औरंगाबाद :भागवत कथा का हुआ आयोजन,संतों ने कहा झूठ बोलकर युवा युवतियों का विवाह करवाना धर्म एवं जनकल्याण का कार्य
मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद के देव खडीहा में भागवत कथा का आयोजन शनिवार की रात्रि में आयोजित हुई। देव के खडीहा निवासी यशवंत सिंह एवं मुनेश्वर सिंह के परिवार ने जन कल्याण के लिए भागवत कथा का आयोजन करवाया। भागवत कथा कहने आए सन्तों ने कहा कि प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में यज्ञोपवीत संस्कार को प्रमुख संस्कारों में से एक माना जाता है। यगोपवित्र को ही जनेउ कहा जाता है, जनेउ तीन धागों वाला सूत्र होता है। जिसे पुरुष अपने बाएं कंधे के ऊपर से दाईं भुजा के नीचे तक पहनते हैं।
भागवत कथा के दौरान कहा गया कि देवऋण पितृऋण और ऋषिऋण का प्रतीक यागोपवित को ही माना गया है। उसके बाद नारायण भगवान वामन के अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि मांग की कथा सुनाई गई।इसमें राजा बलि की अश्वमेध यज्ञ की चर्चा की गई। बताया गया कि उसके पूर्ण होने के बाद वह इंद्र के सिंहासन के अधिकारी बने थे। इसलिए वामन भगवान ने राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी थी ताकि वह अपना यज्ञ पूरा न कर सके और इंद्र का सिंहासन सुरक्षित रह सके।
इस दौरान बताया गया कि झूठ बोलकर युवा युवतियों का विवाह करवाना धर्म एवं कल्याण का कार्य कहलाता है।संत जी ने कहा हमेशा अपने इंद्रियों को अपने वशीभूत रखना चाहिए नहीं तो अपने लक्ष्य से भटक जाओगे। संतों ने कहा कि नारी तू नारायणी का अर्थ है।नारी तो साक्षात नारायणी का स्वरूप है वो सर्वोपरि है। नारी के अनेक रूपों का वर्णन हमारे वेदों पुराणों और इतिहास में वर्णित है। इस दौरान समाजसेवी रामाश्रय पांडे सिद्धेश्वर विद्यार्थी रामजी सिंह मनोज परमार अधिवक्ता यशवंत सिंह मुनेश्वर सिंह के सभी परिवार सहित अन्य ग्रामीण लोग भागवत कथा का रसपान किया।