औरंगाबाद :उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना को लेकर लोकसभा में नियम 377 के तहत लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से सांसद ने केंद्र सरकार का कराया ध्यान आकृष्ट ,कहा -प्रारम्भ होने के बावजूद भी कार्य प्रगति की स्थिति संतोषजनक नहीं

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मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद सांसद सुशील कुमार सिंह लोकसभा में नियम 377 के तहत लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से भारत सरकार को ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि उत्तर कोयल सिंचाई परियोजना के पूर्ण होने से बिहार और झारखंड दोनों राज्यों में लगभग सवा लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव होगी। वर्ष 1975 से ही कार्यारंभ होकर अभी तक अधूरे पड़े इसके शेष कार्य (मण्डल डैम में लोहे का फाटक, मोहम्मदगंज बराज एवं मुख्य तथा शाखा नहरों के जीर्णोद्धार) की स्वीकृति केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने के पश्चात दिनांक 05.01.2018 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा अधूरे कार्य को पूरा करने हेतु झारखंड के डाल्टेनगंज में शिलान्यास किया गया था।

कार्य को पूर्ण करने की समयावधि 30 महीने निर्धारित की गयी थी। कोविड महामारी के कारण नहरों के जीर्णोद्धार का काम कुछ महीनों प्रभावित रहा किन्तु कोविड के पश्चात कार्य प्रारम्भ होने के बावजूद भी कार्य प्रगति की स्थिति संतोषजनक नहीं है अभी तक इस डैम में न तो लोहे का फाटक लग पाया है न ही मोहम्मदगंज बराज एवं मुख्य तथा शाखा नहरों के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो पाया है वरन कार्य प्रगति की स्थिति अत्यंत ही शिथिल है। मेरी सरकार से मांग है कि इस परियोजना का काम शीघ्र पूरा किए जाने हेतु अविलंब समुचित कदम उठाए।

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