औरंगाबाद :[नवीनगर]कागजों पर ही सिमटा ओडीएफ, अब भी खुले में शौच जा रहे लोग, अभियान का बना मजाक नवीनगर मे बंद पडे है शौचालय
नवीनगर से संदीप कुमार
मगध एक्सप्रेस :-सरकार चाहे जितना भी प्रयास करें जब तक लोगों की सोच में बदलाव नहीं होगा तब तक स्वच्छ भारत अभियान की सार्थकता पर यूं ही प्रश्न चिन्ह लगता रहेगा। सरकार के प्रयासों से कस्बे की पंचायत को खुले में शौच मुक्त होने का कागजों में तो सम्मान प्राप्त हो गया। मगर वास्तविकता इससे ठीक विपरीत हैं। सुबह-सुबह शौच जाने वालों की मानसिकता में कोई बदलाव नहीं होने से कस्बे के चारों ओर खुले में गंदगी के अंबार लगे होते हैं। कई रास्तों पर तो बदबू के चलते निकलना भी मुश्किल हो जाता हैं। नवीनगर प्रखंड का कोई भी ऐसा पंचायत नहीं है। जहां के लोग अभी भी खुले में शौच नहीं जा रहे हों।जबकि लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शौचालय का निर्माण भी कराया गया। पर इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। या कहे तो फिर इसे कागजों पर हीं ओडीएफ घोषित किया गया है।जिससे इस अभियान के क्रियान्वयन पर कई सवाल खड़े हो रहे है। यदि सही तरीके से ओडीएफ घोषित किया गया होता तो यह स्थिती देखने को नहीं मिलती है।
ग्रामीण क्षेत्रों की बात तो छोड़िए नवीनगर प्रखंड मुख्यालय का भी यही हाल है। जो स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहा है। ओडीएफ घोषित करने के नाम पर पंचायत से लेकर प्रखंड व जिला स्तर पर बड़ा अभियान चलाया गया था पर वह अभियान सिर्फ समारोह तक ही सिमटकर रह गया।नवीनगर नगर पंचायत प्रशासन के द्वारा नगर पंचायत के हर वार्ड के हर घर में शौचालय होने का दावा कर नवीनगर नगर पंचायत को वर्ष 2019 में ओडीएफ घोषित किया गया था।ओडीएफ घोषित होने के बाद भी लोग मुख्य सड़क एवं पुनपुन नदी के किनारे शौच करते नजर आ जाएंगे।ओडीएफ घोषित होने के 5 वर्ष के बाद भी नवीनगर नगर पंचायत को खुले में शौच से मुक्ति नहीं मिली है। नगर पंचायत के कई वार्ड में सड़क के किनारे शाम में और सुबह में महिलाएं व पुरुष खुले में शौच करते नजर आएंगे। सरकार के द्वारा नगर पंचायत एवं ग्राम पंचायत को शौच से मुक्त करने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन सरकार की योजना पूरी तरह धरातल पर नहीं उतर रही है।
नवीनगर नगर पंचायत के ओडीएफ घोषित होने के बाद भी खुले में शौच से मुक्ति नही मिला सका साफ सुथरा व स्वच्छ रखने हेतु नगर पंचायत के द्वारा नवीनगर बाजार में तीन सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया गया है। वार्ड नंबर 5 जनकपुर पोखरा पर 15 लाख रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय बनाया गया। शौचालय बनने के एक महीने तक तो चला लेकिन उसके बाद से बंद पड़ा हुआ है। वहीं वार्ड नंबर 9 मंसूरी मुहल्ला में 16 लाख रुपए की लागत से बनाया गया सार्वजनिक शौचालय बेकार पड़ा हुआ है। शौचालय बनने के बाद से आज तक चालू ही नहीं हुआ।शौचालय में ताला लगा हुआ है। वही शौचालय के बाहर गंदगी का अंबार लगा है। वहीं दूसरी ओर बस स्टैंड के समीप बना सार्वजनिक शौचालय भी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है जो कभी भी धराशाई हो सकता है।
नगर पंचायत के 1 से 14 वार्ड में कुल 34 हजार कि आबादी है। नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी के ढूल मूल रवैए के कारण बनाया गया दोनों सार्वजनिक शौचालय बेकार पड़ा हुआ है। दोनों शौचालय बंद रहने के कारण गांव से बाजार करने नवीनगर आने वाले ग्रामीणों को खासकर महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। नवीनगर का मुख्य बाजार मंगल बाजार में सार्वजनिक शौचालय नहीं होने से लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। इस संबंध में पूछने पर नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी श्याम नंदन प्रसाद ने बताया कि वार्ड नंबर 5 एवं 9 में बनाया गया शौचालय की स्थिति ठीक है। जल्द ही अन्य शौचालय को साफ सुथरा कराकर लोगों के लिए चालू करा दिया जाएगा।