औरंगाबाद:(कार्तिक छठ मेला २३) खरना के साथ व्रतियों का उपवास शुरू, आज व्रती देंगे अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

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Magadh Express:-लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सुर्य नगरी देव में छठव्रतियों तथा श्रद्वालुओं का मानो सैलाब सा उमड़ पड़ा है । एक अनुमान के मुताबिक लगभग एक लाख श्रद्वालु यहां पहुंच चुके हैं और यहां स्थित त्रेतायुगीन सुर्यमंदिर में पुजा अर्चना करने के बाद पवित्र सुर्यकुण्ड में अपना अध्र्य अर्पित कर रहे हैं । हलाकि अभी भी यहां आकर छठ का अनुष्ठान करनेवाले व्रतियो का तांता लगा हुआ है । लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां आकर छठ का अनुष्ठान करने मात्र से भगवान भाष्कर उनकी मुराद जरूर पुरी करते हैं । यही वजह है कि साल में दो बार छठ पर्व के अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्वालुओं का जमावड़ा लगता है  ।




लोक आस्था के महापर्व छठ का दुसरा दिन व्रतियों द्वारा सुर्यनगरी देव में भी छठव्रतियों द्वारा खरना किया गया । जगह जगह पर मिट्टी के चुल्हे पर आम की लकड़ी की आग से पीतल के पात्र में गुड़ और दुध से मिश्रित खीर बनते दिखाई पड़ रहे हैं । इसी प्रसाद को ग्रहण कर व्रती तीन दिनो का निर्जला उपवास रखेगी । गौरतलब है कि औरंगाबाद के सुर्यनगरी देव में खरना का अलग महत्व है तभी 10 लाख से भी ज्यादा श्रद्वालु यहां पहुंचते हैं और भगवान सुर्य की उपासना करते हैं । 



 लोक आस्था के महापर्व छठ के अवसर पर सुर्यनगरी देव में गंगायमुनी तहजीब के नजारे एवं कौमी एकता की मिशाल देखने को मिल रही है । छठ के पावन अवसर पर भगवान भाष्कर को अद्व्र्य अर्पित करने वाले सुप एवं दौरे की बिक्री बढ़ी हुई है लेकिन इस बिक्री ने एक मिशाल स्थापित की है । यहां सुप दउरे की बिक्री हिन्दु नहीं बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग करते हैं । देव सुर्यकुंड के पवित्र घाट के किनारे सुप एवं दउरे के जितने भी दुकान सजे हुये हैं वे सारे के सारे मुसलमान भाइयों के हैं एवं श्रद्वालुओं द्वारा धड़ल्ले से बिना किसी भेदभाव के इन दुकानों से सुप एवं दउरे की खरीदी की जा रही है । गौरतलब है कि 20 वर्षों से अधिक से छठ घाटों पर दर्जनों मुसलमान भाइयों द्वारा त्योहारो के मौके पर सुप एवं दउरों की बिक्री की जाती है और इसी को बेच इन सारे दुकानदारों के परिवारों को दो जुन की रोटी मिल पाती है । 

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