स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127 वीं जयंती गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस पार्टी के तत्वाधान मे मनाई गई।सर्वप्रथम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, वामपंथी चिंतक इंजीनियर मुरारी शर्मा, प्रद्युम्न दुबे, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, मोहम्मद समद, श्रवण पासवान, टिंकू गिरी, विनोद उपाध्याय, बाल्मीकि प्रसाद, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, आदि ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस 1921 में आई सी ए स जैसी प्रतिष्ठित सेवा का लोभ ठुकरा कर देशबंधु चितरंजन दास के शिष्य त्व मे कॉंग्रेस पार्टी से जुड़े थे।
जो सन 1937 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कहा था, मुझे इसमे तनीक भी संदेह नहीं कि हमारी दरिद्रता, निरक्षरता, और बिमारी के उन्मूलन, वैज्ञानिक उत्पादन तथा वितरण से संबंधित समस्याओं का समाधान समाजवादी मार्ग पर चल कर ही प्राप्त होगा।नेताओं ने कहा कि आजादी की लड़ाई में नेताजी सुभाष चंद्र बोस का यह नारा की ‘ तुम मुझे खून दो, मैं तुझे आजादी दूँगा के नारे को सुनने के बाद छात्र, युवाओ के रोंगटे खड़े हो जाते थे। नेताजी छात्रों को ‘ भविष्य का उत्तराधिकारी ‘ बताते हुए कहते थे कि देश के उधार की सच्ची शक्ति सामर्थ्य उनमे ही है, इसलिए वे अपने को जनता से जोड़े।नेताओं ने कहा कि आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को हम भारतवासि ” देश प्रेम दिवस ” के रूप में सभी शिक्षण संस्थानों, सरकारी कार्यालयों सहित घर, घर, जन- ज़न मे मनाने की आवश्यकता है।नेताओं ने फल्गु नदी पर बने सिक्स लेन पुल का नामकरण नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिक्स लेन पुल करने, तथा पश्चिम छोर के उत्तर खाली भूमि में इनकी आदम कद प्रतिमा लगाने की मांग सरकार से किया है।