औरंगाबाद :कांडी मे आयोजित दो दिवसीय नाट्य कला उत्सव कार्यक्रम संपन्न

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संदीप कुमार

मगध एक्सप्रेस :- औरंगाबाद जिले के नवीनगर प्रखंड के टंडवा थाना क्षेत्र के रामपुर पंचायत अंतर्गत गणेश कांडी ग्राम मे दिपोत्सव के उपलक्ष्य मे हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजित दो दिवसीय नाट्य कला उत्सव कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हो गया।दुसरे दिन विर रस नाटक दिल्ली गढ़ की लड़ाई उर्फ बहोरन का व्याह का हुआ सफल मंचन। सदीयो पूर्व शादी ब्याह के लिए करनी पड़ती थी जंग,चलती थी तलवारें। एक रिश्ता बनाने में लाशों से पट जाती थी मैदान । आज जहां आधुनिकता के इस बदलते परिवेश मे नाटक जैसी पुरानी परंपरा पुरी तरह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुका है जिसे कांडी गांव के लोग जिवंत बनाए हुए हैं । नाटक के माध्यम से समाज मे प्रचलित कुरितियों को खत्म करने के साथ सत्य के मार्ग पर चलने के लिए ग्रामीण कलाकारों द्वारा लोगों को प्रेरित करने का यह उद्देश्य काफी सराहनीय है। ग्रामीण कलाकारों के द्वारा दो दिवसीय नाटक का सफल मंचन किया गया।

पहले दिन सामाजिक नाटक कानून और रिसता का सफल मंचन करते समाज को सभ्य, सुरक्षित व इंसानियत धर्म का निर्वहन करने की प्रेरणा दिया और बताया की सत्य ही जिवन का सही मार्ग है। समाज मे व्याप्त अशिक्षा तथा सामाजिक भेदभाव जैसी खाई को पाटने सहित दुसरे दिन आल्हा खंड विर रस नाटक दिल्ली गढ़ की लड़ाई उर्फ बहोरन का व्याह का मंचन हुआ।नाटक के माध्यम से दहेज प्रथा एवं बाल विवाह मुक्त बिहार बनाने के लिए लोगो को जागरुक किया। इस तरह दो दिवसीय 74 वां नाटकोत्सव कार्यक्रम संपन्न हो गया। नाट्य कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों की खुब वाह वाहीया बटोरी। कलाकारों ने संगीतमय नाटक के माध्यम से दहेज नहीं लेने और नही देने के साथ-साथ कम उम्र में बेटा या बेटी की शादी नहीं करने के लिए लोगों को जागरुक किया।इसके साथ ही महिलाओं तथा लड़कियों को अपने हक और अधिकार की रक्षा करने के लिए भी प्रेरित किया। लोगों को यह भी बताया कि इनके अधिकार की रक्षा करना धर्म है,तो मानवता को शर्मसार नहीं होने देना तथा मानव हितो की रक्षा करना सभी का कर्तव्य भी है।

नाटक के माध्यम से दर्शाया कि विकट परिस्थिति के बावजूद सत्य धर्म का पालन के लिए सामर्थ रहे। यदि प्रत्येक व्यक्ति सत्य पर कायम रहे तो समाज,परिवार के साथ एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण भी संभव है। साथ ही यह भी दिखाया कि कैसे आज से सदीयो पहले एक विवाह करने के लीए समाज के कितने लोगों को अपनी जानें गंवानी पड़ती थी।एक जोड़ी रिश्ते कायम करने के लिए किस तरह जंग होती थी कैसे तलवारें चलती थी तब जाकर एक रिश्ता बनाता था। इस दौरान जंगे मैदान लाशों से पट जाती थी नाटक के माध्यम से बखुबी दिखाया गया।जिसकी खूब प्रशंसा हुई। संगीतबद्ध प्रस्तुत हो रहे नाटक के अगले सिन में क्या होगा जानने के लिए दर्शक उत्सुक रहते और जैसे ही पर्दा खुलता तालियों की गड़गड़ाहट से कार्यक्रम परिसर गुंज उठता था। हास्य व्यंग और जंग के साथ रोमांस से भरपूर स्थानीय सभी ग्रामीण कलाकारो की प्रस्तुति को काफी सराहना किया गया। मौके पर पैक्स अध्यक्ष रामाशीष पाल,नाट्य कला निर्देशक कृष्णा सिंह,सह निर्देशक प्रेम तिवारी,पूजा समिति अध्यक्ष रौशन कुमार सिंह, शिवपुजन सिंह,पूर्व उप सरपंच गजेन्द्र सिंह,उमेश तिवारी, देवपुजन सिंह, प्रवेश सिंह समेत लक्ष्मी पुजा समीती के सभी सदस्य एवं ग्रामिण कलाकार शामिल थे।

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