गया :एस०सी०/एस०टी० अत्याचार निवारण अधिनियम को लेकर हुई बैठक,अत्याचार राहत अनुदान के 175 मामले एवं पेंशन के 53 मामलें में स्वीकृति प्राप्त करने को लेकर बैठक

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 धीरज गुप्ता 
 मगध एक्सप्रेस :- गया जिला के समहाराणालय सभाकक्ष में ज़िला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1989 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की इस साल की अंतिम यथा चौथी बैठक जिला पदाधिकारी के अध्यक्षता आयोजित की गई है।  इस  बैठक में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत पीड़ितों को अत्याचार राहत अनुदान के 175 मामले एवं पेंशन के 53 मामलें में स्वीकृति प्राप्त करने को लेकर बैठक की गई है। इस बैठक में सभी मामलों में स्वीकृति प्रदान की गई है। जिनमें  प्रथम एवं द्वितीय किस्त की राशि स्वीकृति भी की गई है। उल्लेखनीय है कि इस अधिनियम के अंतर्गत हत्या के मामले में आश्रित परिवार को अलग अलग कुल 2 मामले में 412500 रुपये प्रति मामले में मुआवजा दिया गया और शेष राशि मारपीट एवं गाली-गलौज के मामले में प्रदान करने की स्वीकृति दी गयी है।  

 मार्च 2022 से जुलाई 2022 तक कुय 53 मामलें पेंशन से संबंधित थे, जिसमे 9 लाख 17 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है सोमवार के समीक्षा बैठक में समिति के सदस्यों ने जिला पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी से अनुरोध किया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मामले में दर्ज कांडों के एवज में गिरफ्तारी तेजी से करवाया जाए। इसके साथ ही सभी सदस्यों ने पुलिस पदाधिकारी से अनुरोध किया कि थानावार कितने अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति का प्राथमिकी दर्ज हुआ है उसकी सूची सभी सदस्यों को उपलब्ध करवाया जाए। उन्होंने अनुरोध किया है कि पुलिस पदाधिकारी की ओर से एक नोडल पदाधिकारी नामित रहते हैं।जिन्हें बैठक में बुलाया जाए, ताकि कल्याण पदाधिकारी तथा पुलिस की ओर से नामित नोडल पदाधिकारी आपस में समन्वय करते हुए पीड़ित परिवारों के आश्रित को तुरंत मदद पहुंचाया जा सके।जिला पदाधिकारी ने इस पर गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की अगली बैठक से हर हाल में पुलिस की ओर से एक नोडल पदाधिकारी जो नामित है उन्हें बैठक में उपस्थित रखेंगे।

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का मुआवजा प्रस्ताव समय पर उपलब्ध नहीं हो रहा है।जिसे लेकर उन्होंने सभी थाना प्रभारी को निर्देश दिया कि अपने अपने थानों में मुआवजा प्रस्ताव संबंधित प्रतिवेदन ससमय कल्याण कार्यालय को उपलब्ध करावे।जिला पदाधिकारी ने गया के पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत जो भी मामले यथा हत्या, बलात्कार इत्यादि में तुरंत जिला कल्याण पदाधिकारी को सूचित करें, जिससे संबंधित पीड़िता, पीड़ित व्यक्ति को तुरंत ही सहायता, अनुदान एवं मुआवजा दिया जा सके।


इस बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक, सिविल सर्जन, जिला कल्याण पदाधिकारी, विशेष लोक अभियोजक अनुo जाति एवं अनुo जनजाति, एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण समिति के जितेन्द्र कुमार एवं सभी सदस्य उपस्थित थे।
सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के प्रतिनिधि वीरेंद्र कुमार दांगी सदस्य उदय प्रसाद सदस्य निरंजन पासवान शामिल थे।सदस्य जितेंद्र कुमार ने कहा कि पुलिस अधिकारी द्वारा अत्याचार के मामले में गंभीर होकर करवाई करें

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