गया :पितृपक्ष मेला में देश विदेश से 12 लाख श्रद्धालुओं का हुआ आगमन ,जिलाधिकारी ने व्यवस्थाओ पर डाला प्रकाश
धीरज गुप्ता
मगध एक्सप्रेस :-गया जिले मे इस वर्ष पितृपक्ष विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 2022 का आयोजन दिनांक 9 सितंबर से 25 सितंबर तक किया गया। वर्ष 2020,2021 में करोना महामारी के कारण पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं किया गया था। जिसके कारण इस वर्ष 2022 में पितृपक्ष मेला में देश-विदेश 12 लाख श्रद्धालुओं का आगमन हुआ। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पितृपक्ष मेला कि महता देखते हुए राज्य सरकार द्वारा व्यापक तैयारी की गई है।समय समय पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं बिहार सरकार के मंत्री गण द्वारा मेला में श्रद्धालुओं के लिए उत्तम सुविधा के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया गया। जिसके कारण पितृपक्ष मेला सफलतापूर्वक संपन्न हुआ है एवं इस मेले में आए लाखों श्रद्धालुओं द्वारा राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन मेले में सहयोग हेतु विभिन्न संगठनों संस्थाओं को धन्यवाद दिया हैं।
इस बार पितृपक्ष मेला महासंगम में 2022 में पहली बार गया जी डैमप बन जाने के कारण श्रद्धालुओं को पिण्डदान करने में फल्गु नदी का पानी उपलब्ध कराया गया है। श्रद्धालुओं को निशुल्क ठहरने के लिए इस बार गांधी मैदान में टेंट सिटी का निर्माण कर सुविधा दिया गया जहां लगभग 25 हजार तिर्थयात्री ने लाभ उठाया,इस बार मेला क्षेत्र को नो बाई साइकिल जोन, नो हॉर्न जोन, नो पॉल्यूशन जोन घोषित किया गया है ।जिसके लिए इस बार किसी भी वाहन पास निर्गत नहीं किया गया। मेला क्षेत्र में आने जाने के लिए प्राप्त संख्या में ई-रिक्शा का परिचालन किया गया। इसके माध्यम से राज्य मंत्रियों, जिला प्रशासन के पदाधिकारी गण एवं गणमान्य व्यक्तियों द्वारा मेला क्षेत्र में ई-रिक्शा का प्रयोग कर भ्रमण किया गया है।
इस वर्ष विष्णुपद मंदिर दर्शन हेतु कतार प्रबंधन प्रणाली का शुरुआत की गई जिसके माध्यम से भीड़ को नियंत्रित किया गया है। सभी घाटों पर आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा समुचित व्यवस्था की गई। सभी प्रमुख वेदियो पर सिग्नल एवं इंफॉर्मेशन बोर्ड का निर्माण किया गया। मोबाइल एप वेबसाइट एवं फेसबुक पेज के माध्यम से प्रत्यक्ष मिलाकर व्यापक प्रचार प्रसार किया गया,* गया नगर निगम द्वारा सभी घाटों की लगातार साफ सफाई कराए गए जिसके लिए पाली पाली बार सफाई कर्मियों को घाटों पर लगाया गया, फल्गु नदी के तरफ साफ सफाई के लिए जाली के माध्यम से साफ किया गया है। तिर्थयात्री के काफी संख्या होने के बावजूद भी फल्गु नदी साफ एवं स्वच्छ है सभी मंदिरों घाटों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई, सभी घाटों पर प्राप्त संख्या में शौचालय शुद्ध पेयजल स्वास्थ्य शिविर पुलिस शिविर की व्यवस्था की गई, इस पितृपक्ष मेला का सफल आयोजन हेतु 19 प्रशासनिक दृष्टिकोण से समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक समिति में पदाधिकारी जिम्मेदारी दी गई थी। पूर्ण मेला क्षेत्र में 43 जोन में बांटकर 209 सेक्टर आधारित पर्यवेक्षण की व्यवस्था की गई है ।जिसमें वरीय पदाधिकारी के साथ-साथ नगर निगम ,लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ,विद्युत, विभाग के 500 से अधिक पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है।
श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु तीन कंट्रोल रूम एक कॉलसेंटर दो सूचना केंद्रों की स्थापना किया गया था। जिसके माध्यम से श्रद्धालुओं को मेला संबंधी जानकारी एवं समस्याओं का निष्पादन तुरंत किया गया है। मुख्यमंत्री बिहार के पहल से पिण्डदानीयो को तर्पण हेतु सालों भर फल्गु नदी का पानी हो इसके लिए 312 करोड की लागत से देश का सबसे लंबा डैम का निर्माण किया गया। जिसे इस बार श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत हुआ और सभी श्रद्धालु में बिहार सरकार को धन्यवाद दीया और इस व्यवस्था की तारीफ भी की। इस पितृपक्ष मेला में आवस व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन द्वारा 28 स्कूल 9 कॉलेज एक परीक्षा भवन 1 मोनेस्ट्री,85 होटल रेस्ट हाउस, 73 निजी भवन बनाया गया।कुल 616 रहने वाले जगह पर 75 हजार रहने की व्यवस्था की गई थी ।सभी सरकारी स्कूलों पर शौचालय घर, पेयजल आपूर्ति, साफ-सफाई, प्रकाश, सुरक्षा, खाद्य सामग्री की उपलब्धता,दण्डाधीकारी अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। श्रद्धालुओं को सुविधा के लिए रहने के स्थल पर, पुलिस रहने के अस्थल पर, घाटों पर, वाहन पार्किंग स्थल पर पेयजल हेतु 84 स्थलो में 290 चापाकल की मरमती,30 पानी पिने वाले पआउ की मरम्मत कराई गई है नौ नये बोरीग,बिस नये चापकाल,एक नया पआउ का निर्माण कराया गया। चालीस वाटर टैक ,चार वाटर एटीएम के माध्यम से भी जलापूर्ति कराई गई है।
इस पितृपक्ष मेला में स्वास्थ्य शिवर का भी आयोजन किया गया जिसमें 65 स्वास्थ्य शिवर लगाई गई। इस मेला अवधि में फुड इंस्पेक्टर की भी नियुक्ति की गई है और विष्णु पद इलाके में जाच भी किया गया है 320 सेम्पल लिया गया,जाच की गई है। 20 किलो खराब खोवा,पेडा नष्ट किया गया है ,60 किलो खराब पनिर भी नष्ट किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से तिन हजार पुलिस बल,पाच बम निरोधी दस्ता,चार कम्पनी दंगारोधी दस्ता,227 होमगार्ड जवान,गया रेलवे स्टेशन पर अतिरिक्त पुलिस बल,73 पुलिस शिविर,125पुलिब पोस्ट की व्यवस्था कि गयी है साथ मेला क्षेत्र में 160 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए,इस अवसर पर आपदा प्रबंधन की व्यवस्था कि गयी सभी तालाबों, घाटों,पर प्राप्त संख्या में एनडीआरफ, एसडीआरएफ, और गोताखोरों की व्यवस्था कि गयी थी। जिसके सहयोग से पानी के डुबने की रोकथाम की गई।काल सेंटर के माध्यम से तिर्थयात्री को साहयता किया गया है। इसे अतिरिक्त मेला क्षेत्र चोबीस घंटे कार्यरत नियंत्रण कक्ष का स्थापना किया गया,पाच हेटिग लाइन की स्थापना की गई है। नेहरू युवा केन्द्र के लोग ने भी इसमें सहाभीगता दिया गया।