औरंगाबाद :राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन, स्वास्थ्य जाँच शिविर के माध्यम से लोगो को मिला स्वास्थ्य का लाभ, रिकॉर्ड वाद का हुआ निष्पादन,एक इंसान सभी कार्यो में स्वयं को अच्छा साबित करता है-जिला जज

0


मगध एक्सप्रेस :-औरंगाबाद जिले में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद में तथा अनुमण्डलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में किया गया। इस राष्ट्रीय लोक का मुख्य उद्घाटन समारोह जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय श्री पुनीत कुमार गर्ग, प्रभारी जिला पदाधिकारी श्री मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक श्री हृदय कान्त, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव, प्रणव शंकर, जिला विधि संघ के अध्यक्ष श्री रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया। इस उद्घाटन समारोह में लोक अभियोजक श्री पुष्कर अग्रवाल, सहित काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण बैंक, बीमा के पदाधिकारीगण अन्य विभागों के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहें। पुरे कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निधि जायसवाल न्यायिक दण्डाधिकारी, प्रथम श्रेणी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगंतुको का स्वागत अभिभाषण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव श्री प्रणव शंकर द्वारा किया गया तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जितने भी वादकारीगण यहां आये हैं आप सभी के सहयोग से ही राष्ट्रीय लोक अदालत एक मुकम्मल स्थान को पायेगा उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत के हर गतिविधि को जन-जन तक पहुचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा।

राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर किसी का वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसका लाभ सिर्फ वादकारीगण को ही नहीं होता है बल्कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित न्यायालय पर भी मुकादमों का बोझ कम होता है और यह कई तरह के विधि व्यवस्था को कायम रखने में सहायक होता है, साथ ही जिनका वाद समाप्त होता है दोनों पक्षों के बीच पूर्व से उत्पन्न तनाव खत्म हो जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग के लिए पुलिस अधीक्षक और प्रभारी जिला पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा गया कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से सत्रह हजार से अधिक नोटिस को ससमय तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है जो इस जिला के लिए अपने आप में रिकार्ड है। इस अवसर पर इनके द्वारा उम्मीद जतायी गयी कि पिछले राष्ट्रीय लोक अदालत से ज्यादा इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत का निस्तारण होगा। अपने दूसरे संबोधन में जिला विधि संघ के अध्यक्ष श्री रसिक बिहारी द्वारा इस अवसर पर कहा गया कि पिछला राष्ट्रीय लोक अदालत तीन माह पूर्व लगा था और इस राष्ट्रीय लोक अदालत के समय देश में भी काफी बड़ा परिवर्तन हुआ है। भारत द्वारा चन्द्रयान-3 के सफलतापूर्वक दक्षिण धु्रव पर पहुचने की बात करते ही पुरा परिसर तालियों से गुंज उठा। भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जो दक्षिण धु्रव पर पहुचा। उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत पर चर्चा करते हुए कहा कि असहमति को सहमति में बदलना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य है और जिला विधिक सेवा प्राधिकार निरंतर यह कार्य कर रहा है। इस अवसर पर कहा गया कि दया करने वालो को हमेशा याद किया जाता है इसलिए करूणा का भाव होना आवश्यक है.

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री संजय कुमार सिंह द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर आज आपको राष्ट्रीय लोक अदालत में बुलाया गया है तो इसका उद्देश्य है कि न्यायालय आपको सजा देना नहीं चाहते और आपका वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से हो जाता है तो यह किसी की हार और किसी की जीत नहीं। प्रभारी जिला पदाधिकारी श्री मनोज कुमार द्वारा बताया जो मामले समझौते के माध्यम से हल किया जा सकता है उनके द्वारा कहा गया कि मैने स्तरो पर सेवा की है और पूर्व में भी लोग कहते थे कि हमारे वाद को राष्ट्रीय लोक अदालत में भेज दिजीय आज के समय में राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व काफी बढ़ गया है और लोगो को इसका अधिका से अधिक लाभ लेना चाहिए। उनके द्वारा कहा गया कि अगर किसी तरह के सुलहनीय मामले न्यायालय में चलते हैं तो व्यक्ति कई तरह के परेशानियों का सामना करता है और राष्ट्रीय लोक अदालत उनके लिए एक उम्मीद है। जमीन के बढ़ते विवाद पर उनके द्वारा चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से लोग अपने वादों के निस्तारण के लिए आगे आयें।


अपने सम्बोधन में पुलिस अधीक्षक श्री हृदयकान्त द्वारा कहा कि हमारे संविधान में जो त्वरित न्याय दिलाने की परिकल्पना की गयी है उसके परिप्रेक्ष्य में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां त्वरित न्याय मिलता है और इसका निस्तारण आपसी सामन्जस से किया जाता है इसलिए कोई भी पक्ष यहां से निराश होकर नहीं जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होने वाले वादों में व्यक्ति को समय, उर्जा, पैसा के बचत के साथ-साथ कई स्तरों पर सहुलियत और सुकुन का अनुभूति करता है।परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री पुनीत कुमार गर्ग द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते कहा गया कि यह कई स्तरो पर लोगो को त्वरित न्याय प्रदान करने और अपने सुलहनीय वादों का निस्तारण का एक सशक्त माध्यम है।


अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष श्री सम्पूर्णानन्द तिवारी ने सभी विभागों के सहयोग के धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सभी गतिविधियों का आपके द्वारा प्रतिदिन महत्वपूर्ण स्थान देते हुए विगत एक माह से अधिक समय से राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व के बारे में प्रचारित-प्रसारित किया गया है जिसका व्यापक असर हुआ है। उन्होंने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा बड़ी संख्या में नोटिस तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है जिसका प्रतिफल आज न्यायालय में इतनी भीड़ है। उन्होंने कहा कि संवाद से बढ़कर कुछ नहीं है और ज्यादातर अपने आप में संवाद स्थापित नहीं कर पाते और राष्ट्रीय लोक अदालत संवाद स्थापित करने का एक माध्यम है। न्यायिक प्रक्रिया तो अलग काम करता है परन्तु राष्ट्रीय लोक अदालत में संवाद स्थापित करते हुए वादों का निस्तारण कराया जाता है। उन्होंने भी अपने सम्बोधन में कहा कि कई तरह के छोटे-छोटे झगड़े होते हैं और न्यायालय में कई-कई दिनों तक लोग आते हैं परन्तु राष्ट्रीय लोक अदालत में संवाद स्थापित करते हुए इसका निस्तारण किया जाता है। उनके द्वारा कहा गया कि अगर एक अच्छा इंसान होता है तो उसमें कई तरह के गुण अपने-आप हो जातें है अगर वह अधिवक्ता के पेशा से जु़ड़ा हो तो उसमें एक अधिवक्ता का गुण स्वतः ही रहेगा अगर वह न्यायाधीश है, पिता है, पुत्र है, या किसी भी व्यवसाय में है हर जगह उसका मानवीय पक्ष दिख जायेगा।


इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी श्री योगेश कुमार मिश्र ने किया तथा अपने संबोधन में अतिथियों ने लोगों को लोक अदालत का महत्व एवं फायदे के विषय में लोगों को बताया और लोगों से अधिक से अधिक इस अवसर का लाभ उठाने हेतु अपील किया। अपने संबोधन में कहा कि आज राष्ट्र्ीय लोक अदालत का आयोजन जन कल्याण के लिए किया गया हैं क्योंकि लोक अदालत एक एैसा माघ्यम है जिसमें न तो किसी की हार होती हैं न ही किसी की जीत होती हैं। राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग करने वाले सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।


कई साल पुराने मामलें का भी हुआ निस्पादन।
यह राष्ट्रीय लोक अदालत कई मामलें में अविष्मरनीय रहा इस लोक अदालत में जहा अपने वाद के निष्पादन में अपने कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित किया वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामले का निष्पादन हुआ जो दसको पुराने थे जिनमें नगर थाना कांड सं0 395/2003 में सूचक रामजी सिंह द्वारा अभियुक्त सुर्यदेव यादव, विरेन्द्र यादव, ब्रह्मदेव यादव पर मारपीट करने तथा पैसा लेने का मामला 20 साल पुराना था जो बेहद ही छोटे अपराध का था को समाप्त किया गया इसी तरह टण्डवा थाना काण्ड संख्या 18/2007, नगर थाना काण्ड संख्या 513/2008 जैसे दर्जनों वाद जो वर्षो पुराने मामले इस लोक अदालत में निस्पादित हुए।

राष्ट्रीय लोक अदालत में 2619 वाद का निष्पादन के साथ कुल 05 करोड़  का समझौता कराया गया   

 राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 04 वादों में कुल 62  लाख रूपये का समझौता कराया गया| पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित  04 वाद,  आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 446 वाद, एन आई एक्ट के 08, मामलों में 21 लाख का समझौता, टेलीफ़ोन के 08 मामलों में, माप तौल  इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 655 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 1482 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 04.5-करोड़  रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया। इस तरह कुल 2619 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 05 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के मामले में न्यायालय से जुड़े मामलों में ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है| पिछला रिकॉर्ड 397 व्यवहार न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन का था जो बढ़ कर 466 वादों का निष्पादन हुआ|लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 466 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद को निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संपूर्णानंद तिवारी, का मार्गदर्शन और सभी न्यायिक पदाधिकारियों,  वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं लोक अदालत से जुडें समस्त लोगों के सहयोग से संभव हुआ है इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद

इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार, कर्मी श्री सुनील कुमार सिंह, परसुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल स्टाफ अर्पणा सहाय, सुनील कुमार सिन्हा, और सहयोगी श्री नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही|राष्ट्रीय लोक अदालत की मुख्य विशेषता यह रहा की राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जाँच शिविर का आयोजन विधिक सेवा सदन में किया गया था जिसमे सुगर, विपी, के साथ साथ चिकित्सीय जाँच और दवा का वितरण,इत्यादि प्रमुख सुविधावों से वादकारियों के साथ साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed