औरंगाबाद :नवीनगर में रामेश्वरम धाम मंदिर पर आधारित हो रहा दुर्गा पूजा का भव्य पंडाल निर्माण
संदीप कुमार
मगध एक्सप्रेस :औरंगाबाद जिले के नवीनगर नगर पंचायत क्षेत्र के अनुग्रह नारायण स्टेडियम में इस बार दुर्गापूजा को लेकर दक्षिण भारत के तमिलनाडु में अवस्थित रामेश्वरम मंदिर के तर्ज पर 105 फुट ऊंचा मां भगवती का भव्य पंडाल बनाया जा रहा है। यहां इस बार करीब 7 लाख की लागत से पंडाल का निर्माण किया जा रहा है, जिसको लेकर कारीगरों द्वारा दिन रात तैयारी का कार्य किया जा रहा है। कड़ी मेहनत के बाद सप्तमी तक इसे अंतिम रूप दे दिया जाायेगा। जय जवान संघ श्री दुर्गा पूजा समिति द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी कराया जा रहा है। पंडाल की कारीगरी देखते ही बन रही है। बंगाल से पहुंचे कारीगर पिछले 20 दिनों से इसकी तैयारी में जुटे हुए हैं, जो षष्ठमी की रात तक पूरी कर ली जायेगी। सप्तमी के दिन श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मां भगवती के पट खोल दिया जायेगा और मां भगवती के दर्शन कर श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे।
मालूम हो कि शक्ति स्वरूपा मां के दर्शन करने के लिए यहां पूरे प्रखंड क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस पंडाल को तैयार करने में लगभग 7 लाख की लागत बतायी जा रही है। दर्शन के लिए यहां आने वाले महिला-पुरुष श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए दो द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। महिला और पुरुष के प्रवेश के लिए अलग-अलग बैरिकेडिंग भी की जा रही है। इतना ही नहीं यहां आने वाले दर्शनार्थियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजामात किये गये हैं। महिला व पुरुष पुलिस बल के साथ 100 वॉलंटियर भी लगाये जायेंगे।
इसकी जानकारी देते हुए जय जवान संघ श्रीदुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सप्तमी के दिन मां का पट खोल दिया जायेंगा, अभी पंडाल की सभी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही हैं।यहां दुर्गापूजा सन 1979 में ही दुर्गापूजा की नींव पहली बार रखी गयी थी, जहां लगातार दुर्गा पूजा होता चला आ रहा है।जैसे-जैसे समय बीतता गया इस पूजा समिति में और लोग भी जुड़ते गये। आज युवा सदस्य भी मौजूद हैं। साथ ही इससे जुड़े सभी सदस्यों का अपना अलग अलग कार्यक्षेत्र निर्धारित किया गया है, जो अपनी जिम्मेदारियों के अनुसार अपने कार्यों का निर्वाहन करते हैं।
यहां बहुत ही भव्य तरीके से पंडाल का निर्माण कराया जाता है। इस पंडाल के निर्माण के लिए डेढ़ माह पहले से ही कारीगर अपनी टीम के साथ यहां पहुंच जाते हैं और दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद षष्टमी की रात तक पंडाल को अंतिम रूप दे देते हैं और अगले दिन यानी सप्तमी को दर्शन के लिए पट खोल दिया जाता हैं। वही समिति से जुड़े लोगो ने बताया कि इस बार पूजा पंडाल में रामेश्वरम के मंदिर की झलक दिखेगी। हर बार की तरह इस बार भी यहां भव्य पंडाल, बेहतरीन प्रतिमा व साज-सज्जा आकर्षण के केंद्र होंगे। बेहतरीन साज-सज्जा व कृत्रिम प्रकाश के साथ भव्य पंडाल में स्थापित मां दुर्गा समेत अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा आस्था व आकर्षण का केंद्र रहेगी।