औरंगाबाद :बंगरे गाँव मे सादगी से मनाई गयी बाबा साहेब की 132वीं जयंती
संजीव कुमार –
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले में संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अम्बेडकर की 132वीं जयंती बंगरे गाँव मे माता सोमरी देवी चौक पर सादगी के साथ मनाई गयी।इस दौरान ग्रामीणों ने भारतीय संविधान के अलौकिक शिल्पकार,विश्व बंधुत्व के अमर पुजारी ‘बाबा साहेब’ डॉ.भीमराव अम्बेडकर के चित्र पर मालापर्ण व पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान ग्रामीण नागेंद्र पाठक ने कहा कि, हम बाबा साहेब के विचारों को अपनाते हुए आगे बढ़ सकते हैँ।जातिगत व्यवस्था का दंश झेल चुके बाबा साहेब अम्बेडकर ने समाज मे हर तबके को समानता दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई लड़ी।14 अप्रैल को अम्बेडकर जयंती को सामनता दिवस के रूप मे भी मनाया जाता है।अधिवक्ता चंदेश्वर पासवान ने बताया कि, 14 अप्रैल 1891 को बाबा साहेब का जन्म हुआ था।वे शुरु से ही मेघावी छात्र थे।लेकिन निचली जाति से आने की वजह से उन्होंने समाज मे भेदभाव झेला।वो संविधान के सबसे बड़े शिल्पकार थे।
उन्होंने कहा था कि, कानून और व्यवस्था राजनितिक शरीर की दवा है।जब राजनितिक शरीर बिमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।सविंधान के दायरे मे रहकर ही हम उनके आदर्शों का पालन कर सकते हैँ।शिक्षक गुप्ता पासवान ने कहा कि,बाबा साहेब गरीब,दलित,वंचितों एवं महिलाओं के लिए कड़ा संघर्ष कर उन्हे समानता का अधिकार दिलाया।वे न्यायविद, अर्थशास्त्री,राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक के रूप मे जाने जाते हैँ।
शिक्षक शत्रुधन प्रसाद ने बाबा साहेब की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, समाज से छुआछूत और भेदभाव को जड़ से उखाड़ फेंकने मे अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उन्होंने शिक्षा के प्रति विशेष रूप से ध्यान देते हुए लोगों को शिक्षित होने पर बल दिया।उन्होंने कहा था कि, मंदिर जाने वाले लोगों की लम्बी कतारें होती है।जिस दिन ये कतारें पुस्तकालय की ओर बढ़ेगी उस दिन भारत को महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है।इसलिए हमे शिक्षा के प्रति ध्यान देने की जरूरत है।
शिक्षक सिंधु कुमार पासवान ने कहा कि, बाबा साहेब एवं उनके विचार हर भारतीय के दिल मे जीवित है।उनके आदर्शों पर चलकर ही हम अपना और अपने समाज को समृद्ध कर सकते हैँ।उन्होंने कहा था कि, अगर आप मे गलत को गलत कहने की क्षमता नहीं है तो आपकी प्रतिभा व्यर्थ है।इसलिए शिक्षित बनो,संगठित रहो और संघर्ष करो।इसलिए हमे उनके विचारों का अनुसरण करते हुए एकजुटता के साथ सकारात्मक सोंच रखते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है।इस दौरान कृष्णा मेहता,सुरेंद्र पासवान,ज्ञानी पासवान,नन्देव मेहता,स्वरूप साव,अविनाश कुमार,अंकुश कुमार आदि सहित अन्य लोग उपस्थित थे।