औरंगाबाद :[देव]स्वामी भाष्करानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय विष्णुपुर में भूमि दानदाता स्वामी भाष्करानंद की प्रतिमा का अनावरण ,सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद वक्ताओं ने कहा -शिक्षा के क्षेत्र में यह विद्यालय ने लाई है नक्सल इलाको में क्रांति
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड स्थित राजकीय कृत स्वामी भाष्करानंद उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यालय के संस्थापक भूमि दाता विष्णुपुर मठ के पूर्व मठाधीश स्वामी भाष्करानंद जी महाराज के मूर्ति का अनावरण सह शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से मनाया गया ।इस दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सदर विधायक सह विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष आनंद शंकर सिंह सहित विशिष्ट अतिथि जिला परिषद औरंगाबाद श्री मति प्रमिला देवी,अध्यक्ष शिक्षा समिति औरंगाबाद सुरेन्द्र यादव,सदस्य जिला परिषद श्री मति गायत्री देवी,मुखिया इसरौर पंचायत पंकज कुमार सिंह, मुखिया सरगांवा पंचायत प्रतिनिधि विनोद कुमार सिंह रहे ।कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार ने किया जबकि संचालन शिक्षक सुधीर सिंह ने किया । इस दौरान बड़ी संख्या में स्कूली छात्र छात्राएं सहित देव राजा जगन्नाथ उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक,शिक्षक सहित केताकी, बेढ़ना,सिमरी,सहित कई विद्यालय के शिक्षक उपस्थित रहे । सदर विधायक सहित जन प्रतिनिधियों ने स्वामी श्री भाष्करानंद जी का मूर्ति का अनावरण किया ।इस दौरान विद्यालय की छात्राओ के द्वारा स्वागत गान के बाद पारुल कुमारी,प्रिंस कुमार द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य प्रस्तुत किया गया ।जिससे उपस्थित लोगो ने सराहा ।
इस दौरान विद्यालय के पूर्व छात्र वयोवृद्ध केदार सिंह,वयोवृद्ध सूबेदार सिंह सहित कई वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया ।वक्ताओं में इसरौर मुखिया पंकज कुमार सिंह ने कहा कि यह गौरवपूर्ण क्षण हैं, जहां हमलोग एक साथ मिलकर आज यहां के भूमि दान दाता स्वामी भाष्करानंद की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम का साक्षी बन रहे है ।मुखिया ने युवाओं को संदेश दिया कि जो भी कार्य करे वो पूरे मनोयोग से करें ,शिक्षा ,स्वास्थ्य सहित अन्य विषयों में जो भी जिस क्षेत्र में जाने का मन कर रहा है उस क्षेत्र की बेहतर पढ़ाई कर अपनी मंजिल को तय करें और देश तथा समाज की सेवा करें ।वहीं स्थानीय समाजसेवी आलोक सिंह ने कहा कि प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार ने भूमिदाता स्वामी भाष्करानंद की आज जो मूर्ति विद्यालय प्रांगण में स्थापित किया है उसके लिए बधाई के पात्र है ।विद्यालय को नया स्वरूप प्रदान किया है विद्यालय में अच्छी शिक्षा ,संस्कार , परिवेश मिले यही कामना हैं,यहां के शिक्षक मनोयोग से छात्रों पर ध्यान देते है जिसके लिए एक बार पुनः सभी बधाई के पात्र है ।देव पंचायत के पूर्व मुखिया उमा देवी ने सभा को संबोधित किया और बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़कर नाम रौशन करने की बात को दोहराया हुए उन्हें नारी शक्ति से अवगत कराया ।
इस दौरान जिला परिषद सदस्य प्रमिला देवी,अध्यक्ष शिक्षा समिति सुरेंद्र यादव,सदस्य जिला परिषद गायत्री देवी सहित अन्य वक्ताओं ने विद्यालय के कार्य की प्रशंसा की और विद्यालय से जुड़ी समस्याओं के निदान पर आश्वासन दिया ।इस दौरान सदर विधायक ने भी सभा को संबोधित करते हुए स्वामी भाष्करानंद की कृति से अवगत करार कहा की स्वामी भाष्करानंद जी ने 12 एकड़ जमीन दान कर आज से 60 वर्ष पहले इस इलाके में शिक्षा की क्रांति लाई थी , गांव के लोगो को जागरूक करने के साथ आसपास के कई गांवों में आधा दर्जन से ज्यादा विद्यालयो की स्थापना की थी आज एक फकीर की सोच धरातल पर उगी है और शिक्षा के क्षेत्र में यह विद्यालय निश्चित रूप से क्रांति लाई है ।कई वक्ताओं ने कहा कि इस क्षेत्र में लड़के से ज्यादा इंटर पास लड़कियों की संख्या है जो निश्चित ही एक क्रांति है ।सदर विधायक सह विद्यालय शिक्षा प्रबंध समिति के अध्यक्ष होने के नाते मुझे यह जानकारी है कि इस विद्यालय में छात्र छात्राओं की उपस्थिति 80 प्रतिशत से ज्यादा है ।90 प्रतिशत छात्र प्रथम स्थान से उत्तीर्ण हो रहे है ।यह विद्यालय जिले के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में एक है ।मूर्ति अनावरण कर आज मुझे अपार खुशी हो रही है ।मैं यहां के छात्र छात्राओं को यही कहूंगा कि यदि यहां से पढ़कर जिस क्षेत्र में जाएं खूब नाम और धन कमाएं तथा धन कमाकर समाज के असहाय, पीड़ितों,की सेवा करें क्योंकि शिक्षा से धन कमाया जा सकता है लेकिन धन का सदुपयोग तभी संभव है जब हम समाजसेवा से जुड़कर समाजहित,जनहित में भी उस ज्ञान और धन का सदुपयोग करें ।
धन्यवाद ज्ञापन प्रभारी प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र कुमार ने किया और कहा कि जिस दिन मैने इस विद्यालय में योगदान दिया था उस दिन से यह मेरा संकल्प था कि जिसने विद्यालय के नाम से 12 एकड़ जमीन को दान दिया ,जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में इस इलाके में क्रांति लाई उनका एक तस्वीर नही होना बहुत ही दुर्भाग्य था , अथक परिश्रम के बाद स्वामी जी के एक शिष्य के पास एक तस्वीर मिली और अपने शिक्षक साथियों के सहयोग तथा शिक्षा समिति के अधिकारी और पदाधिकारियों के मार्ग दर्शन मिलने के बाद आज स्वामी जी के मूर्ति का अनावरण हुआ। मूर्ति अनावरण के साथ आज मेरा यह सपना पूर्ण हुआ।आज मुझे अपार खुशी हो रही है आप सभी इसके साक्षी बने ।