औरंगाबाद :भागवत कथा मे धूम धाम से मनाया गया श्री कृष्ण जन्मोत्सव,राम को जो संस्कार मिले थे,वह अपने माता पिता से ही मिले थे,आज के युग मे आधुनिकता की चकाचौंध मे बच्चे अपने संस्कार खो रहे है-अनिल शास्त्री
संदीप कुमार
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले के नवीनगर स्थित मारवाड़ी धर्मशाला में कथावाचक अनिल शास्त्री ने भक्तों को अपने मुखारबिंद से श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग का रसपान कराया। सभी भक्तों ने मिलकर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव गाजे बाजे के साथ बहुत धूमधाम से मनाया। कथावाचक अनिल शास्त्री ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। कथा वाचक ने बताया कि भाद्रक्रष्ण अष्टमी की मध्यरात्रि मे भगवान नारायण बल रूप मे प्रकट हुए। श्री कृष्ण के जन्म के बाद जेल की सारी बेड़ियां खुल गई देवकी बाबा ने बालक कृष्ण को गोकुल नंदबाबा के यहा छोड़ आए।
बासुदेव श्री कृष्ण को छोड़कर और योगमाया को साथ लेकर वापस आ जाते है तब कंस द्वारा योगमाया को मारने का प्रयास किया जाता है। तब कन्या आकाश मे जाकर कंस को सतर्क करती है की तेरा काल इस धरा पर जन्म ले चुका है। कथावाचक अनिल शास्त्री ने कथा के माध्यम से बताया की उधर गोकुल मे कृष्ण के जन्म पर बधाईयां का दौर शुरू हो जाता है जिसमे चौरासी कोस ब्रज को आमंत्रित किया जाता है।
कथा स्थल पर श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर संगीतमय भजन पर सभी उपस्थित श्रद्धालुओं ने नृत्य किया।भजन नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की,कान्हा ने लिया अवतार बधाई पर भक्तों ने भजन गाकर खूब झूमाया और श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। कथा वाचक ने कहा कि हर माँ की ख्वाहिश होती है की उसकी संतान संस्कारवान हो। अनिल शास्त्री ने बताया कि राम को जो संस्कार मिले थे। वह अपने माता पिता से ही मिले थे। आज के युग मे आधुनिकता की चकाचोध मे बच्चे अपने संस्कार खो रहे है।
इस अवसर पर भागवत कथा के मुख्य अतिथियों को व्यासपीठ से सम्मानित किया। कथा के उपरांत महाआरती हुई और भगवान को भोग लगाने के पश्चात सबको प्रसाद वितरण किया गया। भागवत कथा में कैलाश प्रशाद कारीवाल, पार्वती कारीवाल, सत्येंद्र सिंह मझियावा, संजय सोनी, राज कुमार, खुशबु, ने भागवत जी का पूजन किया।आरती में श्याम बिहारी सिंह, सन्तन सिंह, राकेश सिंह , सूर्यवंश सिंह, मदन गुप्ता, सुशील बेरलीया, मुनी चंद बेरलीया, सुशील बंसल, ललू दुबे, शिकेश्वर रजक, कमला देवी चित्रा देवी सहित बड़ी संख्या मे श्रद्धालु उपस्थित रहें।