औरंगाबाद :कार्तिक छठ मेला को लेकर समीक्षा बैठक,राजकीय मेला का घोषणा होने के बाद भी उपेक्षा के शिकार हो रहा कार्तिक छठ मेला,अभी से तैयारी शुरू करने का सख्त निर्देश
Magadh Express :-ऐतिहासिक पौराणिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण सूर्य तीर्थ स्थल देव में आगामी चार दिवसीय कार्तिक छठ मेला को लेकर देव प्रखंड कार्यालय के सभागार में प्रमुख मानमती देवी के अध्यक्षता में समीक्षात्मक बैठक की गई। समीक्षात्मक बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी कुंदन कुमार, अंचलाधिकारी आशुतोष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार,पंचायती राज पदाधिकारी रवि रंजन, पशुपालन पदाधिकारी प्रमोद कुमार, थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडेय,लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण आशुतोष कुमार उपस्थित रहे। कार्तिक छठ मेला में भीड़ नियंत्रण को लेकर चर्चा की गई।
उपस्थित लोगों ने बारी-बारी से सभी विभाग के अधिकारियों को ध्यान आकृष्ट कराते हुए देव कार्तिक छठ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बिजली, पेयजल सुरक्षा,स्वास्थ्य ,आवागमन ,आवासन, पार्किंग की व्यवस्था आदि के बेहतर प्रबंध और आवश्यक सामानों की उचित दर पर उपलब्धता मेला क्षेत्र मे हो। देव के सड़कों से अतिक्रमण हटाने पर भी चर्चा की गई। समीक्षा के दौरान अंचलाधिकारी आशुतोष कुमार ने कहां की आगामी देव कार्तिक छठ मेला के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो इसके लिए जिलाधिकारी सौरव जोरवाल के निर्देश पर बैठक की गई है। हर बिंदुओं पर चर्चा की गई। कहा कि अगली बैठक 31 अगस्त को जिला मुख्यालय में अधिकारियों एवं स्थानीय प्रशासन के साथ की जाएगी।
राजकीय मेला का घोषणा होने के बाद भी उपेक्षा के शिकार हो रहा कार्तिक छठ मेला
कार्तिक छठ मेला को लेकर बैठक में पहुंचे लोगों ने बताया कि देव कार्तिक छठ मेला को 5 वर्ष पूर्व राजकीय मेला का दर्जा मिलने की घोषणा सूबे के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल ने की थे। मंत्री ने यह घोषणा देव कार्तिक छठ मेला का उद्घाटन करने के बाद किया था। उद्घाटन समारोह में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री सह जिले के प्रभारी मंत्री ब्रजकिशोर बिंद, सांसद सुशील कुमार सिंह, विधायक आनंद शंकर सिंह, एमएलसी राजन कुमार सिंह, पूर्व मंत्री रामाधार सिंह सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। राजस्व व भूमि सुधार मंत्री ने कहा था कि देव का अब सर्वांगीण विकास होगा। इस बार ही मेले की राशि बढ़ा दी गई है। मेले को राजकीय दर्जा मिलने के बाद व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन का दावा खोखला है। देव कार्तिक छठ मेला को राजकीय मेला का घोषणा होने के बाद भी उपेक्षा के शिकार हो गया। बैठक में उपस्थित लोगों ने मेले की व्यवस्था को बेहतर इंतजाम कराने का अनुरोध किया।
देव सूर्य मंदिर में छठ करने का महत्व
इस मंदिर में छठ करने का अलग ही महत्व है. कहा जाता है कि यहां भगवान सूर्य तीन स्वरूपों में विराजमान हैं. पूरे देश में यही एकमात्र सूर्य मंदिर है जो पूर्वाभिमुख न होकर पश्चिमाभिमुख है. मंदिर के गर्भ गृह में भगवान सूर्य, ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में विराजमान हैं. गर्भगृह के मुख्य द्वार पर बाईं ओर भगवान सूर्य की प्रतिमा है और दायीं ओर भगवान शंकर के गोद में बैठी प्रतिमा है.
सूर्य मंदिर के प्रधान पुजारी सच्चिदानंद पाठक के अनुसार कार्तिक छठ पूजा 28 अक्टूबर शुक्रवार के नहाये खाये, 29 अक्टूबर शनिवार के खरना (लोहंडा), 30 अक्टूबर रविवार के संध्या अर्घ्य, 31 अक्टूबर सोमवार के (पारण) उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त होगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संतान की कामना करने वाली महिलाओं के लिए यह व्रत उत्तम माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, छठी मैय्या को भगवान सूर्य की बहन कहा जाता है। मान्यता है कि छठ महापर्व में छठी मैय्या व भगवान सूर्य की पूजा करने से छठी मैय्या प्रसन्न होती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से घर में सुख-शांति व खुशहाली आती है। बैठक में उदय सिंह, समीर मिश्रा, पूर्व मुखिया नंदकिशोर मेहता, भोला सिंह, भूपेश यादव,नंदलाल कुमार, पंचायत समिति रोशन सिंह, चंदन कुमार, आदि लोग मौजूद रहे।