औरंगाबाद :मलमास में सत्यचंडी धाम में पूजा अर्चना अत्यंत फलदाई

0

मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के सदर प्रखंड स्थित प्रसिद्ध शक्ति स्थल शतचंडी धाम में सावन माह के पुरुषोत्तम मास में पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। भगवान शिव द्वारा सती वियोग के पश्चात जब भगवान विष्णु ने उनके अंग भंग किया था तो रक्तिम हस्त इसी पहाड़ी पर गिरने का प्रमाण मिलता है। पवित्र बटाने के पावन तट पर अवस्थित इस शक्तिपीठ का प्राचीन नाम सातखंडी के रूप में चर्चित रहा है सतखंडी का अपभ्रंश होकर सत्यचंडी का नामकरण हुआ। आज पवित्र पुरुषोत्तम मास के मौके पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी ने अवलोकन किया। सत्य चंडी धाम के पुजारी चंदन प्रकाश मिश्रा ने बताया कि यह स्थल अति प्राचीन जागृत एवं भक्तों के मनोकामना को पूर्ण करने वाली शक्तिपीठ के रूप में युगों-युगों से अपनी अलौकिक आभा से संसार को आलोकित करते आ रही हैं।

प्रतिवर्ष नवरात्रि के मौके पर चैत्र एवं अश्विन माह में यहां शतचंडी पाठ का आयोजन किया जाता है और दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है। आषाढ़ माह के आद्रा नक्षत्र में भी यहां विशाल मेला का आयोजन होता है। मेले में भारी भीड़ होती है।मौके पर उपस्थित सत्य चंडी धाम महोत्सव के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि 2022 ई से लगातार यहां महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है। अमरेश सिंह सुरेंद्र सिंह आचार्य राम प्रवेश मिश्रा देवेंद्र मिश्रा बबन सिंह सत्य चंडी धाम महोत्सव के उपाध्यक्ष अरुण सिंह ने बताया कि इस धाम का वर्णन पुराणों में भी आया है सनातन संस्कृति में शक्ति की उपासना अत्यंत प्राचीन है।स्थल देखने से ही पता चलता है कि यह कितनी प्राचीन होगी और यहां पर तंत्र साधना करने वालों का जमावड़ा लगता होगा।प्राकृतिक उपादानों से सुसज्जित इस स्थल के समुचित विकास के लिए मास्टर प्लान बनाने की आवश्यकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *