद उन्हें कानून मंत्री बना दिया गया।

अपहरण के मामले में कानून मंत्री के खिलाफ कोर्ट द्वारा जारी किया गया है आरेस्ट वारंट

आरजेडी विधायक और नए कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था। लेकिन, कोर्ट में सर्रेंडर करने की जगह उन्होंने कानून मंत्री के लिए शपथ ले ली। मामले से जुड़ी जानकारी के अनुसार 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था। इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है। इधर कार्तिक सिंह को लेकर बिहार की राजनीति में भारी बवाल देखने को मिल रहा है ।

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