औरंगाबाद:देव में किसान नेता राकेश टिकैत ने आमसभा को किया संबोधित, कहा -जिसदीन किसान अपने फसल को डीएम के ऑफिस पर ले जाना सिख जाएगा उसदीन वो आंदोलन करना सीख जाएगा

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औरंगाबाद जिले के देव स्थित रानी तालाब के खेल मैदान में आज राष्ट्रीय किसान मजदूर विकास मंच के नेतृत्व में विशाल आम सभा का आयोजन किया गया । इस आमसभा की अध्यक्षता बेढनी पंचायत के मुखिया मनोज सिंह ने की जबकि संचालन राजेंद्र गुप्ता ने किया ।इस दौरान सैकड़ों की संख्या में स्थानीय किसानों ने भाग लिया ।इस आमसभा में किसान नेता बिहार प्रभारी दिनेश प्रसाद सिंह,पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह ,किसान संरक्षक रामकेवल सिंह,राजद नेता सुबोध सिंह,मुखिया विनोद सिंह, संरक्षक कौशल सिंह,भूपेश यादव,राजदेव पाल, योगेंद्र सिंह, सुनील सिंह ,अशोक यादव ने सभा को संबोधित किया ।

सभा को संबोधित करते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यहां के किसानों के बीच पानी की समस्या है जो बड़ी गहन समस्या है।डैम बना हुआ है थोड़ा सा काम बाकी है ,क्या राजनीतिक लोग इतने सक्षम नहीं की किसानों से बात करें ।क्या भारत सरकार की बड़ी पॉलिसी है कि ये किसान यहां से हटे ,झारखंड से ,बिहार से ,क्या यहां के जो किसान है उनको इतना कमजोर कर दो की।खेत को छोड़ दें, यह बड़ी साजिश चल रही है ।हम पूरे देश में जाते है तो हर जगह यही जाना जाता है कि बिहार के लोग केवल मजदूरी करना जानते है और अलग अलग राज्यों में मजदूरी करते दिखाई देते है ।श्री नगर के सेव की मंडी में जाओ या हरियाणा की मंडी में जाओ सब जगह बिहार के लोग मजदूरी करते नजर आते है ।हमने मंडी में किसानों और दुकानदारों से कहा कि ये बिहार के किसान है और आपसे ज्यादा जमीन इनके पास है ये सभी जमींदार है जो बिहार छोड़कर अपनी रोजी रोटी की तलाश में बाहर आए हुए है ।यहां के जमीन उपजाऊ जमीन है ,बहुत ही सुंदर मिट्टी है जहां सभी तरह की सब्जियां, सूरजमुखी,मक्का इत्यादि पैदा किए जाते है ।धान सबसे अच्छा पैदा होता है उसके बाद भी बिहार गरीब है ।

तीन काले कानून जो दिल्ली में बनाए है वो 15 ,16 साल पहले बिहार में लागू हो गए है ।यहां की मंडियां बंद हो गई सबसे पहले ।पॉलिसी जो ड्राफ्टिंग बनाके दिया वो यहां के मुख्यमंत्री ने दिया कि मैंने बिहार के लोगो को भगा दिया और लूट लिया , आप भी यही पॉलिसी पर काम करो , ये सिर्फ देखने में शरीफ लगते है ।यहां के मुख्यमंत्री शरीफ नही है ।सबसे पहले तो जमीन को लूटने का काम बड़ी इंडस्ट्रीज को जमीन देने का काम तो इन्होंने ही किया ।

यहां पर एक आंदोलन इसके साथ साथ एक और चले कि जो बाजार समिति है ,मंडियां है वो बहाल हो ।किसान का प्लेटफार्म तोड़ने का हक किसी को नही है ।मंडियां जो बाजार समितियां है वो किसान का प्लेटफार्म है ।क्या ट्रेन बगैर प्लेटफार्म के रुक सकती है ।प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान अपनी फसल कहीं पर भी बेच सकता है तो हमने कहा कि क्या बिना प्लेटफार्म के ट्रेन कहीं भी रुक सकती है ।हमने कहा कि थाना , वीसी का ऑफिस , डीएम का ऑफिस यहां बिक सकती है ।यदि आपको भी अपना फसल बेचना हो और बिक नही रही तो सरकारी।पदाधिकारियों की ऑफिस तक ले जाना सीख लीजिए ,आपकी फसल बिकनी शुरू हो जायेगी।

राकेश टिकैत ने आगे कहा कि इन योजनाओं को लेकर आंदोलन को लंबा चलाना होगा ,जिसदीन किसान अपने फसल को डीएम के ऑफिस पर अपनी फसल को ले जाना सिख जाएगा उसदीन वो आंदोलन करना सीख जाएगा ।आंदोलन में कष्ट होगा इसलिए सब लोग जान जाए की इस कष्ट को झेलना पड़ेगा ।आंदोलन में असमाजिक तत्वों और शरारती तत्वों को दूर रखना चाहिए तभी आंदोलन सफल होगा ।टिकैत ने आम सभा में लोगो को आंसू गैस के गोले से बचने के उपाय तथा आंदोलन कैसे करें इसकी रूपरेखा पर चर्चा किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में किसान नेता एवं किसान मौजूद रहे।

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