Aurangabad:एचएमपीवी महामारी को ले स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर,बचने के लिए जारी किया निर्देश
संदीप कुमार
Magadh Express:-बिहार राज्य स्वास्थ्य सचिव नें कोरोना जैसी घातक महामारी एचएमपीवी जो लाइलाज है।इस महामारी से बचने के लिए राज्य स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह के द्वारा राज्य के सभी जिला पदाधिकारी , सभी प्राचार्य एवं अधीक्षक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बिहार, सभी सिविल सर्जन – सह – सदस्य सचिव, जिला स्वास्थ्य सचिव, बिहार को पत्र लिखकर सचेत करते हुए चायना से आये इस संक्रमण जनित बिमारी से बिहार की जनता की स्वास्थ्य एवं जान की रक्षा हेतु दिशा निर्देश जारी किए हैं तथा बचाव के उपाय भी पालन करानें हेतु सुनिश्चित किया है। इस बीमारी के लक्षण कोरोना जैसी ही तेज खाँसी, नाक बहना, गले में खरास एवं दर्द, सांस लेने में तकलीफ, खुजली होना इत्यादि है।
इस बीमारी से बचाव कोविड़ 19 की तरह हाँथों को साबुन पानी से लगातार धोते रहना, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखना, गंदे हाथों से आँख, नाक एवं मुँह को नहीं छुना,संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की गयी बस्तुओं को लगातार साफ सफाई करते रहना , खाँसते एवं छिंकते समय नाक एवं मुंह को ढ़ँक कर रखना , मास्क का प्रयोग अनिवार्य रूप से करना ,संक्रमण के लक्षण दिखने पर खुद को अपने घर में अकेले आइसोलेट करना है। इस बीमारी में 6 O वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति तथा छोटे बच्चों का खास ध्यान रखने की हिदायत दी गई है जिनकी इम्युनिटी पावर कम होता है ऐसेलोगो के लिए इम्युनिटी पावर बढ़ाने की दवा का सेवन करने की सलाह दी गई है। एचएमपीवी महामारी को लेकर स्वास्थ्य महकमा हाई अलर्ट पर है। बिहार सरकार ने अस्पतालों को सतर्क रहने व व्यवस्था को दुरुस्त रखने का दिया आदेश दिया है। इसकी गंभीरता को देखते हुए अस्पतालों को सतर्क रहने व व्यवस्था को दुरुस्त रखने का आदेश दिया है।
एचएमपीवी सांसों से संबंधित बीमारी है। इससे सतर्क रहने व सावधानी बरतने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिला स्वास्थ्य केंद्रों को इस वायरस से निपटने के लिए सतर्कता बरतने और आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए हैं। चिकित्सकों ने इससे बचने के लिए गाइडलाइन जारी कर इसका पालन करने की सलाह दी है। जारी गाइडलाइन के अनुसार अस्पतालों को दुरुस्त किया जा रहा है। चिकित्सीय उपकरणों को भी दुरुस्त करने को कहा गया है। साथ ही मानक के अनुसार विशेष वार्ड की भी व्यवस्था की जा रही है। वही चिकित्सकों ने बताया कि एचएमपीवी वायरस श्वसन तंत्र से संबंधित संक्रमण फैलाने वाला एक खतरनाक वायरस है।
यह मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं। इस कारण यह पकड़ में नहीं आ पाता है। लेकिन, यह गंभीर संक्रमण फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है और निमोनिया या ब्रोंकाइटिस जैसी स्थितियां पैदा कर सकता है। इससे सांसों की बीमारी वाले या हंफनी वाले रोगियों को काफी सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए चिकित्सीय उपकरण, दवाइयां और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता पर जोर दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें। इस तरह के लक्षण मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच कराएं। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि, वे इस संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।