AURANGABAD – प्रखंड स्तर पर युवा उत्सव जैसे कार्यक्रम से युवाओं में सकारात्मक सोंच और ऊर्जा का होगा सृजन – बबलू सिंह

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प्रखंड स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम से न सिर्फ युवाओं के अंदर छिपी प्रतिभा उजागर होता है बल्कि,उनके अंदर सकारात्मकता भी आती है और एक नई ऊर्जा का सृजन होता है।

संजीव कुमार

Aurangabad – प्रखंड स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम से न सिर्फ युवाओं के अंदर छिपी प्रतिभा उजागर होता है बल्कि,उनके अंदर सकारात्मकता भी आती है और एक नई ऊर्जा का सृजन होता है।उक्त बातें चेंई नवादा पंचायत के मुखिया विकास कुमार उर्फ़ बबलू सिंह ने प्रखंड मुख्यालय के बहुद्देशीय भवन सभागार मे गुरुवार को आयोजित प्रखंड स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम के विषय मे कही।

उन्होंने कहा कि, इस तरह के कार्यक्रम युवाओं के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म होता है ताकि, उन्हे अपना हुनर दिखाने का मौका मिल सके।आज आधुनिक समय मे लोग पढ़ाई को अपने बच्चों पर थोपने का काम करते हैँ।जो उनके भविष्य के लिए अच्छा नही है।बच्चे जहाँ एक तरफ किताबी कीड़ा होते जा रहे है वहीं दूसरी तरफ वे मानसिक पीड़ा का भी शिकार हो रहे है।आज ग्रामीण परिवेश मे युवाओं के अंदर प्रतिभा की कोई कमी नही है।लेकिन,सुविधा के आभाव मे उनकी प्रतिभा अंदर ही दम तोड़ देती है।युवा उत्सव के माध्यम ग्रामीण क्षेत्र बच्चे एवं बच्चियां प्रखर होती हैँ।सिर्फ किताबी ज्ञान से हम किसी को काबिल नही बना सकते।शिक्षा का उद्देश्य मात्र डिग्रियां प्राप्त करना ही नहीं है बल्कि युवाओं को संस्कारवान विचारवान एवं बहुमुखी प्रतिभा का धनी बनाना भी है ।उच्च शिक्षा का एक मंतव्य यह भी है कि देश के युवाओं के व्यक्तित्व के बहिर्मुखी विकास के लिए अनुकूल अवसर विद्यार्थियों को उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने कला संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन को इसके लिए धन्यवाद दिया और कहा कि,विद्यार्थियों में युवा उत्सवों के माध्यम से महाविद्यालय ,जिला, विश्वविद्यालय एवं राज्य स्तर पर कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देना एवं प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्य है। विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता ,सांप्रदायिक सौहार्द एवं भाईचारे की भावना का विकास करना,युवाओं में अपने क्षेत्र राज्य एवं देश की सांस्कृतिक विरासत को पहचानना में एवं उसे संवर्धित करने के अवसर प्रदान करना,विद्यार्थियों को एक ऐसा सामूहिक अवसर एवं मंच प्रदान करना जहां वे अपनी संगीत, कलात्मक, रूपांकन, रंग मंचीय एवं साहित्यिक क्षमता व प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर सके।


विद्यार्थियों के सृजनात्मकता और ऊर्जा का सामाजिक एवं राष्ट्रीय उद्देश्य हेतु रचनात्मक प्रयोग बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि, वो वैसे युवाओं के उत्थान के लिए दृढ संकल्पित हैँ।

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