औरंगाबाद :विष्णु धाम की महिमा अपरंपार,दर्शन की इच्छा रहती बारंबार
Magadh Express:- औरंगाबाद जिले के जम्होर थाना अवस्थित अति महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल विष्णु धाम भारतीय सनातन संस्कृति परंपरा का अमूल्य धरोहर के रूप में वर्णित है। विष्णु धाम पुनपुन सेवा समिति के संयोजक सुरेश विद्यार्थी ने विष्णु धाम महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि पुण्य सलिला मोक्षदायिनी पुनपुन बट़ाने के संगम तट पर अवस्थित इस स्थल की स्थापना परमहंस संत महान तपस्वी खाकी बाबा द्वारा किया गया था। संगम तट पर जब खाकी बाबा का अवतरण हुआ उन्हे सुक्ष्म आत्म साक्षात्कार हुआ और उन्होंने भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापना करने के लिए इस स्थान पर अपनी कुटिया बनाई।
पुराणों एवं शास्त्रों में वर्णित है कि जब दो पवित्र नदियों का संगम होता है तो उस स्थल पर अनादि ब्रह्म परम पिता परमेश्वर भगवान विष्णु का वास स्वयमेव हो जाता है। उनकी सूक्ष्म दृष्टि उस स्थल पर निरंतर विद्यमान रहती है। गंगावतरण के पूर्व आदि गंगा पुनपुन का अवतरण हुआ था पुनपुन में प्रथम संगम के रूप में बटाने नदी का मिलन हुआ तभी से यह स्थल अति पवित्र, पुण्यार्क रूप में विश्व प्रसिद्ध होने लगा। मोक्ष कामना हेतु पितृपक्ष का प्रथम पिंड गया गमन के पूर्व इसी स्थल पर देने का प्रावधान है। बटाने के मिलन के पश्चात पुनपुन का प्रवाह उत्तरवाहिनी हो जाता है।
उत्तरवाहिनी का स्थल विष्णु धाम स्थल से 1 किलोमीटर उत्तर तक प्रवाहित है जहां प्रथम बेदी के पिंड का सर्व प्रमुख स्थल के रूप में शास्त्रों में उल्लिखित है। पिंडदानियों केसुविधा हेतु सूरजमल सेठ ने इस स्थान पर धर्मशाला बनवाई थी। सनातन परंपरा का जीवंत उदाहरण विष्णु धाम स्थल के संगम तट का श्मशान घाट भी जागृत रूप में बहुचर्चित है। इस स्थल पर योगी तपस्वी तंत्र साधक अपने साधना को पूर्ण करते हैं।
मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा अद्भुत अद्वितीय मनोहारी एवं दर्शन मात्र से हृदय में भक्ति की धारा उत्पन्न करने वाला है। जब कोई श्रद्धालु दूरदराज से आता है भगवान विष्णु का दर्शन करता है तो उसके हृदय में भगवान विष्णु की अदृश्य छवि रेखांकित हो जाते है। भारत के महान संत मनीषी इस स्थल पर जब पदार्पण किए तो उन्होंने भी इस स्थल को ऊर्जावान माना। कहा कि यहां का साधना विशेष फलदाई है भगवान विष्णु का यहां जागृत स्वरूप है हर मानव के लिए उनका दर्शन ही कल्याणकारी है त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ब्रह्मदंडी स्वामी जी महाराज हिंदू सम्मेलन में पधारे शंकराचार्य करपात्री जी महाराज बसडीहा के बनमाली बाबा जंगलिया बाबा नागा बाबा भारतेंदु हरिश्चंद्र सहित देश-विदेश चर्चित अन्य संतों ने भी इस स्थल को भव्य एवं दिव्य बताया इसकी महिमा को संप्रेषित किया।