औरंगाबाद :छठ पूजा को लेकर समिति का गठन,भव्य तरीके से आयोजन करने को लेकर लिया गया निर्णय

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के ग्राम पंचायत टंडवा स्थित सूर्य मंदिर परिसर मे छठ पूजा की तैयारी को लेकर ग्रामीणों की बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता शिक्षक अशोक कुमार मेहता ने किया। बैठक में उपस्थित ग्रामीणों ने आस्था का छठ पर्व धूम धाम से मनाने का निर्णय लेते हुए सर्वसम्मति से पुरानी कमिटी को भंग कर नई संचालन समिति का गठन किया।जिसमे शिक्षक आशोक कुमार मेहता अध्यक्ष का मनोनयन किया गया। उपाध्यक्ष विवेक कुमार राज,सचिव जितेन्द्र मेहता,उप सचिव राहुल गोस्वामी,कोषाध्यक्ष रामानुज कुमार,उप कोषाध्यक्ष शम्भु रंजन,संयोजक बिनोद कुमार,उप संयोजक अक्षय तिवारी,मंत्री हेमंत कुमार,महामंत्री रामाशंकर तिवारी,व्यवस्थापक शशि मेहता,आकाश कुमार,गड्डु तिवारी,उप व्यवस्थापक उदित राज,बिपिन तिवारी को मंत्री हेमंत कुमार और महामंत्री रमाशंकर तिवारी सहित अन्य सदस्यों को सर्वसम्मति से मनोनयन किया गया।

बैठक मे छठ पर्व के अवसर पर घाटों एवं अन्य जगहों पर साफ सफाई, प्रकाश की उत्तम व्यवस्था,सजावट आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा किया गया।साथ ही सूर्य मंदिर परिसर को रंगाई पुताई कराने का भी निर्णय लिया गया। इस दौरान बैठक मे अजीत मेहता,शिवम रंजन,पप्पू तिवारी, बबलू गुप्ता, रामानुज विश्वकर्मा, सोनू तिवारी, संदीप तिवारी, पिंटू गुप्ता, संदीप मेहता सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।समिति केअध्यक्ष शिक्षक अशोक कुमार मेहता ने बताया कि यह पर्व स्वच्छता एवं प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक है। इसके पहले दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रती स्वच्छता के साथ पूजा-पाठ करके चने की दाल, घी में बनी घीया की सब्जी और चावल खाते हैं।

दूसरे दिन खरना के रूप में मनाया जाता है।इस दिन व्रत उपवास के बाद संध्या को पूजनोपरांत गुड़ में बनी खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं। इसके बाद 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत होती है। तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन श्रद्धालुओं का संध्या 3 बजे से घाट पर अर्घ्य देना होता हैं। चौथे दिन सुबह 3 बजे से श्रद्धालुओं का घाट पर आने का सिलसिला शुरू हो जाता है। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ पूजा उत्सव पूरा हो जाता है। पर्व को लेकर सारी तैयारियां की जा रही है ताकि श्रद्धालुओ को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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